यह आजकल के बच्चे (भाग-7) – मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

अब आगे ..

चिंकी के घर वालों को रिश्ते के लिए मना करके रोहन और उसके परिवार वाले अपने  घर लौट  चुके हैं…

रोहन को रात को नींद नहीं आ रही थी…

फेसबुक पर चिंकी को सर्च करता है वो…

उसे अचानक से चिंकी की प्रोफाइल दिख जाती है …

वह देखकर दंग रह जाता है …

ओह तो यह चिंकी बहुत  छुपी रुस्तम है…

देखने में तो कितनी सीधी सादी लग रही थी …

यहां देखो ..

जींस में, टॉप में, स्टाइलिश कपड़ों में फोटोस अपलोड कर  रखी है…

कहां से देखने में ये  गांव की या  सीधी लड़की लग रही हैं…

अब तो रोहन चिंकी में दिलचस्पी ले रहा था…

वह उसके अबाउट इंफो पर गया..

वहां जाकर देखा..

तो 12th इन्होंने अपने ही शहर के कॉलेज से की  थी…

बीए एमए  इसने  दिल्ली यूनिवर्सिटी से कर रखी है …

क्या बात है ..

और रही भी  दिल्ली यूनिवर्सिटी के होस्टेल में ही  है …

यह तो कह रही थी मैं पढ़ने में अच्छी नहीं हूं …

दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ना क्या आसान है…

हर बच्चे का एडमिशन भी नहीं होता वहां…

रोहन  मन ही मां  सोच रहा था तो क्या चिंकी मुझसे झूठ बोल रही थी…

कुछ समझ नहीं आ रहा…

बहुत ही असमंजस की स्थिति थी…

फोटोस को वो  स्क्रॉल करता गया …

उसके द्वारा शेयर किए गए सब स्टेटस देखता गया…

ज्यादातर जगहों पर वह आध्यात्मिक सी नजर आ रही थी …

हर चीज, त्योहारों की फोटो उसने डाल रखी थी …

कई जगह पर अपनी मां के गले में हाथ डाले और पापा  के साथ मुस्कुराते हुए उसकी फोटो थी…

जिसे देखकर रोहन भी मुस्कुराये जा  रहा था …

रोहन का मन तो हुआ  मैसेंजर पर ही हेलो का  मैसेज टाइप करे…

वो बार-बार जाता..

टाइप करता, फिर उसे डिलीट कर देता …

ऐसा कई बार उसने किया…

फिर मन नहीं माना ..

तो टाइम पास करने के लिए चिंकी की  फ्रेंड लिस्ट  देखता रहा..

देखूँ तो सही इस चिंकी के  कितने लड़की और लड़कियां हैं दोस्त. ..

यह क्या..

मैं क्या चिंकी की तरफ अट्रेक्ट हो रहा हूं …

नो…नेवर…

मैं उसके बारे में  क्यों सोच रहा हूं ..

कि कहीं इसकी प्रोफाइल में लड़के तो नहीं…

वह देखता रहा..

हां ..हैं तो लड़के भी…

पता नहीं कैसी होगी चिंकी…

क्यों ..

क्या लड़कियां मेरी  दोस्त नहीं…

मैं क्या सोचे  जा रहा हूं ..

मैं क्या टिपिकल लड़के जैसा कर रहा हूं …

कितने  स्मार्ट स्मार्ट लड़के  तो इसके दोस्त हैं…

फिर यह मेरी इतनी वाह वाई क्यों कर रही थी …

मुझे इतनी तवज्जो क्यों दे रही थी …

क्या मक्खन लगा रही थी..

जैसे  मैं इससे शादी कर लूं …

शायद ऐसा ही  लग रहा हैं…

सोचा होगा मोटा बकरा फंसा है…

बड़े घर का लगता है …

छी छी ..

यह मैं क्या सोच रहा हूं…

नहीं नहीं …

मैं ऐसा नहीं हूं …

पता नहीं..

क्यों पहली बार किसी लड़की के बारे में इतनी देर तक मैंने सोचा है …

तभी उसकी बेस्ट फ्रेंड प्रियंका का मैसेज आया …

वह बार-बार अपने बेस्ट फ्रेंड के मैसेज को इग्नोर कर रहा था…

बस चिंकी की फोटो  देखे जा रहा था …

तब हार कर  प्रियंका ने फोन किया …

तू फोन क्यों नहीं उठा रहा है …

इतनी देर से लगा  रही हूं…

कुछ नहीं यार…

बस नींद आ रही थी…

सोने वाला था..

कब  से ऑनलाइन है …

क्यों झूठ बोलता है…

लगता है हो गई तेरी शादी तय…

तभी अपने दोस्त को भूल गया…

क्यों सही कहा ना …

प्रियंका बोली …

नहीं यार…

ऐसी कोई बात नहीं है…

क्यों शादी तो तय हो गई ना तेरी …?

कहां यार ..

मेरी किस्मत में शादी कहां लिखी है …

पता नहीं कहां होगी मेरी होने वाली…

अब तो मैं तरस रहा हूं…

कितनी बार बोला है मुझसे ही शादी कर ले …

पर तू है कि इंटर कास्ट  शादी नहीं करनी…

वैसे तू लट्टू तो है ही मुझ पर…

ऐसा किसने कह दिया बंदरिया …

अपनी शक्ल देखी है तूने …

क्यों क्या कमी हैं  मेरी शक्ल में…

बैंगन जैसी तेरी शक्ल है …

इंगेज्ड हो गई है…

फिर भी चैट करना नहीं छोड़ रही…

तू  बोल…

कैसे छोड़ दूं यार …

अपना 12 साल का याराना जो है …

सही में बात नहीं बनी क्या रोहन…

प्रियंका ने पूछा…

नहीं यार प्रियंका…

फिर बात नहीं बनी…

और अबकी बार तो बड़ा दिल तोड़ कर आए हैं हम लड़की वालों का …

तभी तुम लोगों को बद्दुआ लग रही है…

सब लड़की वालों की…

इसीलिए तेरी शादी ही नहीं हो पा रही…

मेरी मान..

क्या मानूँ…??

सुन…

जो भी लड़की अबकी देखना  या देखने वाला है…

बिना सोचे समझे हां कह देना..

देखना कई बार इत्तेफाक से किए गए रिश्ते बहुत सफल भी होते हैं …

अच्छा चल तेरी भी बात मान के देख लेंगे…

प्रियंका ..

चल गुड नाइट …

कल मिलते हैं …

ठीक है ,,ठीक है..

बाय …

रोहन ने बाय बोल फोन रख दिया..

अब क्या देखूँ  चिंकी को…

जब इससे कोई नाता ही नहीं…

कोई बात ही नहीं ..

जब एक बार रिश्ते को मना कर आए तो लड़की को तो ये  गलत है …

ऐसे  देखना सही नहीं है …

रोहन ने  फेसबुक बंद की ..

फोन बंद किया…

अपनी आंखों पर हाथ रख सोने का प्रयास करने लगा…

तभी रविकांत जी के चिल्लाने की आवाज आई…

रोहन बेटा ,मनोरमा जल्दी आओ…

यह क्या हुआ…??

रोहन  जल्दी से  उठा और  बाहर गया …

क्या हुआ पापा..

क्यों चिल्ला रहे हो..??

देख, तेरी मां को क्या हुआ है…??

बिल्कुल भी रिएक्ट नहीं कर रही है…

कितनी बार मैंने इसे  आवाज लगाई…

कुछ सुन ही नहीं रही है …

जल्दी से डॉक्टर को बुलाओ या एंबुलेंस को बोलो….

मेरा मन बहुत घबरा रहा है

रविकांत  जी बोले…

रोहन भी हताश हो गया था..

उसने तुरंत एंबुलेंस को बुलाया…

सभी लोग हॉस्पिटल आ चुके थे …

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जय श्री राधे …

मीनाक्षी सिंह

आगरा

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