रवि विश्वविद्यालय में फिजिक्स का प्रोफैसर था उसकी शादी 4 साल पहले रागिनी के साथ हुई थी। रवि अपनी पत्नी से बहुत प्यार करता । शादी के पहले रागिनी एक प्राइवेट स्कूल की टीचर थी पर शादी के बाद रवि ने रागिनी को जॉब के लिए मना कर दिया, रागिनी भी पति की आज्ञा को सर आंखों पर ले ,अपनी गृहस्ती बड़े सुसज्जित ढंग से चलाने लगी । पिछले साल ही इन्हें एक पुत्री की प्राप्ति हुई ,जिनसे इनकी सुनी बगिया खिलखिला उठी।
रवि अपने पढ़ाने की अंदाज से काफी पॉपुलर तो था ही साथ में उसका व्यक्तित्व भी काफी आकर्षक और मनमोहक था । खासकर लड़कियों में काफी पॉपुलर भी।
कुछ दिन पहले रवि के सब्जेक्ट में मिस्टी नाम की छात्रा ने, दाखिला ली ।
मिस्टी स्मार्ट और इंटेलिजेंट भी थी साथ में
क्लास में उसकी पंक्चुअलिटी और क्यूरियोसिटी की वजह धीरे-धीरे वह रवि की फेवरेट स्टूडेंट के लिस्ट में आ गई ।
इतना अपनापन और स्नेह को देख, मिस्टी के मन में कुछ गलतफहमी घर कर गई ।वह जाने कब रवि से प्यार कर बैठी उसे पता भी न चला ।
क्लास छुटते ही मिस्टी कॉलेज के बाहर रवि का इंतजार कर रही थी।
“सर मुझे आपसे कुछ बात करनी है क्या मैं आपसे बात कर सकती हूं?”
हां जरूर मिस्टी ! क्या तुम्हें किसी टॉपिक को समझना है या किसी “एक्स्ट्रा क्लासेज” की जरूरत है तो ,तुम बेहिचक मुझसे बात कर सकती हो !
रवि ने बड़े सरलता के साथ जवाब दिया।
सर! मैं कई दिनों से आपको बताना चाहती थी पर मैं बता नहीं पा रही थी।” एक्चुअली” मैं— आपसे बहुत प्यार करती हूं सर! “आई लव यू”
मिस्टी ने एक सांस में यह सब कह दिया। सुनते ही रवि दंग रह गया ।
यह जानते हुए कि मेरे बीवी और बच्चे हैं उसके बावजूद भी तुम इस तरह की बात बोल रही हो तुम्हें शर्म नहीं आती ? रवि पूरे गुस्से में बोला
हां सर मैं जानती हूं, पर प्यार पर किसी का बस नहीं होता मिस्टी ने रवि का हाथ पकड़ते हुए बोला
शट अप ! यू डॉन’ट नो ,व्हाट आर यू सेइंग ! प्लीज यहां से चली जाओ इस तरह की बात आइंदा अपने मन में दोबारा मत लाना हमारा रिश्ता एक शिक्षक और शिष्या का है, जिसे तुम अपवित्र कर रही हो।
रवि गुस्से से उससे हाथ को छुड़वाते हुए बोला और वहां से चला गया ।
समय बितता गया, लेकिन मिस्टी के सर से प्यार का भूत दिन पर दिन बढ़ता चला जा रहा था।
रवि भी अब मिस्टी से परेशान रहने लगा था ।
वह इस तरह का कोई कदम भी नहीं उठाना चाहता था जिससे, उसकी बदनामी हो।
इसलिए उसने अपनी तरफ से हैंडल करने की बहुत कोशिश की ,पर “पानी सर से ऊपर जा चुका था।”
आज रवि बड़े सामंजस में था उसके दिमाग में यह विचार चल रहा था कि, यह बात रागिनी को बताना चाहिए या नहीं ।
“नहीं ।आज रागिनी को बता ही देता हूं उससे यह बात छुपाना सही नहीं है ।
तभी रागिनी कमरे में आती है” अरे आज आप कॉलेज नहीं जाओगे” अभी तक यही पर बैठे हो ,”जाओ जल्दी से जाकर तैयार हो जाओ “!
रवि को उदास देख रागिनी बोली,
कई दिनों से” मैं आपको विचलित सी देख रही हूं “कोई बात—- जो आपको परेशान कर रहा हो तो मुझे बताइए ।
“मैं सोच ही रहा था कि तुमको बताऊं या नहीं कहीं तुम बुरा ना मान जाओ लेकिन अब मुझसे बर्दाश्त नहीं होता। फिर रवि ने अपने साथ हुई, मिस्टी वाली घटना रागिनी को बता दी।
सारी वृत्तांत को सुनने के बाद रागिनी काफी गंभीर हो गई ।
वैसे उसे अपने पति पर पूरा भरोसा था कि, वह एक ‘चरित्रवान तथा पत्नी- वार्ता पुरुष है। इस बात को वह अच्छी तरह से जानती थी।
रवि के साथ हुई इस घटना को गंभीरता से लेते हुए मन ही मन एक प्लान कर लिया ।
आप बिल्कुल मत घबराओ ,”मैं हूं ना! सब संभाल लूंगी ।
मुझे तो बस यह बात का बुरी लगी कि आपने बहुत देर के बाद, मुझे बात बताई।
रागिनी ने शिकायत के लहजे से बोला ।
रवि ने माफी मांगते हुए रागिनी को गले से लगा लिया ।
लेकिन प्लीज रागिनी!” तुम यह काम बड़ी सावधानी से करना। ताकि “उस लड़की की बदनामी न हो । हमें सोच समझकर कोई कदम उठाना पड़ेगा।”
बिल्कुल! हम इस बात का ध्यान रखेंगे। कहते हुए रागिनी ने प्यार से रवि की तरफ देखा उसके चेहरे पर हल्की मुस्कान उभर पड़ी।
रागिनी अपने प्लान को आगे बढ़ाने के लिए सबसे पहले मिस्टी के घर का, पता लगाया ।
फिर मिस्टी की मम्मी और पापा से मिलकर अपना परिचय देते हुए सारी कहानी सुना दी ।
सब कुछ जनने के बाद मिस्टी की मम्मी और पापा को अपनी बेटी से हुई, इस गलती के लिए क्षमा मांगी
और मिस्टी को गलती का एहसास हो ,इसके लिए रागिनी के साथ इस प्लान में शामिल हो गए।
शाम के 4:00 बज रहे थे।
मिस्टी अपने कमरे में सो रही थी कि तभी ,अचानक उसकी मम्मी और पापा की लड़ने की आवाज जोर -जोर से उसके कान में पड़ी।
मिस्टी घबराते वहां पहुंची, तब दोनों चुप हो गए ।ऐसी घटना पिछले कई दिनों से अब चलने लगी।
एक दिन मिस्टी की मम्मी छत पर अकेले बैठी रो रही थी।
” अरे मम्मी आप क्यों रो रही हो?
आजकल आप और पापा हर दिन क्यों लड़ते रहते हो ? प्लीज बताओ ना।
“अब मैं क्या बताऊं।”
तू अभी छोटी है और तुझे बोलना मुझे सही नहीं लग रहा ।
मिस्टी की मम्मी ने मिस्टी को रोते हुए बोला।
कोई नहीं, आप चुप हो जाओ ,और मुझे बताओ की क्या बात है?
” मैं कोई बच्ची नहीं हूं , क्या सही है ,क्या गलत यह जानने का मुझे पूरा हक है मिस्टी ने पूरे कॉन्फिडेंट के साथ अपनी मां को समझाया ।
“ठीक है तो सुन तेरे पापा का ऑफिस में किसी औरत के साथ चक्कर चल रहा है
यह घटना पिछले कई महीनो से हो रहा है ।
उनका उसके साथ, शादी का भी इरादा है
“अब बता ,मेरा और तेरा क्या होगा “
उनकी तो अलग दुनिया हो जाएगी।
हम सब की जिंदगी बर्बाद हो जाएगी।
कहते जोर-जोर से वह रोने लगी। मिस्टी कुछ देर तो शांत रही फिर
पापा के पास जाकर उनको उनकी गलती का एहसास दिलाते हुए रोने लगी क्योंकि, पापा की गलती में उसे अपनी गलती का एहसास हो रहा था ।
“मैं कितनी पागल हूं “एक शादीशुदा आदमी से प्यार करने लगी और उसके भरे पूरे परिवार को बर्बाद करने का सोच रही थी।
मैं आज ही जाकर ‘सर ‘से अपनी इस गलती के लिए माफी मांगूंगी।
” शाम में जब रवि घर आए तो बड़े खुश थे !
वह खुशी से रजनी को गोद में उठाते हुए बोले कि तुमने यह काम इतनी जल्दी कैसे कर दी।
वह भी बिना उसके दामन में कोई दाग लगे।
” मैं तो कई महीनों की कोशिश से नाकाम रहा !
“रवि आप पर सिर्फ मेरा अधिकार है “और यह अधिकार मैं, और किसी के साथ शेयर नहीं कर सकती !
“आई लव यू “कहते हुए रजनी ने, रवि का माथा चूम लिया ।
दोस्तों कोई भी काम हमें सूझबूझ से करनी चाहिए।
धन्यवाद।
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मनीषा सिंह