ये जीवन का सच है – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

 मेरे सामने मेरी बेटी पीहू के# जीवन का सच#वो भी इतना कड़वा और घिनौना सच मेरे सामने एक सवाल बन कर खड़ा है… मैं अकेली हूं पीहू के साथ.…. मेरे पति जेठ जेठानी और सास ससुर सभी मेरे खिलाफ है…. बात ये है पीहू अपने ससुराल नही जाना चाहती है… हमारा बहुत लंबा चौड़ा बिजनेस है.. जो मेरे पति ससुर और जेठ मिलकर देखते है सोच आधुनिक और पारंपरिक दोनो है..…

मेरे दोनो बच्चे जेठ जी के तीनो बच्चे मसूरी में पढ़े हैं… उसके बाद अपनी इच्छा से अपना कैरियर चुना है… पीहू निफ्ट से फैशन डिजाइनिंग का कोर्स कर अच्छे जॉब में थी.…जेठ जी का बेटा इनकम टैक्स ऑफिसर है.. एक बेटा और बेटी भोपाल से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं… और मेरा बेटा सीए  की पढ़ाई कर रहा है …. कुल मिलाकर मुख्य पेशा व्यापार होने के बावजूद पढ़ाई पर ज्यादा फोकस है हमारे परिवार में…

                        पीहू की शादी दो महीने पहले विवेक के साथ खूब धूम धाम से संपन्न हुई.…डेस्टिनेशन वेडिंग थी… लड़के वाले की इच्छा थी खैर… दहेज नहीं दे कर अच्छा खासा उपहार दिया गया..लड़का इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर यूपीएससी की तैयारी कर रहा है… एक बार पीटी निकाल चुका है… इकलौता बेटा है…

भविष्य ब्राइट है लड़के का..पापा कोल इंडिया में डिप्टी डायरेक्टर हैं… मां बुटीक चलाती है… कुल मिलाकर सुखी संपन्न परिवार.. खूबसूरत लंबा चौड़ा लड़का… यूपीएससी निकाल लेगा तो पीहू कलेक्टर की बीबी कहलाएगी… इंसान की महत्वाकांक्षा कभी कभी बहुत कष्ट में डाल देती है..

                पीहू पगफेरे के लिए आई तो खुश नहीं थी.. कुछ कहना चाहती थी पर मौका नहीं मिला…. पहली बार घर में दामाद जी आए थे… मिलने जुलने वालों की भीड़ लगी रही..

                             पीहू दिल्ली में जॉब कर रही थी और विवेक हॉस्टल छोड़ पीहू के साथ हीं रहने लगे थे शादी के बाद… दो कमरे का फ्लैट पीहू ने ले लिया था..

           पंद्रह दिन बाद पीहू अचानक से अकेले हीं आ गई… सब आश्चर्य से देखने लगे… मैं पीहू को कमरे में ले गई.…पीहू के पापा को बोला आज मां बेटी पीहू के कमरे में हीं सोएंगे.. तभी विवेक और उसके मम्मी पापा का फोन आने लगा.. पीहू वहां पहुंच गई है? कल सुबह उसको वापस भेजिए… बिना विवेक और हमारे इजाजत के चली गई है.. कल नही लौटी तो इस घर के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो जाएंगे…

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                        मैं पीहू के कमरे में आ गई.. पीहू के सर पर हाथ फेरा तो फफक पड़ी… मां मैं मर जाऊंगी पर वहां नही जाऊंगी… उसने लाईट जला कर अपने पीठ पर से नाईटी उठा दिया… उजले दूध से पीठ पर नीले नीले निशान चोट के… गर्दन के पीछे बेरहमी से काटे गए दांत के निशान.. जांघ और पैर उफ्फ.. मेरी फूल से बेटी का ये हाल…..

किसने किया ये… पीहू रोते रोते बोली विवेक घर में दोस्तों के साथ बैठकर रोज पीता है और उसके दोस्त मुझे देखकर अश्लील हरकतें करते हैं… मेरे विरोध करने पर… एक सप्ताह पहले मेरी सास आई थी.. सोचा उनसे बोलने पर शायद बेटे को समझाए पर उन्होंने भी मुझे भला बुरा कहा….

जब विवेक कलक्टर बन जायेगा तो मजे तुम करोगी… मेरी सारी कमाई विवेक जैसे मर्जी खर्च करता है… उसके पापा भी पैसा भेजते हैं…. कोई पीटी नही निकला था सब झूठ था… मैं निर्णय ले चुकी थी… मैने पीहू को आश्वस्त किया तुम कहीं नहीं जाओगी…

                   मैं अतीत में खो गई.. मेरी चचेरी बहन निभा दीदी.. कितने धूम धाम से उसकी शादी हुई… कभी दहेज को लेकर तो कभी किसी कारण निभा दीदी के साथ मार पीट कर मायके छोड़ जाते… सभी लोग मिलकर दीदी को समझाते ऊंच नीच दुनियादारी और किसी तरह ससुराल विदा कर देते… कभी किसी ने निभा दी की इच्छा नहीं पूछी.. तुम जाना चाहती हो या नहीं..

निभा दी के आंखों के नीचे काले घेरे चोट के निशान और कंकाल होता शरीर किसी को नहीं दिखता या कोई देखना नही चाहता था…. और एक दिन खबर आई निभा दी रात में सोई तो फिर उठी हीं नहीं.. पुलिस थाने और प्रशासन की मुठ्ठी गरम कर ससुराल वाले बिना किसी को बताए रात में हीं अंतिम संस्कार कर दिया… लोगों ने बताया गला दबाकर मार डाला था

ससुराल वालों ने… रात में निभा दी की घुटी घूटी चीख लोगों ने सुनी थी… अगले साल उनके घर नई बहु दहेज के साथ आ गई… पूरा परिवार बेदाग बरी हो गया.. मेरी चाची बेटी के गम में पागल हो गई थी… तीन महीने कांके भर्ती रही और एक दिन नींद में छत से गिरकर मर गई…

               और मैने अपना फैसला सुना दिया… पीहू दुबारा वापस नही जाएगी… दिल्ली से ट्रांसफर करवा लेगी… मैं उसके साथ रहूंगी… अभी थाने जाऊंगी और एफआईआर करवाऊंगी पीहू के चोट मुझे पल पल तिल तिल मार रही है….

       Veena singh 

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आपलोग मेरा साथ दे या न दें.. मुझे परिवार की प्रतिष्ठा मान सम्मान से ज्यादा अपनी बेटी की जिंदगी प्यारी है… विवेक और उसकी मां को मैने फोन करके कह दिया अब कोर्ट में मिलेंगे.. विवेक के पिता ने धमकी दी है… कोई बात नही…. बहुत बहस हुज्जत के बाद पीहू के पापा हमारे साथ थाना गए… विवेक के पापा ने अपने पोस्ट का नाजायज फायदा उठाते हुए हर जगह मुश्किलें पैदा कर रहे हैं… मैने पत्रकारों से भी सहायता करने की

प्रार्थना की है.. और इन सभी के दबाव के कारण एफआईआर दर्ज हो पाया है.. विवेक और उसके मम्मी पापा पर.. विवेक के पापा बाद में समझौते पर आ गए.. विवेक का नाम मत दीजिए केस वापस ले लीजिए… तलाक भी हो जाएगा और मुंहमांगी रकम भी दूंगा.. मैने इनकार कर दिया… अब विवेक को और उसके परिवार को समझ में आयेगा निर्दोष लड़की के साथ ज्यादती करने का क्या परिणाम होता है…

                आज निभा दी की आत्मा भी जरूर खुश हुई होगी…

          आज मेरे पूरे परिवार ने पीहू के फैसले से सहमत है… थोड़ा वक्त जरूर लगा पर #जिंदगी का एक सच ये भी है #स्वीकार कर हीं लिया है….

 

#स्वलिखित सर्वाधिकार सुरक्षित #

 

    Veena singh

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