टूटते रिश्ते – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

आज सुमित की शादी की दूसरी सालगिरह और बेटे की छठी दोनो है… बहुत मनुहार किया आना जरूर आशीर्वाद देने… शहर का नामी संपन्न परिवार… धन्य धान्य से भरपूर…शहर के तीन फैक्ट्रियों के मालिक…उड़ीसा में पिछले साल एक और नई फैक्ट्री लगी है…

इसलिए शहर के नामी गिरामी हस्ती आमंत्रित हैं…. मेरे नजरें सुमित की मां नयना जी को ढुंढ रही है…. स्टेज पर सुमित उसकी पत्नी और गोद में बच्चे को लिए छोटी मां यानी सुमित की चाची बैठी हैं.. बहु बच्चे को आशीर्वाद देने के लिए गई

तो परिचय कराने पर आरती पैर छुने के लिए उठने लगी तो सुमित और उसकी चाची कंधा पकड़ के बैठा दिया.. अरे तुम आराम से बैठो दस दिन हुए हैं ऑपरेशन को…. आंटी का आशीर्वाद तो ऐसे भी हम तीनों को मिलेगा… बहुत अच्छा लगा सुमित की ये चिंता आरती के लिए…

सुमित की मां नयना जी उपेक्षित सी एक और स्टेज से दूर बैठी थी… 

घर आकर सुमित और नयना जी का व्यवहार जो उन्होंने निधि के साथ किया था याद आ रहा था….

सुंदर स्मार्ट विप्रो कंपनी में काम करने वाली इंजीनियर निधि के घरवाले इतने संपन्न व्यापारी परिवार के इकलौते बेटे के लिए आए रिश्ते के लिए ज्यादा सोच विचार किए बिना हां कर दी…. फाइव स्टार होटल में सगाई हुई… डेस्टिनेशन वेडिंग हुई….,

पैसा पानी की तरह बहाया गया… पूरे पांच दिन का फंशन हुआ… यादगार शादी हुई.. शहर में चर्चा का विषय रहा…

निधि से नौकरी छोड़ घर के फैक्ट्री को देखने और अकाउंट रखने की सलाह ससुर और पति ने रखा… निधि ने स्वीकार कर लिया…. निधि की सास नयना बेहद घमंडी और जाहिल स्वभाव की महिला थी… निधि ने फैक्ट्री और अकाउंट को बहुत अच्छे से संभाल लिया था…,

सब उसकी तारीफ करते… नयना जी के कलेजे पर सांप लौटने लगा…. धीरे धीरे उन्होंने सुमित का कान भरना शुरू कर दिया.. निधि देर रात जब कभी फैक्टरी से घर लौटती तो सुमित बेवजह गुस्सा होने लगता…. धीरे धीरे ये झगड़ा बढ़ता गया…. सुमित थोड़ा थोड़ा पीने भी लगा था…

गुस्से में निधि को बदचलन होने का आरोप भी दबी जुबान से मां के सह और कान भरने पर लगाने लगा… पति पत्नी के आपस का रिश्ता टूटने  लगा… और एक दिन सुमित ने निधि को शराब पीने के बाद बहुत मारा…. निधि उसी समय अपने मायके के लिए निकल गई..,

जाते जाते मां बेटे को सबक सिखाने की बात कह गई… सुमित के पापा चाचा चाची सब बहुत दुःखी थे.. पर उसकी मां खुश थी.., देखना कैसे उसका घमंड टूटेगा तो उलटे पैर वापस आयेगी और माफी मांगेगी…. बहुत अच्छा किया सुमित…

पत्नी को उसकी औकात में रखो वरना सर पर चढ़कर नाचने लगेगी…. उसके बाप की औकात इतनी नही है की उसको रखे… और तीसरे दिन पुलिस की गाड़ी रुकी… सुमित को अरेस्ट कर के ले गई… पैरवी पैसा रसूख सब धरे के धरे रह गए…

जेल चला गया सुमित… बेल भी नही मिली.. छः महीने बाद सुमित जेल से निकला…लोगों ने दबे जुबान से बताया निधि दो करोड़ और तलाक पर समझौता कर इनको बकसा है…. इतनी बदनामी हो चुकी थी की कोई शादी के लिए तैयार नहीं हो रहा था…

सुमित को बहुत कुछ समझ आ गया था… उसको अपनी गलती का अहसास हो चुका था.. इसका परिणाम मां बेटे के #टूटते रिश्ते #के रूप में स्पष्ट दिख रहा था…

तीन साल बीत गए.. सुमित की फैक्ट्री में एक लड़की अकाउंट देखने के लिए नियुक्त हुई थी पिछले साल.. बहुत गंभीर और रिजर्व किस्म की…. दूसरे शहर से थी… एक रात उसके घर से फोन आया उसके पिता जी को दिल का दौरा पड़ा है..

सुमित को घबराई हुई सी उसने फोन किया… सुमित ड्राइवर के साथ खुद उसको लेकर उसके घर गया…. जितनी मदद हो सकती है किया.. और बोला जब पापा डिस्चार्ज होकर वापस घर आ जाए तो आराम से आना..

धीरे धीरे सुमित और आरती एक दूसरे से बात करने लगे.. आरती भी तलाकशुदा थी… पति शराबी था और किसी के साथ उसके गलत संबंध थे…. सुमित भी अपना और निधि का अलग होने और जेल जाने की बात बताई…

सुमित की मां को तलाकशुदा से रिश्ता करना पसंद नही था… एक दिन आरती के घर जाकर उसे भला बुरा कहा.

और फिर सुमित ने अपने पापा को अपना फैसला सुनाया…. मैं आरती से शादी कर कहीं और चला जाऊंगा या आप मां को लेकर  उड़ीसा वाले फैक्ट्री देखने चले जाइए… निधि और मेरे #टूटते रिश्ते #की बहुत हद तक जिम्मेवार हैं ये. मेरी जिंदगी की ये पहली औरत थी जो मेरी मां है….

मैने उन्हे आदर्श माना… आंख बंद कर भरोसा किया पर…. अब मै फिर से एक #टूटते रिश्ते#का बोझ नहीं उठाना चाहता….

आरती और सुमित की कोर्ट मैरिज हो गई… सुमित ने पहले हीं कह दिया था जब मैं अच्छा पति बन जाऊंगा तब कोई पार्टी हमारे घर में होगी… और नयना जी को लेकर उनके पति उड़ीसा चले गए… कभी कभी एक दो दिन के लिए नयना जी को लेकर आते हैं…

सुमित की सुखी गृहस्थी देखकर खुश हो जाते है… सुमित की छोटी मां और चाचा आरती को बेटी जैसा प्यार दुलार देते हैं… आरती और सुमित उनकी बहुत इज्जत करते हैं… दोनो उन्हे मां सा मान सम्मान और प्यार देते हैं… सुमित आरती और उसके चाचा फैक्ट्री साथ साथ जाते हैं

चाची महाराज के साथ मिलकर सबके पसंद के लंच और ब्रेक फास्ट तैयार करवाती हैं… चाची अब निः संतान होने का गम भूल चुकी हैं… जेठानी के बांझ कहने के ताने से छलनी उनका दिल आरती और सुमित के छोटी मां के संबोधन से गदगद हो उठता है…..

मां बेटे पति पत्नी के# टूटते रिश्ते #की गवाह छोटी मां अब पति पत्नी मां बेटे बहु के प्यार से सरोबार  भगवान को धन्यवाद दे रही हैं और उनके परिवार कोबुरी नजर से बचाने की दुआ मांग रही है… और मुझे सुमित की मां नयना जी का हस्र…

जो मां सास और दादी होकर भी इस एहसास से दूर रहने के लिए मजबूर है.. क्योंकि वो डिजर्व करती हैं. 

#स्वलिखित सर्वाधिकार सुरक्षित #

Veena singh

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