ये धन संपति अच्छों अच्छों का दिमाग खराब कर देती है – राजेश इसरानी : Moral Stories in Hindi

ये धन संपति अच्छों अच्छों का दिमाग खराब कर देती है। और जिसके पास ये अभी अभी आई हो उसका तो क्या कहना। तुम भी इस धन की वजह से बहुत घमंडी हो गए हो, अपने सामने किसी को कुछ नहीं मानते।

नए नए पैसे कमाए हो तो इसका मतलब ये नहीं कि तुम रिश्ते नाते ही भूल जाओ।

जब बड़े भाई ने ये सब बातें छोटे भाई से कही तो छोटे को बहुत बुरा लगा। छोटा भाई अभी अभी कुछ ही दिनों में बहुत पैसा कमाने लगा था। उसको इस बात का बहुत घमंड हो गया था, वो अपने सामने किसी को कुछ नहीं  समझता था ।

एक बार जब वो कही बाहर जा रहा था तो कोई चार अंजान लोग उसके पीछे पड़ गए।

वो कुछ समझ पाता की उन चारों ने उसको अगवा कर लिया।

उसकी बड़ी बड़ी बातों की वजह से ही सबको पता चल गया की इसके पास बहुत पैसा है।

जिसकी वजह से ये हादसा हो गया। घर पे फोन आया, बड़े भाई ने फोन उठाया सामने से कोई खतरनाक किस्म के आदमी की आवाज आई, उसने कहा भाई की सलामती चाहते हो तो 50 लाख लेकर जहां हम कहे वहां लेके आ जाओ और अपने भाई को ले जाओ। और अगर पुलिस को बताने की कोशिश की तो अपने भाई की लाश लेने आ जाना।

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सब घबरा गए अब क्या करे। छोटे भाई की पत्नी ने अंदर से 50 लाख लेकर आई और बड़े भैया से कहा आप इन्हें छुड़ा लाइए। 

बड़े भाई ने कहा आप चिंता मत कीजिए। में छुड़ा कर ले आऊंगा।

बड़ा भाई 50 लाख लेके उनको छुड़ा ने चला गया।

जाने से पहले उसने पुलिस को उसकी लोकेशन भेज दी।

पुलिस की सहायता से और बड़े भाई की सूझबूझ से बिना फिरौती की रकम दिए छोटे भाई को छुड़ा लाए। बड़े भाई ने छोटे भाई को समझाया पैसा कितना भी कमा लो पर उसे सहेजना और छुपाना भी आना चाहिए।

पूरे गांव में ढिंढोरा पिटोगे की मेरे पास बहुत पैसे है। 

तो तुम सदा ऐसे ही स्थिति का सामना करते रहोगे।

आगे से ध्यान रखना धन खूब इकठ्ठा करो । पर कभी चर्चा मत करो। 

क्योंकि ये धन चीज़ ही ऐसी है कि अच्छों अच्छों का दिमाग खराब कर देती है।

 

राजेश इसरानी

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