आदि व अवनी मम्मी-पापा के साथ बैठें बातें कर रहें थे…अवनी ने बोला कि…क्या करना हैं फिर आपकी पच्चीसवीं सालगिरह आ रही हैं मेरे पास एक आईडिया है कि…गोवा जा सकतें हैं…!!!!
आदि ने कहा या छोटा सा फैमली फंक्शन रख सकतें हैं…??
नीरजा ने कहा कि मेरे हिसाब से तो हम चारों गोवा चलतें हैं…वैसे तो तुम्हारें पापा कही ले नहीं जायेंगें…!!!!
राघव हँसतें हुए बोलें…तुम भी ना बस पच्चीस साल बाद भी शिकायतें ही करते रहना वैसे मुझे लगता हैं कि फंक्शन रख लेतें हैं हमेशा के लिए यादें रहेंगी हमारे पास…इसी बहानें सब आ जायेंगें…!!!!
इतनें मेें पास ही रहतें हैं सब आ गयें भतीजें-भतीजियाँ व भतीजा बहू सबकी यही राय थी कि फंक्शन ही करतें हैं चाची उसी में मजा आएगा…!!
नीरजा ने कहा..ठीक है वैसे मुझे उसमें भी कोई दिक्कत नहीं हैं पर सब अपना-अपना डॉन्स तैयार करेंगे और भी बहुत कुछ अलग करेंगें…!!!!
अवनी ने कहा नहीं मम्मा हम तो ढोल पर व डीजे पर मस्ती वाला डॉन्स ही करेंगें बाकि और तैयारियाँ हम कर लेंगें सबसे पहले तो डिजीटल इन्विटेशन बनाकर सबकों हम भेज देगें आप दोनों सबको फोन कर देना…!!!!
नीरजा ने राघव को बोला हम दोनों एक गाने पर छोटा सा डॉन्स तैयार करेंगें…बेचारा राघव थका आता फिर थोड़ा बहुत तैयार कर ही लिया था…सब अपनी-अपनी तैयारियों में लगें थे…!!!!
सब तैयारियों के बीच आज सालगिरह का दिन भी आ गया सब मेहमान भी आ गये थे…नीरजा ने बहुत सुंदर मेंहदी लगवायी थी…सुबह सबसे पहले तैयार होकर दोनों गुरूद्वारें गये मत्था टेकने फिर घर पर सब बड़ों का आशीर्वाद लिया…!!!!
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शाम हो गई नीरजा तैयार होने ब्यूटी पार्लर गई थी….बहुत सुंदर लग रहें थे दोनों…बच्चें बहुत अच्छें से लाये पहले राघव को ढोल के साथ फिर नीरजा को शादी की चुन्नी के नीचें…फिर पहले वरमाला हुई…अगूँठियाँ पहनाई एक-दूजे को फिर केक कटिंग..बहुत अच्छे से सब हुआ..!!!!
फिर नीरजा ने कहा कि हमनें छोटा सा डॉन्स भी तैयार किया हैं…बस गाना लगाया और वहाँ का माहौल ही बदल गया..सब जोर से चिल्ला रहें थे व सीटी बजा रहें थें…जैसे ही डॉन्स खत्म हुआ और नीरजा जाने लगी तो राघव उसका हाथ पकड़कर बोला…अरे रूकों अभी कुछ बाकि हैं…सब हैरान थें…तभी वेटर ने एक बड़ा सा लाल गुलाब के फूलों का बुकें लाया वो राघव ने घुटनों पर बैठकर नीरजा को दिया…नीरजा ने देखा तो उसमें एक पुराना लाल गुलाब था…ये क्या हैं…??
ये वही गुलाब है जो तुमनें मुझे अपनी सातवीं सालगिरह पर दिया था…!!!!
मैं तुमसे कहती रही कि मुझे एक गुलाब ही दे दिया करों कभी मैंने सोचा मैं देती हूँ तो तुम दोगें पर तुमने पच्चीस साल में एक भी बार नहीं दिया…और आज भी तुमने उसे संभाल के रखा हैं…आज इतनें सारे ताजे व प्यारे फूलों की खुशबू से ज्यादा मुझे वो पुराने गुलाब की महक मुझे महका रही हैं…!!!!
नीरजा की आँखों में खुशी के आँसू थें…राघव ने उसे अपनी बाँहों में भर लिया…!!!!
बच्चों ने मजाक में बोला…मम्मा बहुत अच्छा था आपका पुरानें गुलाब वाला प्रेम पर कोई बात नहीं आज जो इतने सारे फूल पापा ने आपकों दिये हैं वो आप संभाल के रखना पचासवीं सालगिरह पर पापा को दे देना…पूरा हॉल हँसी से गूंज गया व बस फिर तो डी जे चालू और जो डॉन्स शुरु हुआ सबकों मजा आ गया…!!!!
#प्रेम
गुरविंदर टूटेजा
उज्जैन (म.प्र.)