ये कैसी चाहत – गुरविंदर टूटेजा

तान्या बेटा हम तुम्हारी भलाई के लिए ही बोल रहें हैं…तुम्हें समझ क्यूँ नहीं आ रहा वो लड़का तुम्हारे लिए सही नहीं हैं…मैंने दुनिया देखी हैं मेरा तजुर्बा ये कहता हैं कि वो तुम्हारा साथ नहीं देगा…!!!!

पापा प्लीज़ आप मेरी बात मानियें वो मुझे बहुत चाहता हैं कभी मेरे साथ गलत नहीं करेगा…पापा आप उसके साथ मेरी शादी करा दीजिये ना…आपने आज तक मेरी हर ख्वाहिश पूरी की हैं तो आज भी मान जाईयें ना…!!!!

मम्मी ने कहा…संजय आपने हमेशा से इसकी बात मानकर इसे सिर पर बैठा लिया पर आज आप नहीं मानेंगे…

!!!!

मम्मी आप क्यूँ पापा को भड़का रही हों..!!

संजय जोर से चिल्लाया कि तुम दोनों चुप हो जाओ…लता इस बार वो गलत है तो मैं किसी कीमत इसकी बात नहीं मानूँगा…क्योंकि मुझे पता है कि वो लड़का इसके लिए सही नहीं है..

वो तो इसलिए प्यार का नाटक कर रहा हैं…उसको पता हैं तुम हमारी इकलौती बेटी हो तुम्हारा पैसा चाहता है..!!!!

ऐसा कुछ नहीं है पापा…युग मुझसे प्यार करता हैं…उसे मुझसे कुछ नहीं चाहिए…!!!!

  तान्या हम दोनों इस रिश्तें के लिए राजी नहीं हैं…बात खत्म अब इस बारें में कोई बात नहीं होगी…!!!!

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  सुबह घबराई सी लता ने संजय को उठाया कि तान्या भाग गयी…!!!!

संजय गुस्से में उठा और उसकों ढूँढनें निकल गया लता ने बोला कि हमें आर्यसमाज में शादी करवातें हैं वहाँ पता करना चाहिए…वहाँ जाकर देखा तो उनकी बेटी शादी कर चुकी थी…दिल टूट गया…पर उसका कहना था कि वो बालिग हैं हमारा कोई हक नहीं बनता बोलनें का…संजय ने सब रिश्तें तोड़ दियें और लता को भी वापस ले आया..कितनें अरमान थें…कभी नहीं सोचा था कि बेटी ऐसे विदा होगी…!!!!

  आज पाँच महीनें हो गये थे…आज तान्या का फोन आया तो संजय ने ना खुद बात की ना लता को करने दी…!!

  तान्या की शादी के ढाई साल बाद आज शाम के सवा सात बजे किसी ने जोर-जोर से दरवाजा खटकाया…खोला तो सामने पुलिस खड़ी थी…देखकर लता घबरा गयी जी कहियें संजय को आवाज लगाई..!!!!

हम अंदर आ सकतें हैं…जी आईये..!!!!

पुलिस वालों में से एक ने कहा बैठियें आप दोनों…जी आप यहाँ कैसे..??

देखिये हम आपकी बेटी तान्या के केस के सिलसिलें में आपके पास आयें हैं..!!!!

 आपकी बेटी ने युग नाम के लड़के से शादी की थी तो वो उसे बहुत मारता था ये उसके पड़ोसियों ने बताया…!!!!

दोनों के होश उड़ गये कि…तो अब तान्या कहाँ है…कैसी हैं हमारी बेटी दोनों ने लड़खड़ाती आवाज़ में पूछा..????




आपके लियें बुरी खबर हैं कि…आपकी बेटी अब इस दुनिया में नहीं हैं..!!!!

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  आँखों से आंसू ही बहने लगे पूछनें की हिम्मत ही नहीं हुई…क्या..कैसें…??

एक कान्स्टेबल को पड़ौसियों को बुलाने भेज दिया गया…!!!!

जब जवाब कैसे का आया…तो हर हिल गया…माँ बेहोश हो गई व पिता सुनतें ही जड़वत हो गया कि…जिस बेटी पर हाथ तक नहीं उठाया कभी…उसकों टुकड़ों में काट दिया और अलग-अलग जगह फैंक दिया…इतनी निर्दयता उसके साथ जिसने उसे जी-जान से प्यार किया अपने माँ-बाप को छोड़ दिया…!!!!

माँ तो खामोश हो गई पर पिता पागलों की तरह चिल्ला रहा था कि…क्या कसूर था हमारा कि हमने अपनी बेटी को लाडों से पाला….कभी उस पर हाथ उठाना तो दूर उसें खरोंच भी नहीं लगने दी..समझाया कि वो उसके लिए सही नहीं हैं..पर वो नहीं मानी चली गयी हमारा दिल तोड़कर…फिर आज ये क्या हो गया कि हम टूटकर बिखर गयें..क्यूँ किसी की बेटी को तड़पातें हो और फिर उसे टुकडों में बाँट आते हो…वो तो चिल्ला-चिल्ला कर बोलती रही कि वो मुझे चाहता है…मैं आज सबसे पूछता हूँ कि…ये कैसी चाहत…??

सही में भी वो बाप पागल हो गया और हर किसी आने-जाने वाले से एक ही सवाल करता है…ये कैसी चाहत…????

 

चाहतें हो जो किसी को…

तो उसकों टुकड़ों में ना बाँटों…!!!!

मां-बाप के दिल का टुकड़ा हैं वो…

उसें इतनी बेरहमी से तो ना काटों…!!!!

#चाहत

गुरविंदर टूटेजा

 उज्जैन (म.प्र.)

 

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