ललिता काफी देर से अपने बड़े भाई।ललित का इंतजार कर रही थी आज उसका जन्मदिन था उसका भाई हर साल उसके जन्मदिन पर हमेशा उसके लिए तोहफे लेकर आ जाता था परंतु, इस बार ना तो वह उसके जन्मदिन पर आया और ना ही कुछ तोहफा भिजवाया तब कुछ देर इंतजार करके उसने फोन करके अपनी मम्मी पूनम से भाई के बारे में पूछा तो उसकी मम्मी को उसके पिछले जन्मदिन की याद आ गई थी उसकी बेटी ललिता एक बड़ी कंपनी में मैनेजर की जॉब करती थी जिससे उसे अच्छी खासी तनख्वाह मिल जाती थी
उसके पति मुकेश भी सरकारी स्कूल में अध्यापक की नौकरी करते थे दोनों की तनख्वाह से घर में इतना पैसा आ जाता था कि उनके सारे सपने पूरे हो जाएं परंतु, पास में पैसा होने के बावजूद भी कभी बहुत लालची थी उसका भाई ललित उससे बहुत प्यार करता था जब भी वह उससे मिलने जाता हमेशा उसके लिए महंगे महंगे उपहार लेकर जाता था जिन्हें पाकर वह खुश हो जाती थी।
कुछ समय पहले एक दिन ललित जब ऑफिस जा रहा था तो अचानक एक गाड़ी से उसका एक्सीडेंट हो गया था तब उसके इलाज में काफी पैसा खर्च हो गया था तब कहीं जाकर वह स्वस्थ हुआ था स्वस्थ होने के बाद एक दिन ललिता का जन्मदिन आ गया था तब अपनी बहन की खुशी का ध्यान रखते हुए ललित उसके लिए
एक छोटा सा उपहार भी साथ में ले गया था जिसे देखकर ललिता खुश होने की बजाय अपने भाई से गुस्सा हो गई थी उसने बेमन से उपहार लेकर रख लिया और भाई से ढंग से बात भी नहीं की जिसे देखकर ललित काफी दुखी हुआ था उसे अपनी बहन से ऐसे व्यवहार की उम्मीद नहीं थी।
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दुखी मन से जब वह घर आया तो उसने सारी बात अपनी मम्मी को बताते हुए यह भी कह दिया था कि वह आगे से कभी भी अपनी बहन के जन्मदिन में नहीं जाएगा। बेटी के द्वारा भाई के साथ किए हुए व्यवहार को याद करके पूनम ललिता से बोली”बेटी उपहार की कीमत नहीं इंसान का दिल देखा जाता है
तेरा भाई तुझसे बेहद प्यार करता था तभी वह तेरे हर जन्मदिन पर तेरे लिए महंगे महंगे उपहार लेकर जाता था परंतु, पिछले साल जब उसका एक्सीडेंट हुआ तो उसके इलाज में काफी खर्चा हुआ था फिर भी तेरे जन्मदिन पर वह है तेरे लिए उपहार लेकर गया था जिसे देखकर खुश होने की बजाय तू गुस्सा हो गई थी काश!
उस वक्त तू अपने भाई की मजबूरी समझ कर प्यार से उसे तोहफे को स्वीकार कर लेती तो तेरे भाई का दिल नहीं टूटता लालच स्नेह से भरे बंधन को खत्म कर देता है इससे पहले की तुम्हारे रिश्ते में ज्यादा खटास पैदा हो जाए अपने भाई से माफी मांग कर अपनी गलती को सुधार ले नहीं तो हमेशा के लिए तू अपने भाई के प्यार से वंचित हो जाएगी।”
मम्मी की बात सुनकर ललिता शर्मिंदा हो गई थी उसने फोन पर ही भैया से माफी मांगते हुए उनसे फिर से ऐसा व्यवहार न करने की कसम खाई तो ललित का दिल पिघल गया था बहन को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई थी एक माफी ने बिगड़ने से पहले रिश्ते सुधर दिए और भाई बहन के रिश्ते में आए दूरी खत्म हो गई थी जिसे देखकर कुछ दिनों से बेटी के व्यवहार से परेशान उसकी मम्मी का चेहरा भी खुशी से खिल गया था।
बीना शर्मा