मैं यादों में खो गई थी क्योंकि आज मेरी विकास के साथ शादी के पचास साल लंबे गुजर गए थे ।आज ही के दिन पचास साल पहले हम दोनों शादी के पवित्र बंधन में बंध गए थे । ऐसा लगता है किजैसे कल ही तो हम मिले थे ।हम दोनों ने एक-दूसरे को देखा और पसंद किया था और पचास बरसों मेंकुछ भी तो नहीं बदला ।हमारा प्यार एक-दूसरे के लिए कम नहीं हुआ । मैं नहीं कहती कि कभी भीहमारे बीच लड़ाई नहीं हुई या हम एक-दूसरे से रूठे नहीं सब हुआ रूठना मनाना सब कुछ था ।
उसी समय पीछे से किसी ने मेरे कंधे पर हाथ रखा और कहा शादी के पचासवें साल गिरह की बहुतबहुत बधाई ।मैं समझ गई विकास हैं ।आज भी उनके स्पर्श से मैं छुई-मुई सी हो जाती हूँ । विकासहँसते हुए कहा करते थे कि हमारे घर में एक जीता जागता छुई-मुई का पौधा है जो छूते ही सिमटजाती है । मैंने कहा आपको भी पचासवीं साल गिरह की बहुत बहुत बधाई । आप बैठिए मैं आपकेलिए चाय बनाकर लाती हूँ । हम दोनों हर सुबह मिलकर चाय पीते हैं ।
यह हमारा रोटीन का काम था ।विकास टूर पर जाते थे तो ही मुझे अकेले चाय पीना पड़ता था । हम दोनों बैठकर पुराने दिनों को यादकरते जा रहे थे । विकास ने कहा तुम्हें याद है जब माँ ने तुम्हें पहली बार डाँटा था तुम तो रात भर रोतीरही ।एक रात को तुमने तो रोने में बर्बाद कर दिया और हँसने लगे वाहह उस दिन को याद करती हूँ नतब आज भी मेरी आँखें भर आती हैं ।पहली बार मुझे किसी ने डाँटा था ।माता-पिता की तो मैं लाड़लीथी न । बस मेरी जान फिर कभी तुमने माँ को डाँटने का मौक़ा ही नहीं दिया था न । मैंने कुछ सोचते हुएकहा —हूँ -वह भी आपके कारण आपने मेरे लिए अपना ट्रांसफ़र जो करा लिया था ।
हम दोनों ज़ोर ज़ोर से हँसने लगे–मैं तुम्हें रोते हुए या उदास नहीं देख सकता था सुलू । मेरा नामसुलोचना था मुझे प्यार से विकास सुलू बुलाते थे । उन्होंने ने कहा मेरी माँ तो तेज़तर्रार थी ।उन्हें मैंकभी भी रोक नहीं सकता था तो मुझे लगा ऐसा उपाय निकालें कि लाठी भी न टूटे और साँप भी मरजाए और ईश्वर ने मेरी सुन ली ऑफिस से हैदराबाद जाने का आर्डर आया बस फिर क्या हम वहाँ सेनिकल गए ।
आज देखो शादी के पचास साल बाद भी हम खुश हैं । हमने हमारे दोनों बच्चों को पढ़ाया लिखायाऔर दोनों की शादियाँ भी कर दिया । दोनों को एक एक लड़का है । हम अब भी साथ में रहते हैं कभीबेटी के पास अमेरिका जाते हैं कभी बेटे के पास केनडा बस ज़िंदगी आराम से गुजर रही है ।
शादी के बाद सब कुछ अच्छा चल रहा है । हम दोनों भी रिटायर हो गए हैं और अपने अपने पसंदीदाकाम कर रहे हैं जिसमें हमें ख़ुशी मिलती है।
मैं ईश्वर को शुक्रिया अदा करती हूँ कि हम दोनों को उन्होंने मिलाया है शादी के बंधन में बाँध करदुनिया भर की ख़ुशियाँ दी हैं । शादी वह रिश्ता है जिसमें दोनों को ही एडजेस्ट होना पड़ता है यह दिलसे दिल का रिश्ता है जो कब जुड़ कर मज़बूत हो जाता है हमें पता ही नहीं चलता है । बस एक-दूसरेको समझते हुए आगे बढ़ें तो यह दिल का रिश्ता ज़िंदगी का बहुत ही खूबसूरत सफर बन जाता है ।
दोस्तों एक-दूसरे को समझिए दो अलग-अलग परिवारों में पले दो व्यक्तियों को इतने साल एक साथबिताने के लिए बहुत कुछ सीखने की ज़रूरत होती है ।हम कुछ खोते हैं पर बहुत कुछ पाते भी हैं ।इसलिए शादी के बाद सब कुछ अच्छा चाहते हो तो एक दूसरे के लिए अच्छे बनकर देखो!!!
#दिल_का_रिश्ता
के कामेश्वरी