अब आगे…
रोहन के कहने पर ताऊ वीरेंद्र चिंकी के घर वालों को फोन लगाते हैं ..
उधर से चिंकी के पापा फोन पर हैं …
हलो…
कौन बोल रहे…??
चिंकी के पापा बटुकनाथ फोन को कानों से थोड़ा दूर करते हुए बोले…
जी….
क्या भूल गए आप हमें ..??
सा..आवाज तो कुछ पहचानी सी ही लग रही है…
पर समझ ना आ रहा कौन सज्जन है आप…?
माफी चाहूंगा… उमर हो चली …
अब य़ाद्दाश्त संग ना देती…
कृपया आप ही बता दीजिये l
बटुकनाथ जी बोले…
रोहन नर्वस हो रहा था…
कि अब तो चिंकी के पापा पहचान भी नहीं रहे …
जी..
मैं रोहन का ताऊ बोल रहा हूं …
आपकी बेटी चिंकी को देखने आयें थे ना…??
कुछ याद आया..??
वीरेन्द्र जी बोले…
अच्छा-अच्छा…
आप …
नमस्ते भाई साहब…
कहिए…
कैसे फोन किया ..??
सब कुशल मंगल तो है..??
बटुक नाथ जी बोले…
वीरेंद्र जी एक पल को तो सोचे कितना बेइज्जत करके हम आए थे इनको…
पर इनकी बातों से एक पल भी ऐसा नहीं लग रहा कि इन्हे किसी बात का बुरा लगा है…
कितने मन से हाल चाल पूछ रहे हैं…
ये होता हैं बड़प्पन…
कुछ देर सोचने के बाद वीरेन्द्र जी कहते हैं…
सब कुछ ठीक है ….
बस आपसे बात करनी थी…
पहले यह बताइए घर में बाकी लोग कैसे हैं…??
बाकी सभी भी ठीक हैं …
बस कट रही है राम जी की कृपा से ….
बटुकनाथ जी की इस बात पर वीरेंद्र जी बोले…
राम जी भला करें सभी का…
जी कहिए ..
हमारे लायक क्या सेवा है…??
आपने हमें फोन किया …
आप भी नासमझ बन रहे हैं अब….
एक लड़के वाला य़ा लड़की वाले एक दूसरे के यहां पर फोन क्यों करता है …??
जी..मैं कुछ समझा नहीं…
पहेली मत बूझिये …
यह रिश्ते के लिए तो आप ना कर ही चुके हैं…
अब भला क्या बात …??
बटुकनाथ जी बोले …
जी हमारे रवैया के लिए हम माफी मांगते हैं…
घर आकर सोच विचार किया…
रोहन भी चिंकी से शादी करने के लिए राजी है …
अगर आप कहे तो बात आगे बढ़ाई जाए …??
क्या सही कह रहे हैं भाई साहब आप…??
हम पर तरस तो नहीं खा रहे …??
पहले तो आपको पसंद नहीं आई थी हमारी बिटिया …??
हम पर रहम मत करियेगा…
दिल से पसंद आए तभी हां करियेगा सा…
बटुकनाथ जी मन ही मन खुश भी थे …
पर संशय भी था उन्हे …
शादी के रिश्ते कोई जोर जबरदस्ती से होते भी नहीं है…
पूरे जीवन की बात होती हैं…
बहुत ही सोच समझकर ही आपको फोन किया है …
अगर आप हमारे रोहन को अपनी बिटिया के लायक समझते हैं..
तो बता दीजियेगा….
बटुकनाथ जी की आंखों में आंसू आ गए थे…
कि कैसी बात कर रहे …
आपके घर हमारी बिटिया पहुंच जाएगी तो हमारे भाग्य खुल जाएंगे ….
तो ठीक है फिर …
आप भी अपने पंडित जी से पूछ लीजिए…
हम भी यहां पूछते हैं …
कौन सा मुहूर्त ठीक रहेगा सगाई के लिए ,गोद भराई का …
आगे की सब बात आपको बताते हैं फिर…
जी,जी..
बिल्कुल…
एक बात और …
अभी हम ही तो आपके घर पर आए हैं …
आप हमारे घर पर एक बार भी देखने नहीं आए …
बताईये कब आ रहे हैं आप…??
आखिर आपकी बिटिया हमारे घर आनी है…
तो आपका देखना बहुत जरूरी है…
वीरेन्द्र जी बोले…
ठीक है जी …
आप कहते हैं तो घर में विचार विमर्श करके आपको बताते हैं…
तब आते हैं…
जी बिल्कुल…
आपका इंतजार रहेगा…
दोनों समधियों ने राम राम कर फोन रख दिया…
रोहन के चेहरे पर मुस्कान आ गयी थी …
अब ठीक है …??
वीरेन्द्र जी रोहन, मीना जी के चेहरे की तरफ देख बोले…
रविकांत जी और मीना जी के चेहरे पर भी खुशी झलक रही थी….
रोहन को लग रहा था अब मां धीरे-धीरे बिल्कुल सही हो जाएंगी….
इधर बटुक नाथ जी फोन रखते हैं …
पूरे घर में चहकते हुए बोले…
चिंकी बिटिया की शादी के लिए लड़के वालों ने हां कर दी है …
वही लड़के वाले ,जो इतना बेइज्जत करने गए थे…
उसकी बहन देखी है …
ऐसी ननद मिल जाएगी तो मेरी बेटी की जिंदगी तबाह हो जाएगी …
चिंकी की मां बोली …
शादी कोई उसकी बहन से थोड़ी ना करनी है …
लड़के से करनी है…
और चिंकी से उसने बात की थी …
क्यों ,,तू बता बिट्टो …
क्या लड़का तुझे बात करने से बिल्कुल भी ऐसा लगा कि तेरे लायक नहीं है…
य़ा तुझे परेशान रखेगा….??
बटुकनाथ जी ने चिंकी की ओर देख पूछा …
बिना संकोच के बताना बेटा …
तेरे जीवन का सवाल है …
पापा…
आपको एतराज ना हो तो एक बार मैं बात करना चाहूंगी रोहन जी से…??
तभी कोई फैसला ले पाऊंगी…
हां, हां, जरूर …
और तेरे मन में कुछ भी उलझन हैं तो तू बात कर लेना …
लेकिन ऐसे नहीं…
मैं अपने फोन से तेरी बात करवा दूँगा…
ठीक है पापा …??
अगले दिन बटुकनाथ जी ने रोहन के घर फोन लगाया…
रोहन अभी ऑफिस से आया था…
हलो…
राम राम सा…
राम राम…
कैसे हैं बटुक नाथ जी…?
जी हम तो कुशल मंगल हैं…
आप सुनाये ..??
जी यहां भी सभी लोग अच्छे हैं…
वह जरा हमारी बिटिया चिंकी को आपके बेटे रोहन से बात करनी थी …??
क्या हो जायेगी …??
क्या ..??
एक पल को रविकांत जी कुछ अचकचा गये कि लड़की बात करना चाहती है …??
वो भी लड़की का पिता बात करवा रहा….बड़ा मोडर्न ज़माना आ गया हैं…
रोहन ले फोन…
चिंकी का फोन है …
रोहन ने मुस्कुराते हुए फोन लिया ..
हेलो रोहन जी…??
बोलो चिंकी….
जय श्री राधे…
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यह आजकल के बच्चे (भाग-10) – मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi
मीनाक्षी सिंह
आगरा