खन्ना परिवार में बहुत दिनों बाद खुशियों की शहनायी बजने वाली थी. क्योंकि खन्ना खानदान में उनकी बड़ी बेटी दीपा की शादी थी. लेकिन शादी के दौरान दीपा का भाई अंश शहर से दूर विलायत में नौकरी करता था. जिसके कारण उसके लिए तुरंत शादी में आना असंभव था. और अंश की अपने पिता से खास बनती भी नही थी, क्यों की अंश ने उनके मर्जी के खिलाफ जा कर एक विलायती लड़की से शादी कर ली थी. तभी वह जब से गया तब से घर वापिस नही लौटा. तभी अंश की मां करुणा अपने बेटे को फोन लगा कहती है,
“अरे तू तो जब से गया है अपने परिवार वालों को भूल ही गया है… अपनी बहन की शादी के लिए ना सही कम से कम अपनी मां के लिए तो तू घर वापस लौट आ!”
“पर मां क्या पिताजी एंड्रिया को अपनाएंगे?”
“तू उसकी चिंता छोड़ तेरे पिताजी ने तो कब का अपना लिया है, वैसे भी पोते का मुंह देखेंगे तो वह मना नहीं कर पाएंगे…
“अगर ऐसा है हम तीनो कल की फ्लाइट से ही आ जायेंगे!!”
“आना ही पड़ेगा भैया अगर नही आओगे तो मेरी शादी कैसे होगी!” दीपा अपने भाई अंश को वीडियो कॉल कर के कहती है. दीपा और अंश की सबसे छोटी बहन रूपा भी इस बात से बड़ी खुश थी की उसकी विलायती गोरी भाभी और भैया आ रहे है.
और कुछ ही दिनों में अंश अपनी पत्नी एंड्रिया और दो साल के बेटे मानव के साथ घर लौट आता है. और अपनी विलायती भाभी को देख रूपा और दीपा तो बस दो मिनट तक एक ही नजर देखते ही रहते है. ऊंची लंबी और बेटा भी उनके जैसा ही गोरा दिखता था. लेकिन जैसे ही मानव अपने मां के गोद से उतर कर अपने दादा और दादी जी के पैर छूता है, दादा जी उसे तुरंत अपने गोद में उठा कर प्यार करने लगते है. और अंश भी अपनी मां के गले लग खूब रोता है.
दूसरे दिन रूपा जो सबसे छोटी बेटी थी, वह फोन पर किसी से बात कर रही होती है,
“तुमने इस टाइम मुझे क्यों फोन किया अभिमन्यु!! तुम्हे पता है ना घर में शादी का माहोल है और भैया भाभी भी आए हुए है… ऐसे में अगर किसीको पता चलेगा की मैं तुमसे बात कर रही हूं तो घर में शादी के समय कोई बखेड़ा नही चाहती… अरे रखो मुझे लगता है की भाभी आ रही है!! नहीं नहीं भाभी तो विलायती है उनको हिंदी कहा आयेगी!”
“रूपा मुझे हिंदी आती है…”
रूपा जल्दी में फोन काट देती है, और भाभी से हिचकिचाते हुए कहती है
“क्या भाभी आपको हिंदी आती है? मुझे लगा आप नहीं समझोगी…”
“वो बताओ तुम चुपके ऐसे किस से बात कर रही थी?”
“अरे भाभी वो तो कुछ नही…”
“कुछ नही क्या मैने सब सुन लिया है…”
“पर भाभी प्लीज आप किसी को मत बताना मैं अभी से बहुत प्यार करती हूं पर आपको तो पिताजी का स्वभाव पता है ना! वो नही मानेंगे और अभी बताना भी नही चाहती…”
“कोई बात नही, मैं तो तुम्हारी खींचाई कर रही थी!”
और फिर रूपा और भाभी वहा से चले जाते है. दूसरे दिन ही दीपा की शादी का संगीत होता है, दूल्हे का परिवार आया होता है और दीपा का भी परिवार शामिल होता है. सब बारी बारी से हिंदी गानों में नाच रहे होते है इतने में रूपा की बारी आती है तो उस समय रूपा के साथ दूल्हे का छोटा भाई भी स्टेज पर आकर नाचने लगता है… ऐसे में वह कभी रूपा का दुपट्टा खींचता है कभी कमर पर हाथ रखता है और यह सब अंश और बाकी मेहमान भी देखते है और बाते शुरू कर देते है. आखिर में अंश से बर्दास्त नही होता और वह स्टेज पर जा कर दूल्हे के छोटे भाई को थप्पड़ मरता है. और दूल्हे का परिवार खड़ा हो जाता है. इतने में एंड्रिया अंश की पत्नी और रूपा की भाभी समझ जाती है की यह अभिमन्यु है जो रूपा से प्यार करता है. इतने में दीपा का दूल्हा गुस्से में खड़ा हो कर बोलता है,
“आपने मेरे भाई को क्यों थप्पड़ मारा?”
और फिर रूपा तो चुप रहती है लेकिन भाभी एंड्रिया बोलती है,
“माफ करना युवराज अंश को पता नही था की रूपा अभिमन्यु से प्यार करती है. रूपा तुम कुछ कहती क्यों नही…”
“हां भाई अभी और मैं एक दूसरे से प्यार करते है, लेकिन पिता जी के डर से हमने अभी तक घर में कुछ नही कहा था…”
डरते हुए रूपा सबके सामने यह बात मानती है. और फिर परिवार वाले एक दूसरे के सामने देखते है और उनमें से अभिमन्यु रूपा के पिता से कहता है,
“जी अंकल हम अपने दोनों परिवारों की रजामंदी से शादी करना चाहते है!”
तो फिर अंश की पिता अब अभी और युवराज के परिवार के सामने देख सब एक दम से हंसने लगते है… और हँसते हुए कहते है, “अरे जब मिया बीवी राजी तो क्या करेगा काजी…”
फिर क्या था… जिस मंडप में दीपा और युवराज की शादी होनी थी, अब उसी मंडप में अभी और रूपा की शादी भी हो जाती है.
दरअसल अंश के पिता लव मैरिज के खिलाफ थे. लेकिन अंश की विलायती बहु एंड्रिया और पोते मानव का हिंदी में बोलना और संस्कार देख उनका लव मैरिज को लेकर सोच बदल जाती है. क्यों की विलायत में रहने के बावजूद भी एंड्रिया और अंश ने अपने बच्चे को हिंदी बोलना सिखाया और अच्छे संस्कार भी दिए. ऐसे एंड्रिया भी हिंदी बोलने में पीछे नही थी. और इसका रूपा को बड़ा फायदा हो गया. बिना किसी रुकावट के वह अभिमन्यु से लव मैरिज कर पाई.