याराना – बरखा शुक्ला : Moral Stories in Hindi

 Moral Stories in Hindi : रुचि घर भर में सबकी लाड़ली है ,पापा मम्मी और भइया की सबसे ज़्यादा ।खूबसूरत रुचि पढ़ने में भी होशियार है ।

भइया कुछ गंभीर से है ,तो रुचि चुलबुली । रुचि फ़र्स्ट ईयर में आ गई थी ।भइया एम.ए.कर रहे थे । 

तभी एक दोपहर भइया अपने साथ किसी लड़के को लेकर आए । हाँ एक बात और भइया अपने दोस्तों को कम ही घर लाते । 

पर इसे न सिर्फ़ घर लाए बल्कि मम्मी से मिलाते हुए बोले “मम्मी ये हमारी क्लास में पिछले दिनो ही आया है , रोहित । रोहित ये मम्मीऔर ये मेरी छोटी बहन रुचि ।

रोहित ने आगे बढ़ कर मम्मी के पैर छू लिए । व रुचि पर एक उचटती हुई सी नज़र डाली । जब हाय हेलो का ज़माना तो था नही । 

पर रुचि तो रोहित को देखते ही रह गई । स्मार्ट रोहित रुचि के मन को भा गया । अब अक्सर ही रोहित भइया के साथ घर आ जाता । परमजाल है रुचि की तरफ़ नज़र उठा कर देख ले । उसकी यही हरकत रुचि को नागवार गुजरती पर उसका दिल उसकी ओर खिचा चलाजाता । 

भइया व रोहित बैंक के एग्जाम की तैयारी कर रहे थे । जल्द ही रोहित का घर आना बंद हो गया ।वो कोचिंग करने भोपाल चला गया ।रुचि अपनी पढ़ाई तो करती पर दिल उदास था ।

फिर भइया की बैंक में नौकरी लग गई । भइया की शादी तय हो गई । रुचि को उम्मीद थी कि शायद रोहित शादी में आए पर वो नहीआया । 

भइया भाभी शादी के बाद इंदौर चले गए ।भइया की पोस्टिंग वही थी । 



रुचि की पढ़ाई भी हो गई थी । उसकी शादी की चर्चा घर में  चलने लगी थी । वो सोचती उसे तो ये भी नही पता की रोहित उसे चाहता भीहै की नही  ।पर पहला प्यार भुलाए न भूलता ।

तभी एक दिन भइया की खबर आयी ,”कोई लड़का देखा है रुचि के लिए ।आप लोग इंदौर आ जाओ । “

मम्मी बोली “ये लड़का पूरी बात भी नही बताता ।”

पापा बोले “उसने रुचि के लिए अच्छा ही सोचा होगा । लड़का उसी के साथ बैंक में है ।”और वो सब इंदौर पहुँच गए ।

दूसरे दिन लड़के वालों को आना था । भाभी ने उसे तैयार किया ,सुंदर तो वो थी ही । तैयार होकर उसका रूप और निखर गया था । परदिल उदास था , उसका असर  चेहरे पर नज़र आ रहा था । भाभी बोली “घबरा न रुचि जब तुम हाँ करोगी तभी आगे बात करेंगे ।”

नियत समय पर वो लोग आ गए । बैठक से रह रह के एक जानी पहचानी आवाज़ आ रही थी ,जिसे वो लाखों में पहचान सकती थी । परउसे ये उसका वहम लगा । फिर रुचि को बहार बुलाया गया । 

वो नज़रें झुकाए बैठ गई । “बेटे क्या पढ़ाई की है आपने ।”ये शायद लड़के की माँ थी ।

वह नज़र उठा कर जवाब देने लगी तो उनके बग़ल में बैठे रोहित को देख दिल धड़कना भूल गया । उसकी आँखे भर आयी ।

इसके बाद चट मँगनी पट विवाह ।

शादी के बाद रुचि को ढेरों शिकवे शिकायत थे रोहित से । “जैसे आप मुझे देखते क्यों नही थे ,बात तो दूर की बात है ।”रोहित ने बताया“भई तुम्हारे भइया बोलते थे यार मैं किसी दोस्त को ज़्यादा घर नही ले जाता , पर तुम्हारी बात अलग है ,तो इस बात की इज्जत तोरखनी थी न वर्ना हम तो पहली नज़र में ही तुम पर दिल हार बैठे थे । “

“हूँ झूठ मत बोलो ।”रुचि बोली ।

“अच्छा पहली बार जब तुम्हारे घर आया था तो पिंक सूट पहनी थी न तुम । उसके बाद फिर कभी नज़र उठा कर नही देखा । “ रोहित कीइस बात पर रुचि निहाल हो जाती ,उसे उसका पहला प्यार जो मिल गया था ।

तो भई भइया और रोहित में आज भी साले जीजा के रिश्ते से ज़्यादा दोस्ती है ।

 

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