Moral Stories in Hindi : ये देखो पांच बजे नही की ऐसी बेचैन हो जाती है जैसे किसी प्रेमी से मिलने जाने के लिए बैचेन होते है मालिनी को तैयार होते देख उसकी बहु गीत अपने पति दीपक से बोली
ये क्या तरीका है बात है करने का क दीपक गुस्सा होते हुए बोला।
अरे गुस्सा क्यों हो रहे हो मतलब घर की इज्जत के बारे मैं भी नही बोले आज तुम घर पर हो तो बोल दिया
नहीं तो जब से तुम्हारी मां इधर आई है शुरू मैं तो उदास रही पर कुछ दिन से खुश दिख रही है और रोज शाम को वक्त से पहले तैयार हो कर निकल जाती है तुम जा कर देखो तो किसी से मिलती तो नही है गीत भुनभुनाती हुई बोली
बंद करो अपनी बकवास एक तो मां पापा के जाने के बाद कितनी टूट गई है अब वो खुद को सम्हाल रही है तो तुम्हे फालतू बातें सूझ रही है ये बेकार के ख्याल अपने दिल से निकाल दो और कभी दोबारा ऐसी बात नही करना कहीं मां ने सुन लिया तो फिर से टूट जायेंगी की हम उनके बारे मैं क्या सोच रहे है दीपक हिदायत देते हुए बोला ।
मालिनी के पति की दो साल पहले एक एक्सीडेंट मैं मृत्यु हो गई थी यूं अचानक पति को खो देने से मालिनी बुरी तरह टूट गई थी कुछ दिन ससुराल मैं सबके साथ रही फिर बेटा अपने साथ ले आया मालिनी की उम्र अभी बहुत ज्यादा नही थी दिखने मैं भी वो कम उम्र की ही लगती थी गीत को सास का आना अच्छा नही लगा था इसलिए वो कोशिश करती किसी तरह दीपक को सास के खिलाफ भड़का दे पर दीपक पर इन बातों का असर नही होता उल्टा वो गीत को ही चिल्ला देता इस बात से गीत और चिढ़ जाती।
मन लगाने के लिए मालिनी शाम को घूमने निकल जाती फिर मंदिर होते हुए दो -तीन घंटे बाद घर आती शुरू मैं तो गीत खुश हुई की चलो कुछ देर अकेली रहूंगी पर कुछ दिन से गीत नोटिस कर रही की मांजी अब अच्छे से तैयार हो कर जाती और अब खुश भी रहने लगी थी ।
मन मै शक का कीड़ा जाग गया और आज उसने दीपक से कह ही दिया पर कुछ बात न बनते देख उसने ठान लिया की असलियत सामने लायेगी।
आज जैसे ही मालिनी तैयार हो कर निकली गीत थोड़ी देर बाद उनके पीछे चल पड़ी चलते चलते उसने देखा मांजी एक घर मैं गई अब तो गीत को यकीन हो गया की कुछ गडबड है वो भी पीछे पीछे चली गई दरवाजा खुला हुआ ही था अंदर का दृश्य देख उसकी आंखे शर्म से झुक गई ।
मालिनी एक बुजुर्ग दंपति से बात कर रही थी और उनसे पूछ रही थी की आज क्या खाओगे वो बोले बेटी तुम्हे भगवान ने हमारे लिए भेजा है जब से तुम आई हो हमें जीने की उमंग जाग गई है नही तो हम दोनो कच्चा पक्का खा कर दिन काट रहे थे न कोई बात करने वाला ना हालचाल पूछने वाला कहते हुए वो रो पड़े।
मालिनी अंदर जाने के लिए मुड़ी थी की गीत को देखकर चौंक गई वजह पूछने पर गीत का शक सामने आ गया जिसे सुनकर मालिनी को बहुत दुख हुआ पर खुद को सम्हालती हुई बोली वैसे तो किसी का साथ हर उम्र की जरूरत है पर ये चाहत दूसरी है कुछ दिन पहले आंटी मंदिर मैं मिली बातचीत से पता चला दोनो अकेले रहते है तो मुझे लगा इनका ही सहारा बन जाऊ तो मुझे भी सहारा मिल जाएगा कुछ देर का साथ हम दोनो को उमंग दे देता है ।
गीत अपनी सोच पर शर्मिंदा थी उसे समझ आ गया ये चाहत ममता भरी थी ।
#ममता
स्वरचित
अंजना ठाकुर