टूटते रिश्ते जुड़ने लगे – शीतल भार्गव : Moral Stories in Hindi

गाँव के छोर पर दो परिवार रहते थे ,चौधरी साहब और पंडित जी का ।दोनों परिवार पीढ़ियों से पड़ोसी थे,लेकिन पिछले कुछ समय से उनके बीच एक अजीब सी खटास आ गई थी । कारण था,कारण था चौधरी साहब के बेटे जय और पंडित जी की बेटी राधा का प्रेम ।

जय और राधा बचपन के साथी थे खेलते कूदते कब उनके दिल एक दूसरे के हो गए उनको पता ही नहीं चला , जब दोनों के परिवार वालों को उनके रिश्ते के बारे में पता चला तो तूफान आ गया ।

चौधरी साहब को अपनी जमीदारी का गुरुर था ,और पंडित जी को अपनी जाति का अभिमान ।दोनों परिवारों ने दोनों को अलग कर दिया ।

जय को शहर भेज दिया गया , और राधा को घर में क़ैद कर दिया । गाँव में कानाफूसीं शुरू हो गई ।लोग कहने लगे “ देखो दोनों परिवारों की इज्जत मिट्टी में मिल गई ।”

एक दिन गाँव में भयंकर बाढ़ आ गई , पानी घरों में घुसने लगा । लोग अपनी जान बचाने के लिए ऊँचे स्थानों पर गमन करने लगे । चौधरी साहब का घर भी पानी से घिर गया , उनके घर के लोग भी डरे हुए थे । अचानक उन्होंने देखा कि राधा जो एक ऊँचे टीले पर थी , किसी बच्ची को बचाने के लिए पानी में कूद गई। राधा तैरना जानती थी , लेकिन पानी का बहाव बहुत तेज था , वह बच्ची को 

तो बचा लाई किंतु खुद पानी में डूबने लगी ।चौधरी साहब ने देखा कि राधा खुद तो पानी में डूब रही है लेकिन फिर भी उनकी पोती की जान बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल रही है । 

जैसे ही जय ने गाँव में पानी भर जाने की खबर सुनी तो वह शहर से गाँव की ओर रवाना हो गया । उसने देखा कि राधा पानी में वह रही है तो वह पानी में तुरंत कूद गया और उसे सुरक्षित बाहर निकाल लाया । 

जब राधा बेहोश थी , तो चौधरी साहब उसे गोद में उठा लाए और रोने लगे , पंडित जी भी दौड़कर आये और अपनी बेटी को गले से लगा लिया । उस दिन बाड़ के पानी के साथ – साथ दोनों परिवारों की कड़वाहट भी वह गई ।

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जब राधा को होश आया तो उसने देखा कि उसके माता – पिता और जय के माता – पिता उसके पास खड़े है । चौधरी साहब ने जय और राधा का हाथ मिलाया और कहा कि बच्चों तुम दोनों का प्यार सच्चा है , आज तुमने हमारी आँखें खोल दी । जाति और अमीरी से बढ़कर इंसानियत होती है । पंडित जी ने भी अपनी गलती मानी और कहा “ हमें माफ कर दो बच्चों “ हमारी मूर्खता ने तुम्हें बहुत दुख दिये है।

जय और राधा की आँखों में आँसू थे लेकिन ये ख़ुशी के आंसू थे ।

उस दिन “ टूटे हुए रिश्ते फिर से जुड़ गये थे “ । गाँव वालों ने भी यह देखकर ख़ुशी मनाई और कहा देखो आज सच्ची इंसानियत की जीत हुई है । 

इस प्रकार एक प्राकृतिक आपदा ने दो परिवारोंके दिलों को पिघला दिया और उन्हें यह अहसास दिलाया कि प्यार और इंसानियत सबसे बड़ी चीजें है “”।।

शीतल भार्गव

छबड़ा जिला बारा

राजस्थान

 

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