यह अमीर ससुराल वाले बहू की बारी आते ही गरीब क्यूं हो जाते हैं ?? – स्वाति जैन : Moral Stories in Hindi

नायरा , आओ हमारे साथ डांस करो , आखिर हमारे चाचा के लड़के रोहन की शादी हैं , रोहन और चाचा – चाची ने हमें घर की सगी बेटियों जैसा प्यार दिया हैं ,तुम तो हम सभी बहनों में सबसे अच्छा डांस करती हो मगर जब से शादी में आई हुं तब से देख रही हुं तुम बहुत उदास हो , नायरा की सगी बहन शीतल बोली !!

नहीं , शीतल दी ऐसी तो कोई बात नहीं , कल ऊंची हील के चप्पल पहनने से पांव में मोच आ गई हैं इसलिए डांस करने नहीं आई , बस ओर कोई बात नहीं , नायरा थोड़ा सा सकुचाते हुए बोली !!

नायरा की शादी को अभी तीन महिने ही हुए थे और आज उसके चचेरे भाई रोहन की शादी के लिए वह मायके आई हुई थी !! रोहन की दो सगी बहने , रोहन और नायरा की बहन शीतल शादी में खुब जोरों शोरो से डांस कर रहे थे , रोहन भी बार बार नायरा को हाथ पकड़कर ले जाने का प्रयास कर रहा था मगर नायरा का बिल्कुल डांस करने का मन नहीं कर रहा था फिर भी भाई की खातिर उसने थोड़ा डांस कर लिया आखिर वे लोग साथ में पले बढ़े थे !!

 दूसरे दिन रोहन की शादी थी , नायरा भी सभी के साथ तैयार होकर शादी वाले हॉल में पहुंच गई  तभी नायरा की मां कावेरी जी बोली – नायरा , तुम्हारे पास जो असली गहने हैं , वह क्यूं नहीं पहने तुमने ?? तुम यह आर्टिफिशियल ज्वेलरी पहन कर क्यूं घूम रही हो ??

नायरा बोली – मम्मी , वो गोल्ड़ सारा लॉकर में पड़ा हैं तो जल्दबाजी में वहां से निकालना रह गया !!

कावेरी जी बोली – ठीक हैं कोई बात नहीं बेटा मगर गोल्ड तो गोल्ड ही होता हैं , वो पहनती तो ज्यादा अच्छा होता !!

बेचारी नायरा अपनी मां को परेशान नहीं करना चाहती थी इसलिए असली बात नहीं बताई !!

नायरा ने शादी में आने से पहले अपनी सास गोमती जी से अपने असली गहने पहनने मांगे भी थे मगर गोमती जी आंखे दिखाकर बोली थी जानती हो सोने का भाव क्या चल रहा हैं आजकल ?? गोल्ड कितना महंगा हो गया हैं और तुम्हारे गरीब मायके वालों में से किसी ने तुम्हारा गोल्ड चुरा लिया तो !! क्योंकि तुम्हारे मायके वालों ने तो वैसे भी देखा ही क्या हैं ??

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अपनी आर्टिफिशयल ज्वेलरी ही पहन लो , शादी के पहले भी तो वहीं पहनती होगी ना !! अपने चचेरे भाई की शादी में आने का नायरा का सारा मुड़ उसकी सास ने पहले ही बिगाड़ दिया था वैसे भी जब से नायरा शादी करके गई थी तब से गरीब मायके का ताना सुन रही थी !!

नायरा को शादी के बाद पता चला था कि उसकी सास गोमती जी नायरा को इस घर की बहू कभी ना बनाती अगर ससुर नारायण जी और पति आलोक ने जिद ना पकड़ी होती तो !!

जिस रोज वह पहली बार नायरा को उसके घर देखने आई थी उसी समय उन्होंने घर आकर कह दिया था यह छोटे घरो की लड़कियां हमारे बंगलो में राज करने के लायक नहीं होती , मगर पति नारायण जी बोले थे लड़की के संस्कार और सादगी देखो गोमती , तुम्हें तो वैसे भी हर चीज में नुक्स निकालना होता हैं बस !!

बेटा आलोक भी नायरा की सादगी पर फिदा हो गया था और उससे शादी करने की जिद पकडे था इसलिए गोमती जी को न चाहते हुए भी नायरा को इस घर की बहू बनाना पड़ा था मगर शादी होते ही उन्होंने नायरा को हर बात में नीचा दिखाना शुरू कर दिया था !!

नायरा कपड़े धोने के लिए वांशिंगr मशीन चलाने जाती तो गोमती जी कहती – तुम्हारे मायके में तो हाथ से ही कपड़े धोते होंगे , तुम भी हाथ से ही कपड़े धो लो !!

हमारा बिजली का बिल क्यूं बढ़ा रही हो !!

 वैसे भी तुम इतने गरीब घर से आई हो , तुम्हें वहां कोई सुख सुविधाओं की आदत तो होगी नहीं !!

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नायरा सास की गलत बातों का कोई जवाब नहीं देती थी , मगर उसे बुरा बहुत लगता था कि उसकी सास हमेशा उसे सुनाती क्यों रहती हैं ??

उसे हमेशा से ही बनने संवरने का शौक रहा था मगर मजाल सास उसे कभी वह मौका देती , शादी के दूसरे दिन से ही गोमती जी ने नायरा का जीना हराम कर दिया था इसलिए आज शादी में भी वह बहुत उदास थी !!

रोहन की शादी संपन्न होने के बाद दूसरे दिन जब वह ससुराल पहुंची तो गोमती जी बोली – आ गई महारानी !!

शादी कैसी रही यह जरूर पूछती मगर तुम गरीब लोग शादियों में क्या ही खर्चा करते हो जो पूछके अपना ही मुंह खराब करू !!

नायरा ने मन ही मन सोचा घर आई नहीं कि सासु मां का भाषण शुरू हो गया !!

दो दिन बाद नायरा के पिताजी का फोन आया कि वे लोग माताजी के मंदीर आए हुए हैं जहां थोड़ी दूर ही नायरा का ससुराल पड़ता था तो नायरा से मिल कर जाएंगे !!

 दोपहर का समय था , सभी ने खाना खा लिया था , बस थोड़ी सी दाल और थोड़ी सी सब्जी पड़ी थी !!

मम्मी पापा दोपहर में खाने के समय आ रहे थे इसलिए नायरा ने फटाफट दूसरी दाल निकाली और धोने लगी , फ्रिज में से सब्जी निकाल कर काटने रखी !!

उतने में गोमती जी रसोई में आकर बोली – अरे जो दाल और सब्जी बची हैं , उसी में पानी मिलाके तेरे मम्मी पापा को परोस दे , वैसे भी तेरे मायके वालों को तो आदत होगी पानी वाली दाल और सब्जी खाने की , उनके लिए क्या नया खाना बनाएगी ??

उतने में पीछे से नारायण जी खुश होते हुए आकर बोले सुना भाग्यवान !! समधी और समधन जी पहली बार हमारे घर आ रहे हैं , उनकी खतिरदारी में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए इसलिए मैं बाहर से यह मिठाईयां , नमकीन , चिवड़े लाया हुं , तुम और नायरा मिलकर स्वादिषट भोजन बना लो !!.

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गोमती जी नारायण जी के सामने कुछ बोली नहीं और चुपचाप रसोई में आकर बोली – तुझे तो बड़ी खुशी हो रही होगी , बना ले अब तेरे मम्मी पापा के लिए खाना , तेरे ससुर जी का आर्डर आ गया !!

 नायरा मन ही मन भगवान को धन्यवाद देकर खाना बनाने लगी !! नायरा के मम्मी पापा आए , खाना खाया और बेटी को खुश देखकर और उसके ससुराल वालों का उसके साथ अच्छा रवैया देखकर बहुत खुश हुए !! नायरा भी अपने मम्मी – पापा को कभी अपनी तकलीफ नही बताती थी , उन्हें खुश देखकर नायरा ने भी खुशी से उन्हें अलविदा कहा !!

नायरा को आज रात नींद नहीं आ रही थी , वह यही सोच रही थी अगर समय पर ससुर जी ना आए होते तो आज क्या उसे अपने मम्मी पापा को पानी मिलाई हुई दाल और सब्जी खिलानी पड़ती !!

गोमती जी के आगे अब तक नायरा ने कभी अपना मुंह खोला नहीं था , क्योंकि वे उम्र और ओहदे में नायरा से बड़ी थी मगर सुनने और सहने की भी एक हद होती हैं !!

नायरा की रात आज ऐसे ही गुजर गई , दूसरे दिन जब नायरा सभी को डायनिंग टेबल पर खाना परोस रही थी , सभी को सब्जी बहुत ज्यादा अच्छी लगी तो सब्जी खत्म हो गई !!

नारायण जी और आलोक खाना खाकर अपने कमरे में जा चुके थे , गोमती जी चटकारे लेकर खाना खा रही थी , जब उन्होंने देखा कि सब्जी खत्म हो चुकी हैं तो वे नायरा से बोली – बहु , चटनी या आचार के साथ खा लो , तुम्हें तो आदत होगी , तुम्हारे मायके में कहां रोज रोज दाल सब्जी खाते होंगे ??

नायरा के सुनने की अब अति हो गई थी , आज उसने मन ही मन सोच लिया था कि सासु मां को सबक सिखाना जरूरी हो गया हैं , यदि वक्त रहते उन्हें नहीं रोका गया तो उनकी यह हरकतें बढ़ती जाएंगी !! अब तक सासू मां उसके गहने , कपड़े पर बोलती थी मगर अब उसके खाने पर भी बोलने लगी हैं !!

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उसी समय गोमती जी पर बेटी रीना का फोन आया कि कल वह उसके पति के साथ आने वाली हैं !!

यह सुनते ही गोमती जी ने नायरा को पकवानों की लिस्ट थमा दी और बोली कल सुबह थोड़ा ओर जल्दी उठ कर हाथ फटाफट चला देना ताकि बेटी और दामाद जी की आवभगत में कोई कमी ना रह जाए !!

दूसरे दिन सुबह नायरा ने जल्दी जल्दी सारे पकवान बना दिए जो गोमती जी ने बताए थे !!

बेटी और दामाद भी खाने पर आ चुके थे !!

सभी लोगो को नायरा खाना परोस रही थी !! ससुर नारायण जी बोले बेटा नायरा , तुम भी हमारे साथ ही खाने बैठ जाओ !!

नायरा ने गोमती जी की ओर देखा , गोमती जी उसे गुस्से में देख रही थी , मगर नारायण जी की बात का मान रखते हुए नायरा भी सभी के साथ डायनिंग टेबल पर खाने बैठ गई !!

उसे भी एक ऐसे मौके की ही तलाश थी जहां वह अपनी बात सभी के सामने रख पाए !!

सभी को खाना परोसकर उसने अपनी थाली में सिर्फ रोटी और चटनी ली नायरा की ननद बोली – भाभी , इतने सारे पकवान होते हुए आप रोटी चटनी के साथ क्यूं खा रही हैं ??

 नायरा बोली – दीदी ,मम्मी जी का कहना हैं कि मैंने मेरे मायके में देखा ही क्या हैं ?? मैंने मेरे मायके में स्वादिष्ट पकवान कहां खाए होंगे , उनका कहना हैं कि मुझ जैसे गरीब घर की आई हुई लड़की को चटनी रोटी , आचार रोटी खाने की आदत होगी इसलिए वहीं खा रही हुं !!

यह सुनते ही नारायण जी आगबबुला होकर बोले – यह मैं क्या सुन रहा हुं भाग्यवान ?? तुम नायरा को यह सब सुनाती हो , हमारे घर में खाने की क्या कमी हैं ?? तुम बहु को इतना दुःखी कर रही हो और हमें आज पता चला !!

नायरा बोली – पापाजी , मम्मी जी ने बोलने की हद पार कर ली थी इसलिए मुझे आज यह सब बोलना पड़ा !!

भले मेरा मायका गरीब जरूर हैं लेकिन मेरे मम्मी पापा ने हमारे खाने पीने में कभी कोई कमी नहीं रखी जो भी खाते थे अच्छी क्वालिटी का खाते थे !!

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गहने , कपडे – लत्ते यह सब मैंने पहले से पहना हुआ हैं , कम था तो कम पहना मगर मम्मी जी ने तो यहां मुझे हर चीज के लिए तरसा दिया !!

कोई भी मां बाप अपने बच्चे को कभी दुःखी नहीं देख सकते इसलिए मैंने कभी अपने मायके में यह सब नहीं बताया !! माना आप लोग मेरे मायके वालों से कई ज्यादा अमीर हैं गगर बहू की बारी आते ही मेरा ससुराल मेरे मायके की अपेक्षा कई गुना ज्यादा गरीब हो जाता हैं !!

नारायण जी को आज गोमती जी की सच्चाई का पता चला था !!

गोमती जी ने जब देखा नारायण जी बहुत गुस्से में हैं तो वे बोली – सुनिए , बहु कुछ भी अनाप – शनाप बक रही हैं , मैंने उसे कभी ऐसा कुछ नहीं कहा !!

उतने में नायरा ने रिकार्डिंग चला दी जिसमें गोमती जी की साफ साफ आवाज सुनाई दे रही थी बहु चटनी – रोटी खा लो , तुम्हें तो तुम्हारे मायके में यह सब खाने की आदत होगी !!

अब तो गोमती जी की बोलती बंद हो गई थी !!

नायरा बोली – मम्मी जी मैं आपको शर्मिंदा नहीं करना चाहती मगर मेरे सहने की सीमा अब पार हो चुकी हैं !!

मैं चाहती तो आलोक से कहके अलग भी रहने जा सकती थी मगर रिश्ते तोड़ना मुझे अच्छा नहीं लगता इसलिए मुझे आज यह सब करना पड़ा !!

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मैं अपना यह संयुक्त परिवार तोड़ना नहीं चाहती थी !!

गोमती जी की बेटी माला बोली – मम्मी, कल के दिन मेरी सास अगर मेरे साथ यह सब करें तो आपको अच्छा लगेगा क्या ??

बेटी के मुंह से ऐसी बात सुनकर गोमती जी की आंखों में पश्च्चाताप के आंसू आ गए !!

मैं जैसे आपकी बेटी हूं वैसे भाभी भी तो किसी की बेटी है , आप भाभी के साथ ऐसा कैसे कर सकती हैं ??

एक बहू को अगर ससुराल में प्यार और सम्मान दिया जाए तो वह ससुराल को ही अपना घर मान लेती हैं , मगर अगर उसे बार-बार अपमानित किया जाए तो वह ऐसे रिश्तों से घुट जाती हैं !!

गोमती जी ने अपनी बहू नायरा से माफी मांगी !!

नायरा बोली मम्मी जी आप मुझसे उम्र और ओहदे दोनों में बड़ी है , मुझे आपकी माफी नहीं मुझे आपका आशीर्वाद चाहिए !!

गोमती जी ने अपनी बहू नायरा को गले से लगा लिया !!

दोस्तों हर घर में ऐसा सुखद अंत हो जरूरी नहीं , बहुत से ससुराल वाले अपने घर के लोगों की गलती नहीं मानते बल्कि बहू को ही गलत ठहराते हैं लेकिन उन्हें यह समझना चाहिए कि वह गलत का साथ देकर बहुत बड़ी गलती कर रहे हैं , बहुत सी बार यहीं बातें रिश्ते टूटने की वजह बन जाती है !!

यह कहानी आपको कैसी लगी कृपया जरूर बताएंतथा कमेंट सेक्शन में अपना प्यार बरसाए !!

आपकी सहेली

 स्वाति जैन

#संयुक्त परिवार

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