यह आजकल के बच्चे (भाग-18) – मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

अब आगे ..

चिंकी अपने हाथों  से रोहन को खाना खिला रही थी..

उसकी आंखों में आंसू आ गए थे…

तभी पीछे से सिगरेट पी रहे  दो लड़कों ने चिंकी पर  भद्दे  कमेंट किये …

चिंकी ने अपना चेहरा दूसरी तरफ कर  लिया…

क्या हुआ चिंकी…??

मेरे होते हुए  तुम डर रही हो….

यह मुझे किस  नजरों से देख रहे हैं…

आपने देखा वो लड़के  अभी भी हमारी  तरफ ही देख रहे हैं…

जब मैं तुम्हारे साथ हूं तो बेफिक्र रहो..

वह दोनों लड़के धीरे-धीरे कर चिंकी की ओर आ रहे थे …

तभी रोहन चिंकी के  आगे आकर खड़ा हो गया ….

चिंकी रोहन के पीछे छिप  गई …

लड़के हट यहां से…

नहीं हटूँगा…

क्या कर लेगा…

रोहन बोला…

हमें तो बस लड़की से मतलब है …

मुझे भी इस लड़की से ही मतलब है…

रोहन बोला …

तो ठीक है..

सभी लोग अपना मतलब निकाल लेते हैं…

क्या आप …क्या कहना चाह रहे हो…

पढ़ा लिखा लगता है…

आप बोल रहा है ..

एक  लड़का बोला…

रात के 3:00 बज रहे हैं…

तू इस लड़की के साथ यहां बैठा हुआ है…

किसलिये आया है , हमें समझ ही आ रहा है…

जस्ट शट अप …

डू योर वर्क…

गो फ्रॉम हियर…

रोहन बोला…

यही बात हम तुझे कह रहे हैं …

जा यहां से …

उन्होंने रोहन को झटके  से जमीन पर गिरा दिया…

और चिंकी का हाथ पकड़ अपने साथ ले जाने लगे…

चिंकी चिल्लाई…

रोहन जी प्लीज…

प्लीज …

हेल्प मी …

रोहन उठा …

जल्दी से उन लड़कों की तरफ मुड़ा…

उस लड़के ने फिर झटके से रोहन को एक तरफ गिरा दिया…

रोहन का  गुस्सा बढ़ता  जा रहा था …

उसने पास पड़े डंडे को उठाकर उन दोनों लड़के के सर में दे मारा ….

दोनों लड़के अपना सर पकड़ कर वहीं बैठे  रह गए…

चिंकी का हाथ छूट गया उनकी पकड़ से…

रोहन ने चार- छे डंडे इतनी जोर से मारे कि लड़कों के अंदर शायद ही जान  बची थी …

जल्दी से दौड़कर रोहन चिंकी को अपनी गाड़ी के पास लाया…

और गाड़ी में बैठा दिया…

उसने गाड़ी भगायी …

और जाकर के काफी दूर रोक दी…

चिंकी का पूरा शरीर कांप रहा  था…

उसके होठों पर भी कंपकपी  थी…

रोहन ने चिंकी के होठों पर अपना हाथ रखा…

और उसके गालों पर भी हाथ फेरा …

चिंकी  मैं हूं ना…

तुम डर गई…

अगर मेरे होते हुए तुम डरोगी तो क्या फायदा…

नहीं रोहन जी…

मैं सिर्फ इसलिए नहीं डरी कि  वो  मुझे ले जा रहे थे…

मुझे यह डर था कि कहीं वह आपको कुछ ना कर दे….

रोहन के हाथों में लगी चोट चिंकी देखने लगी…

रोहन के गले लग गई अचानक से…

उसने आज अपनी पकड़ इतनी तेज कर ली थी कि जैसे आज वह रोहन को खुद में समा लेना चाहती थी…

रोहन ने भी चिंकी को कस्के  गले लगा लिया…

उनका प्यार परवान चढ़ रहा था …

अभी हमारी शादी नहीं हुई है चिंकी …

रोहन की यह  बात सुन शर्माकर चिंकी ने खुद को रोहन से अलग किया…

चलो  ,,मैं तुम्हें घर छोड़ देता हूं …

रोहन जी …

मुझे आपके साथ कुछ टाइम और रहना है…

तुम्हें नहीं डर लग रहा अब…

नहीं आपके साथ मुझे बिल्कुल  नहीं डर लग रहा …

चिंकी शर्मा गई…

तो ठीक है..

चलो आज तुम्हें जन्नत दिखाता हूं…

रोहन तेज रफ्तार से गाड़ी को दौड़ा रहा था…

वह दोनों एक समुद्र के पास आकर रुके ..

और वहीं बैठ गए …

एक दूसरे का हाथ पकड़े आज ऐसा महसूस  कर रहे थे कि शायद स्वर्ग है तो यही है…

बिना बोले एक दूसरे का स्पर्श पाकर दोनों की खुशी आज अलग ही लेवल की थी…

पता ही नहीं चला कब सुबह के 4:00 बज गए …

चलो चिंकी तुम्हारे घर  में सब  उठने वाले होंगे…

तुमको डांट पड़ेगी…

मैं नहीं चाहता कि तुम्हें डांट पड़े ..

ठीक है रोहन जी …

रोहन ने चिंकी को घर छोड़ा…

कैसा लगा आज तुम्हें मेरे साथ…

सही-सही बताना…

रोहन के चेहरे पर प्यार भरी निगाह डालते हुए चिंकी बोली…

शायद जीवन में कभी मुझे खुशी मिली है तो सबसे ज्यादा खुशी आपके साथ इन्हीं पलों में मिली है …

यह बोल चिंकी शर्माती हुई घर के अंदर चली गई …

रोहन के  चेहरे पर भी इतनी खुशी थी कि शायद पहले उसने महसूस नहीं की थी कभी…

रोहन भी जल्दी से गाड़ी दौड़ाते हुए वापस आया …

और घर ना जाकर सीधा वह हॉस्पिटल नेहा के पापा को देखने आ  गया …

आगे की कहानी कल…

तब तक के लिए जय श्री राधे

मीनाक्षी सिंह

आगरा

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