तुम्हारी खुशी में ही मेरी खुशी है – बीना शर्मा : Moral Stories in Hindi

राखी सुबह के वक्त रसोई में खाना बना रही थी। तभी उसकी बड़ी बहन रश्मि का फोन आया। उसने राखी से उसकी कुशल मंगल पूछी तो वह बोली ‘मैं ठीक हूं परंतु आज मैंने गुस्से में भाभी को डांट दिया।’

यह सुनकर रश्मि ने राखी से पूछा ‘तूने भाभी को क्यों डांटा ?’

   तब राखी बोली ‘दीदी! मम्मी के जाने के बाद भाभी रोजाना फोन करके हमारा हालचाल पूछती थी परंतु, कुछ दिन से उनके फोन आने बिल्कुल बंद हो गए। जो इंसान रोजाना फोन करके हालचाल पूछता हो यदि कई दिन तक वह फोन ना करे तो बुरा तो लगता ही है। कल शाम के वक्त जब भाभी का फोन आया तब उन्होंने मुझसे मेरी कुशल मंगल पूछी तो मैंने कह दिया कि आज इतने दिन बाद आपको मेरी याद कैसे आई?

मम्मी के जाने के बाद तो आप कहती थी कि “आप हम दोनों बहनों को मम्मी की कमी बिल्कुल भी महसूस नहीं होने देंगी। जब आप कई कई दिन तक फोन करके हाल-चाल भी नहीं पूछ सकती फिर मां का फर्ज कैसे निभाएंगी?” इतना कहकर मैंने गुस्से में फोन काट दिया। मैंने उनसे उनका हाल-चाल भी नहीं पूछा।’

    यह सुनकर रश्मि बोली ‘यह तूने क्या किया? क्या भाभी का कोई आत्मसम्मान नहीं है? तुझे पता है भाभी कितनी बीमार है? पिछले हफ्ते उन्हें दिल का दौरा पड़ा था जिसके कारण वे कई दिनों से अस्पताल में थी। बड़ी मुश्किल से उनका जीवन बचा डॉक्टर ने तो इतना भी कह दिया था तनाव की वजह से इन्हें दौरा पड़ा है और तुमने ऐसा कहकर उन्हें और भी तनाव ग्रस्त कर दिया। तू जानती है ना 4 साल पहले जब मम्मी हमें छोड़ कर

हमेशा के लिए स्वर्ग सिधार गई तब उन्होंने कभी हमें मम्मी की कमी महसूस ना होने दी। वे हमें कितना प्यार सम्मान देती है। साल में कई-कई बार हमें फोन करके मायके बुलाती हैं हमेशा हमारी मनपसंद चीज बना कर खिलाती हैं और तो और हमारे सिर में तेल डाल कर कितने प्यार से मालिश करती हैं। हर तीज त्योहार पर हमारे पसंद के सामान देती हैं। पापा का बेटी की तरह ख्याल रखती हैं। जब भैया दुखी होकर मां की याद में रोते हैं

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तो एक दोस्त की तरह उनका हौंसला बढ़ाती हैं और रोजाना फोन करके हमारा हालचाल पूछती हैं। क्या सारे फर्ज भाभी के हैं हमारा कोई फर्ज नहीं उनके प्रति? यह सोच कर मैं भी उनके पास फोन करके उनका हाल-चाल पूछ लेती हूं। यदि भाभी ने कई दिनों तक फोन नहीं किया तो तू फोन करके उनका हाल चाल पूछ लेती।’

     रश्मि की बात सुनकर राखी बोली ‘क्या सच में दीदी? भाभी को दिल का दौरा पड़ा और मुझे पता भी नहीं चला। भैया और पापा ने भी मुझे इस बारे में कुछ नहीं बताया।’

तब रश्मि बोली ‘भाभी ने पापा और भैया को मना कर दिया तुम्हें और मुझे बताने को कि कहीं हम उनके लिए दुखी ना हो जाएं। जब मैंने भाभी का फोन मिलाया तब उनका फोन हमारी भतीजी राधिका ने उठाया क्योंकि उस वक्त वे दवाइयों के असर से गहरी नींद में थी। तब राधिका ने मुझे भाभी के बारे में बताया।’ मैं तो कल ही उनसे मिलकर आई थी।

रश्मि की बात सुनकर सोचने लगी ‘यह क्या गलती हो गई उससे…जो भाभी से उनका हालचाल पूछे बगैर उन्हें डांट दिया मेरा ऐसा करने से उनके आत्मसम्मान को कितनी ठेस पहुंची होगी। वह शर्मिंदा होकर रश्मि से बोली” दीदी मैं अभी भाभी से मिलने जाऊंगी और उनसे अपनी गलती के लिए माफी मांगूंगी।’यह कहकर उसने फोन रख दिया था और जल्दी से खाना बनाकर फिर तैयार होकर अपने मायके की तरफ चल दी थी। घर पहुंच कर जैसे ही उसने बिस्तर पर भाभी को लेटे हुए देखा तो उसकी आंखों से आंसू बहने लगे थे। उसकी भाभी बीमारी के कारण काफी कमजोर हो गई थी। भाभी उसे देखते ही उसे सीने से लगा कर बोली ‘दीदी! रोना मत। मम्मी नहीं तो क्या मैं तो हूं।’

तब राखी रोते हुए बोली ‘भाभी! मुझे माफ कर दो मैंने आपका दिल दुखाकर आपके आत्म सम्मान को ठेस पहुंचाई मुझे आपसे ऐसा नहीं कहना था आपने तो हमेशा हमारा मां की तरह ख्याल रखा था।’

तब भाभी उसके आंसू पूछते हुए बोली ‘रो मत। तुम तो मेरे लिए बेटी के समान हो। मैंने तुम्हे माफ किया। अब तो खुश अब तो मुस्कुरा दो।’

यह सुनकर राखी बोली ‘भाभी! आपने हमेशा मां की तरह अपना फर्ज निभाया अब मैं भी कुछ दिन यहां रह कर बेटी का फर्ज निभाऊंगी। आपकी कुछ दिन सेवा करके ही अपने ससुराल जाऊंगी। तभी मुझे खुशी मिलेगी।’

‘ठीक है तुम्हारी खुशी में ही मेरी खुशी है!’ कहते हुए भाभी ने मुस्कुरा कर राखी को फिर से गले लगा लिया।

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कई घरों में अक्सर ऐसा होता है जब अधिकतर भाभी ही अपनी ननदो से फोन करके उनका हालचाल पूछती है. अपनी सासू मां के ना रहने पर अपनी नंनदो का बेटियों की तरह ख्याल रखती हैं तो बेटियों का भी तो फर्ज बनता है कि वह भी अपनी भाभियों का फोन करके हालचाल पूछे. कभी-कभी अहंकार के वश में होकर नंनदे फोन ना करके ऐसी गलती कर देतीं हैं परंतु, यह गलत है रिश्तो में मिठास भी तभी तक बनी रहती है जब दोनों तरफ से एक दूसरे का हाल-चाल पूछा जाए और सुख दुख में एक दूसरे की मदद की जाए ।

बीना शर्मा 

#आत्मसम्मान

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