विष उगलना – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

रचना बहुत ही अमीर घर की बेटी थी । शादी भी बहुत अमीर घर में हो गई ।फिर क्या था ,छोटे  लोग,यानी गरीब लोगों को कुछ समझती ही नहीं थी।  अपने घर काम करने वाली कमली को हमेशा बुरा भला बोलती रहती थी । एक दिन कमली का पति बहुत बीमार था ।कमली ने बोला मेम साहब हमको पांच हजार रुपए दे दो आप ।बहुत जरूरी है मेरा पति बीमार हैं,उसको डाक्टर को दिखाना है , अगले महीने आप मेरी पगार से पैसे काट लेना ।रचना ने बिना सोचे समझे “विष उगलना” शुरू कर दिया । बोला नहीं दूंगी मै पैसे ,मेरे पास इतना फालतू पैसे नहीं है , वैसे भी तेरा पति है तू जाने ।मुझसे क्या लेना देना ।मै महीना पूरा होने पर ही पैसा दूंगी। कमली ने बोला ठीक है मैडम आप नहीं दो पैसे,पर मेरे इतने दुख में इतना बुरा भला भी नहीं बोलो। इतना बोल कमली अपने घर चली गई । कमली के पास एक मंगलसूत्र था ।उसी को बेच के कमली ने अपने पति का इलाज कराया । कुछ दिनों में कमली का पति ठीक हो गया । कमली रचना के घर में बर्तन धो रही थी । उसने देखा की बहुत समय हो गया ।अभी तक मेम साहब आई नहीं घर ? उसने रचना को कॉल किया रचना ने फोन नहीं उठाया ।फिर उधर से कॉल आया । कमली ने बोला मैडम आप घर अभी तक आई नहीं जल्दी आ,जाओ हमको अपने घर जाना हैं।उधर से आवाज आई आप रचना जी के घर से बोल रही है ? कमली ने बोला जी ,लेकिन ये तो मेरी मैडम जी का फोन है ,हा  जी आपकी मैडम का एक्सीडेंट हो गया  है ,सिटी हॉस्पिटल में एडमिट है आप आ जाएं।कमली बोली हा, हा मै आ रही हूं। तुरंत ऑटो पकड़ा और हॉस्पिटल पहुंच गई । रचना को पूरे पांच घंटे बाद होश आया । होश में आते ,रचना ने देखा की कमली उसके पास ही बैठी थी । अरे कमली तुम? मैडम जी आप कैसी है?ठीक हूं। मैडम जी अब मैं घर जाती हूं।आप अपना ध्यान रखना कोई भी काम हो हमको बुला लेना ।मै आ जाऊंगी।

रचना की आंखों में आंसू थे।उसने बोला अरे मैडम जी आप ठीक हो जाएगी ।आप क्यों रो रही है ? आप के पास तो इतना पैसा है ,आप का इलाज अच्छे से हो जाएगा । रचना को लगा की कमली मुझे ताने मार रही है। उसने बोला कमली मुझे माफ दो मैने तुम्हारे साथ बहुत ही गलत किया है । कमली ने बोला नहीं नहीं मैडम जी ।माफी नहीं मांगिए आप । लेकिन हा।आप किसी गरीब को पैसे दे या ना दे, लेकिन किसी के दुख में बुरा भला ना बोले ।दुख का दिन तो कट जाता है ,लेकिन बात नहीं भूलती । रचना ने बोला बिल्कुल कमली मैं हमेशा ध्यान रखूंगी । देख भगवान ने मेरे किए का फल  दे दिया है । नहीं नहीं मैडम जी ।मै आपकी अच्छे से सेवा करूंगी आप जल्दी ठीक हो जाएगी ।

इस घटना ने रचना को पूरी तरह से बदल दिया ।

रंजीता पाण्डेय

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