रिपोर्ट को हाथों में लिए वो कई देर तक बिना किसी भाव के खड़ी रही.. उसमें सही लिखा था या गलत यकीन नहीं हो रहा था।
डाक्टर ने उसे सम्बोधित करते हुए कहा, ” हैलो. रागिनी, क्या हुआ !! ये सच है….. यू आर प्रैग्नेंट.. ।,,
रागिनी के चेहरे पर मिश्रित से भाव उभर आए । आंखें भरी थी लेकिन होठों पर मुस्कुराहट … रागिनी को जब पता चला कि वो माँ बनने वाली है तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा …. मन कर रहा था वो अभी भाग कर जाए और सारे परिवार को चीख चीख कर कह दे कि देखा मैं बांझ नहीं हूँ … मैं भी माँ बन सकती हूँ. …।. ,,
लेकिन पैरों पर किसी ने जैसे टनों पत्थर बांध दिए हों। ……और क्यों वो उन लोगों के पास जाए जिन्होंने हर पल सिर्फ उसे दुत्कारा ही है । कभी उसे अपने बेटे की सबसे बड़ी गलती कहा तो कभी उसके चरित्र और मातृत्व पर सवाल उठाए । एक उसका पति आनंद ही तो था
जिसने अभी तक उसका साथ नहीं छोड़ा नहीं तो बाकी घरवालों ने तो उसकी दूसरी शादी की भी तैयारी कर ली थी…. हर रोज उसपर कोई ना कोई इल्जाम लगाकर उसे इस घर परिवार और अपने बेटे आनंद से दूर करने की साजिश रची जाती थी….. वो अपनी खुशी को खुद में समेट कर घर की ओर चल दी ……
” आनंद, आज में डाक्टर के पास गई थी….। ,,
” हूँ…… रागिनी तुम क्यों फालतू में रोज रोज परेशान होती हो … मैंने कहा था ना तुमसे कि चाहे कोई कुछ भी कहे मुझे फर्क नहीं पड़ता ….। ,
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” आनंद मैं जानती हूँ तुम्हें सब की बातों से फर्क नहीं पड़ता लेकिन मुझे फर्क पड़ता है…. तुम सब की तरह मुझपे इल्जाम नहीं लगाते लेकिन क्या तुम्हारी दिली इच्छा नहीं की तुम भी पापा बनो?? ,,
” रागिनी, जरूरी नहीं की इंसान की हर इच्छा पूरी हो सके । ,,
” आनंद लेकिन यदि तुम्हारी ये इच्छा पूरी हो गई तो….. ?,,
” क.. क्या.. क्या बोला तुमने !!!! ,,
” हाँ आनंद तुम पापा बनने वाले हो और मैं माँ । ,, रागिनी ने रोते हुए कहा।
आनंद को अपने कानों पर विश्वास नहीं हो रहा था। शादी के दस साल बाद तो उसने ये उम्मीद ही छोड़ दी थी कि उसे कभी संतान का सुख भी प्राप्त होगा ….. उसने खुशी से रागिनी को गले लगा लिया…..
” रागिनी, चलो घर में सब को बताते हैं । ,,
माँ, पापा…. आपने सुना, आप दादा दादी बनने वाले हैं। ,, आनंद ने खुशी से चिल्लाते हुए कहा…।
आनंद की माँ इस बात पर खुश होने के बजाय उलटा बोलने लगी, ” हूंह, ये हो ही नहीं सकता…. ये जरूर इसकी कोई चाल है बेटा… ये सोच रही होगी की ऐसे झूठ बोलने से ये तलाक से बच जाएगी..। ,,
” बस माँ… बहुत हो गया मैं अपनी पत्नी का और अपमान बर्दाश्त नहीं करूँगा । ये अगर माँ नहीं बनती तो भी मैं रागिनी को छोड़ने के बारे में कभी सोच भी नहीं सकता …. यदि आप इस वक्त भी रागिनी को उल्टा सीधा बोलने से बाज नहीं आई तो मैं अपनी पत्नी को यहाँ से दूर ले जाऊंगा… इतने सालों तक इसने जो मानसिक तनाव सहा है मैं इसे और नहीं सहने दूंगा…। ,,
” बेटा ये तूं क्या बोल रहा है…. इस औरत के लिए तूं अपने माँ बाप को छोड़कर चला जाएगा!!! यही संस्कार दिए हैं हमने तुम्हें?? ,, माँ तिलमिलाए स्वर में बोली ।
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” हाँ माँ, आपने ठीक सुना….. क्योंकि ये औरत मेरी पत्नी है और ये भी मैंने आपसे हीं सीखा है माँ की पत्नी से हीं परिवार पूरा होता है । पति पत्नी का रिश्ता अटूट बंधन होता है। आपने तो पापा को मजबूर कर दिया था दादा दादी को छोड़कर अलग रहने के लिए… यहाँ तो रागिनी ने इतना कुछ सुनने के बाद भी कभी मुझसे ये घर छोड़ने की बात भी नहीं की.. लेकिन माँ मैं समझ सकता हूँ कि बिना प्रेम और सम्मान के किसी के साथ रहना कितना कष्ट देता है।,,
आनंद रागिनी की ओर देखते हुए बोला, ” मुझे माफ कर दो रागिनी जो मैंने ये कदम पहले नहीं उठाया लेकिन अब मैं तुम्हें और जलील होते नहीं देख सकता । ,,
आनंद रागिनी कआ हाथ पकड़कर अपने साथ ले गया और बाकी सब ठगे से देखते रह गए ….
सविता गोयल।