पूरा आधा घंटा हो गया है तुमको आफिस से आते हुए और तुम हो कि अभी तक इस लैपटॉप को लिए बैठे हो, जाओ जल्दी से फ्रेश होकर आओ फिर बैठ कर साथ में डिनर करते हैं।आज मैने तुम्हारी पसंद के भरवां करेले बनाए है , मम्मी जी से रेसिपी पूछ कर,रागिनी ने अगम के गले में बाहें डालते हुए कहा।
अरे,ये कैसा मजाक है देख रही हो न एक जरूरी मेल लिख रहा था,सारा मूड चौपट करके रख दिया।
खाना बनाने व खिलाने के अलावा तुम्हें कुछ और आता भी है।खाने के अलावा भी और भी कई जरूरी काम होते हैं लाइफ में।
परन्तु तुम कहां समझोगी ये सब , तुम्हारी दुनिया तो बस रसोई से शुरू होकर रसोई पर ही खत्म होती है। तुम्हें खाना है तो जाकर खालों और सो जाओ। मुझे तंग मत करो,मैं मेरा काम खत्म करके ही खाना खा लूंगा,अगम ने लापरवाही से कहा और फिर से लैपटॉप पर मेल लिखने में व्यस्त होगया।बिना यह सोचे हुए कि रागिनी को कितना बुरा लगा होगा,उसकी इतनी संवेदनाहीन बातें सुनकर।
रागिनी ने चुपचाप रसोई समेटी और जाकर सो गई। खाना वहीं टेविल पर यों ही पड़ा रहा।
जाकर बेड पर लेट तो गई थी लेकिन नींद उसकी आंखों से कोसों दूर थी।उसकी व अगम की शादी को सिर्फ दो ही साल तो हुए हैं अभी।इन दो सालों में वे दोनों एक दुसरे के लिए कितने अजनवी से हो गए हैं।
फेसबुक पर चैटिंग करना अगम का शौक था। अकेला बंदा ऑफिस से आकर घंटों इन्टरनेट पर बैठा रहता। धीरे धीरे यही नैट वक्त काटने का जरिया बन गया।कभी तोआधी रात वह चैटिंग करता रहता।
देखा जाय तो इसी चैटिंग की बजह से ही नीमा उसकी जिंदगी में आई थी।
फेसबुक पर चैटिंग के दौरान ही मुंबई में रहनेवाली नीमा से उसकी दोस्ती हो गई।दोनों की दोस्ती कुछ इस हद तक पहुंच गई कि अगम ने सोचा ,नीमा जैसी लड़की ही मेरी लाइफ पार्टनर बनने।लायक है।
शायद उनकी आदतें व सोच एक दूसरे से बहुत मिलती-जुलती थी। चैटिंग करते करतेदोनों कोतीन महीने हो चले थे।बातों से यह स्पष्ट हो चुका था कि दोनों ही अभी तक अबिवाहित हैं और सुयोग्य लाइफ पार्टनर की तलाश में है।
नीमा मुंबई में जॉव करती थी और अपनी सहेली जॉली के साथ रहती थी और अगम का जॉव लंदन में था।
एक दिन चैटिंग करते समय अगम ने कहा लंदन बहुत ही खूबसूरत जगह है,मैं चाहता हूं कि तुम यहां घूमने के लिए आओ।
मैं वहां नहीं आसक्ति मेरे पेरेंट्स बिना शादी किए मुझे लंदन जाने की इजाजत नहीं देंगे।
तो चलो शादी कर लेते हैं फिर तो आजाओगी न मेरे पास हमेशा रहने के लिए।
तुम तो ऐसे कह रहे हो जैसे शादी कोई गुड्डे-गुड़ियों का खेल हो।अरे भई जव मियां बीवी राजी तो क्या करेगा काजी बाली कहाबत तो सुनी हैन।
तुम अपने घर का ऐड्रेस भेजो मैं अपने घरवालों को रिश्ता पक्का करने भेजता हूं।
दोनो के परिवार मिले और फिर बातचीत के बाद रिश्ता तय हो गया।चूंकि अगम को अगले छह महीने तक जाॉव से छुट्टी नहीं मिल सकती थी ,कयोंकि जॉव नया था। अतः चट मंगनी व पट शादी हो गई।
नीमा के पेरेंट्स भी इस बात से सहमत थे कि दोनों एक दूसरे को चैटिंग के दौरान काफी समझ चुके हैं।
नीमा खुश हाल जिंदगी का सपना लेकर अगम के साथ लंदन आगई।
दोनों एक-दूसरे के साथ बहुत खुश थे। तीन-चार महीने तो नए प्यार की खुमारी और घूमने फिरने में निकल गए।वे दोनों रोज रात को घूमने निकल जाते या लेट नाइट पार्टी करते।समय तो जैसे पंख लगाकर उड़ रहा था।
थैंक्स टू इन्टरनेट,जिसकी वजह से तुम मुझे मिल गई,वरना मैं तो यूं ही नीरस जिंदगी जिए जारहा था‘।
अगम की ऐसी प्यार भरी बातें सुनकर नीमा को लगता कि वह सचमुच कितनी खुशकिस्मत है जो अगम जैसा जीवनसाथी उसे मिला। धीरे धीरे जिंदगी रूटीन पर आने लगी,लेट नाइट पार्टी व सैर सपाटा भी कुछ कम हो गया। ऑफिस से आने के बाद अगम अपना समय नीमा के साथ ही बिताता।
लेकिन धीरे-धीरे चैटिंग करने की आदत उस परफिर से होने लगी। ऑफिस से आकर इंटरनेट पर व्यस्त होता।नीमा उसे डिनर कीयाद दिलाती,तो कभी कभी उसके साथ बैठकर खाना खाने के लिए राजी हो जाता
तो कभी कभी सर्फिंग करते करते ही खाना खा लेता।नीमा कुछ बात करना चाहती तो सिर्फ हां या हूं में जवाब देदेते
नीमा को धीरे धीरे अकेलापने घेरने लगा क्योंकि वह यहां किसी को अधिक जानती भी नहीं थी।अकेलापन उसे काटने को दौड़ता।वह भीतर ही भीतर घुटने लगी। इंडिया तो था नहीं जो रिश्तेदारों सेमिल लो या पास पड़ोस में जाकर गप्पों में टाइम निकाल लो।
पति का साथ न मिलना उसे दुखी करने लगा।एक दिन उसने अगम से दो टूक बात करने की सोची,
आखिर हद होती है किसी बात की ,यहकोई बात हुई कि तुम आफिस से आकर नेट पर बैठे रहते हो।मेरे लिए तो तुम्हारे पास टाइम ही नहीं है।
तुम क्या चाहती हो सारा दिन तुम्हारे पल्लू से बंधा बैठा रहूं।तुम भी नेट का यूज सीखलो नया फ्रैंड बनाओ।
नही मुझे यह निर्जीव चीजें एक हद तक ही ठीक लगती हैं ,लेकिन तुम पर तो जैसे इंटरनेट का नशा सबार रहता है हर समय।
नीमा की फ्रैंड का फोन आया एकदिन,नीमा की बुझी सीआबाज सुन कर उसने कहा, क्या हाल है शादी का नशा इतनी जल्दी कैसे उतर गया।तू तो अपने मजनू मिया के बड़े कसीदे पढ़ती थी।कि वी आर मेड फॉर ईच अदर।फिर क्या हुंआ।
नीमा ने जॉली से सारी बाते बताई कि किस तरह अगम हर समय सिर्फ इंटरनेट पर ही अपना समय बिताता है उसे इग्नोर करके मैं तो यहां एकदम अकेली पड़ गई हूं। अब तू ही बता क्या करू।
बस इतनी सी बात लगता है तेरे मजनू मिया को सबक सिखाना ही पड़ेगा। तू कुछ दिन के लिए यहां आजा मेरे पास और हां अपने पेरेंट्स को अभी इस बावत कुछ मत बताना वरना वे लोग परेशान हो जायेंगे।
मै तेरे लिए टिकट का बंदोबस्त कर दूंगी।
नीमा ँने अगले दिन अगम के ऑफिस जाने के बाद एक लैटर लिखा कि तुमको तुम्हारा इन्टरनेट मुबारक हो मैं इंडिया बापस जारही हूं। कुछ दिनों के बाद तलाक के पेपर भिजाबा दूंगी।
कुछ दिनों तक तो अगमको अच्छा लगा कि विना किसी रोक-टोक के वह घंटों इनटरनैट पर बैठा रहता। परंतु कुछ दिनों बाद ही उसे नीमा थी बेहद याद सताने लगी। जिंदगी नीरस सी लगने लगी।नीमा का प्यार, उसकी केयर करना,उससे लिए मनपसंद पकबान बना करखिलाना।इतनी अच्छी लाइफ पार्टनर की कद्र क्यों नही की उसने।वह नीमा केो अपनी लाइफ में वापस लाकर ही रहेगा।घर में पसरा सन्नाटा उसे काटने लगा।
इसी उधेड़बुन में अगम ने एक दिन नीमा की फ्रैंड जॉली को फोन मिलाया और उससे सारी बातें कही साथ ही अपनी गलती भी कुबूल की।
जॉली मैं नीमा के विना नही रह सकता मैं जानता हूं कि नीमा तुम्हारे घर में तुम्हारे पास है, प्लीज़ उससे मेरी बातकरबा दो मैं उससे सॉरी कहना चाहता हूं,मैं मेरी लाइफ में नीमा को वापस लेना चाहता हूं। सिर्फ तुम ही मेरी मदद कर सकती हो।
अरे,अरे थोड़ा ठहरो मजनू मियां। बड़ी जल्दी समझ आ गया कि # ंटूटते रिश्ते में जिन्दगी कैसे बर्बाद हो जाती है। नीमा आकर अपने पति से बात करले। बेचारा मरा जारहा है तेरे बिना। तेरी समझदारी से एक रिश्ता टूटने से बचगया।इसी को कहते हैं सुबह का भूला यदि शाम को वापस आजए तो उसे भूला नहीं कहते।
दोस्तों यह हाल आजकल सिर्फ नीमा व अगम की लाइफ का नहीं है कमोबेश यही कहानी हरेक घर की है।एक ही घर में रहते हुए पति व बच्चे इंटरनेट की दुनिया में इतने व्यस्त रहते हैं कि एक दूसरे से बात करने का समय ही नहीं मिलता। क्योंकि अति हरेक चीज की बुरी होती है।सो प्लीज़ पति व बच्चों पर इस इन्टरनेट की आदत को हावी न होने दे।अपने रिश्तों खो टूटने से बचाएं।
स्वरचित व मौलिक
माधुरी गुप्ता
#टूटते रिशते
वापस लाकर ही रहेगा।
In the story, the name of wife of Agam is Ragni. Who is Neema ?
Nobody, just a third party