Moral stories in hindi : वक्त कैसे कैसे दिन दिखाता है… कविता बहुत कुछ कहना चाहती थी पर…. दरवाजे पर निरीह से खड़े माता पिता का हाथ पकड़ अंदर लाते हुए कहा #ये घर तुम्हारा भी है #अपने किए से शर्मिंदा रामलाल जी और शीला जी अपराधी की तरह सिर झुकाए अंदर आ तो गए पर अब भी सहज नहीं लग रहे थे…
उनकी आंखों के सामने वो दिन आ गया जब कविता हर तीन चार महीने पर अपने छोटे से बेटे को गोद में लिए सास और पति की प्रताड़ना के बाद मायके आ जाती… बहु बेटे की सलाह मान एक सप्ताह के अंदर समझा बुझाकर फिर ससुराल पहुंचा दिया जाता.. जाते समय कितनी कातर और निरीह दृष्टि से हमदोनो को देखती पर हम कठोर बन जाते… बेटी के चोट और उसका दर्द कभी महसूस नहीं कर पाए या नहीं करना चाहा..
बहु कहती कविता तुम अपने पति की शराब छुड़ाने की कोशिश करो अपने घर में रहकर बार बार यहां आओगी तो कुछ नहीं होगा…. कविता बेबसी से अपनी भाभी को देख कर नजर झुका लेती… बहु हमे समझाती मां जी दुःख सुख जो भी हो कविता का असली घर वही है…
ये घर अब कविता का नही रहा… वो इस घर के लिए पराई हो गई है… बहु तो दूसरे घर से आई थी पर मैंने अपनी कोखजायी का दर्द क्यों नही महसूस किया… घर मेरे नाम से था मैं चाहती तो उपर के कमरे कविता को दे देती… पेंशन और किराए के पैसे आते हीं थे. बेटा भी अच्छी सैलरी पाता था…
पर मजबूरी ने कविता को अपने पांच साल के बच्चे को लेकर अपनी दूर की बुआ के यहां जाना पड़ा…. और बहुत संघर्ष के बाद कविता का बेटा अच्छी नौकरी कर रहा है.. उसका अपना घर है.. और बेटा बहु ने घर अपने नाम करवा लिया… पेंशन के पैसे भी खुद रखने लगे.. जब हम कमजोर और बूढ़े हो गए..
बहु बेटा दोनो बदल गए हैं…. बेटे बहु हम दोनो को वृद्धाश्रम में डालने की सलाह कर रहे थे.. कभी भी हमे वृद्धाश्रम पहुंचा दिया जाता… बेबस हो कर हमने कविता के पास आने का फैसला लिया पर अपना किया याद आता तो पैर खींच लेते… पर क्या करूं कविता के पापा को दो बार दिल का दौरा पड़ चुका है…
इन्हे कुछ हो गया तो मैं क्या करूंगी.. ना हमारे खाने की कोई चिंता है बहु बेटे को न इलाज की.. हमारा कमरा भी राहुल को दे दिया है.. बेटा बोला पोता के लिए आप अपना कमरा खाली कर दें.. और हमारे लिए स्टोररूम में रहने की व्यवस्था कर दी गई…. अंधेरा कमरा ओह….
कविता और उसकी नौकरानी हाथ में चाय नाश्ता लेकर आई… मां पापा आप किस दुनिया में खोए हैं.. ये आपका घर है और आपके पास आपके साथ आपकी बेटी और आपका नाती है.. आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं…. दोनो के आंखों से आसूं बहने लगे.. पश्चाताप के शर्मिंदगी के…
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Veena singh