तुम छोटी बहू से इतना क्यूं जलती हो?? – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अरे !! ये क्या अभी तो मैं गैस धीमी करके गई थी और

ये किसने तेज कर दी, सब्जी ही जल गई, मोना का चेहरा रोने जैसे हो गया, उसने बड़े मन से सब्जी बनाई थी पर सारी फेंकनी पड़ी, वो दूसरी सब्जी बनाने जा रही थी कि हेमा जी की आवाज कानों में पड़ी,

” मोना खाना लगा दे, मुझे भूख लग रही है, डायबिटीज की दवाई ले ली है और अब खाना जरूरी है, मोना का चेहरा सफेद पड़ गया, वो सहमते हुए बोली, मम्मी जी सब्जी तो जल गई है, मै आपको सुबह की सब्जी और थोडा सा अचार दे देती हूं, ताकि आप समय पर खाना खा सकें।

हेमा जी कुछ बोलने वाली थी कि तभी बड़ी बहू बीना आ गई, ये क्या कर दिया तुमने सब्जी जला दी,   इतनी महंगाई में तुम कैसे खाना बर्बाद कर सकती हो ? ध्यान कहां रहता है तुम्हारा? अभी तो ठीक से घर भी नहीं संभालना सीखी और नुकसान करना शुरू कर दी, मम्मी जी आप भी कुछ कहिये, बीना जैसे सुनने को तैयार थी कि उसकी सास घर की छोटी बहू को भी डांटेंगी।

बीना बहू, तू ज्यादा सास मत बन, अभी तो मै जिंदा हूं,अपने काम से काम रख, सब्जी जल गई तो कोई ना मोना, मुझे तू खाना परोस दे मै सुबह की सब्जी और अचार से खा लूंगी और घरवाले तो देर से खायेंगे, तब तक दूसरी सब्जी बना देना, हेमा जी की बात सुनकर बीना चौंक गई, वो तो चाहती थी कि नई बहू मोना को डांट पड़े, वो जब बॉलकोनी में कपड़े लेने गई थी तब उसी ने गैस तेज कर दी थी, जिससे सारी सब्जी ही खराब हो गई।

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जब से मोना घर में आई थी तब से बीना को लगता है कि उसकी कदर कम हो गई थी, वो भी पांच सालों से घर संभाल रही थी पर मोना को आये हुए अभी दो महीने भी नहीं हुये और सारे घरवाले उसका ही गुणगान करते हैं तो वो जल भुनकर रह जाती है, वो कोशिश कर रही थी कि किसी भी तरह से बस परिवार वालों के सामने मोना को नीचा दिखा दें।

बीना सामान्य पढ़ी-लिखी थी और मोना ने उच्च शिक्षा हासिल की थी, मोना बीना से ज्यादा समझदार और आज्ञाकारी थी। उसने ससुराल आते ही सबका दिल जीत लिया था, वो सबके काम मुस्करा के कर देती थी।

परिवार में सास-ससुर के खाने पीने से लेकर दवाई तक का बड़ा ध्यान रखती थी, और ननद के कॉलेज की पढ़ाई के लिए नोट्स भी बना देती थी, रसोई के काम में मोना इतनी चतुर नहीं थी पर वो कभी किसी काम के लिए मना नहीं करती थी, कोशिश करके काम कर ही लेती थी।

बीना को यही बात चुभती थी कि उसके सास-ससुर, ननद सब मोना की ही तारीफ करते थे, और उसी के गुणगान करते हैं, जैसे उसने तो कभी परिवार वालों के लिए कुछ किया ही नहीं हो। बीना की एक तीन साल की बेटी भी है, वो उसके लालन-पालन में व्यस्त रहती थी तो मोना ने कहा भी, “भाभी आप गुड़िया को संभाल लीजिए बाकी काम मै कर लूंगी।

बीना अपनी बिटिया को खिलाने पिलाने में लगी रहती थी, और मोना ने धीरे-धीरे घर संभाला और सबकी चहेती बन गई, ये देखकर बीना को उससे जलन होने लगी।

एकं दिन मोना ने कपड़े सुखाएं, उसमें हेमा जी की सफेद साड़ी भी थी, वो हेमा जी की सबसे पसंदीदा साड़ी थी। बीना चुपके से बॉलकोनी में आई और उसने वो साड़ी पर लगी कपड़े की पिन हटा दी और कमरे में आ गई।

थोड़ी देर बाद घर की घंटी बजी, नीचे सफाई करने वाली साड़ी घर में देकर गई जो सड़क पर जाकर गिरी थी और सड़क की गंदगी साड़ी पर लग चुकी थी। ये देखकर बीना फिर से चिल्लाई,” मोना ये तुमने क्या कर दिया, मम्मी जी की सबसे अच्छी साड़ी खराब कर दी, अब तो तुम्हें सजा जरूर मिलेगी”। मोना थोडा सा घबरा गई तभी हेमा जी आई और उन्होंने साड़ी देखी, मोना को उसके कमरे में भेज दिया और बीना को अपने कमरे में बुलाकर दरवाजा बंद कर लिया।

बीना हैरान थी, सजा तो मोना को मिलनी थी, सासू मां ने मुझे क्यों बुलाया ? 

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बीना बहू, तू घर की बड़ी बहू हूं और तुझे ये सब काम शोभा नहीं देते हैं, परिवार में इज्जत बनाएं रखने के लिए खुद ऊपर उठा जाता है ना कि दूसरे को नीचा गिराया जाता है। मुझे पता है तू मोना से जलती हैं उसके गुण तेरी  आंखों में चुभते हैं, मोना और तुझमें में एक बड़ा फर्क यही है कि तूने पांच साल घर को चिड़चिड़ करके, बोझ समझकर, झल्लाकर संभाला, कभी किसी की मन से सेवा नहीं की, वहीं मोना चाहें काम करना कम जानती है पर वो खुशी से करती है, और सच्चे मन से करती है”।

उस दिन जब तू गैस की आंच तेज कर रही थी तो मैंने तुझे देख लिया था, जलन की भावना तुझ पर इस कदर हावी हो गई थी कि तूने अन्न का अपमान कर दिया, जानबूझकर सब खराब कर दिया। मुझे लगा तू सुधर जायेगी पर उस दिन अपने कमरे की खिड़की से मैंने तुझे जानबूझकर साड़ी से पिन हटाते हुए और साड़ी नीचे गिराते हुए देखा और तूने सारा इल्ज़ाम मोना पर लगा दिया।

शर्म आती है मुझे तेरी सोच पर, अपनी ही देवरानी से जलती है,  उसे सबकी आंखों में नीचा गिराना चाहती है, वो तो तुझे अपनी बड़ी बहन की तरह मानती है, मै उसके सामने भी तुझे डांट सकती थी पर फिर उसकी नज़रों में तेरा सम्मान कम हो जाता, इसलिए मैंने कमरे में बुलाया।

परिवार के सदस्यों में आपस में जलन की भावना हो तो परिवार में प्रेम नहीं बना रहता है, वो घर बिखरकर रह जाता है, तुम दोनों को मिलकर घर संभालना है, जिस तरह मेरे दोनों बेटे मिलकर दुकान संभाल रहे है, उस तरह तुम घर मिलकर नहीं संभाल सकती हो? वो तुझे बड़ी बहन समझती है तो तू क्या उसे छोटी बहन नहीं समझ सकती ?

अच्छी भावना से नये रिश्ते की शुरुआत करोगी तो सब अच्छा ही होगा “।

वो तेरा  काम भी कर लेती है ताकि तू गुड़िया की अच्छे से देखभाल कर सकें, फिर भी तू उससे जलती हो, ये तो बहुत ही गलत भावना है।

अपनी सासू मां की बात सुनकर बीना का चेहरा फीका पड़ गया, उसने माफी मांग ली और कहा वो फिर ऐसा कभी नहीं करेगी, मोना के आते ही रोज उसकी तारीफें होती थी उससे मै अपने आपको असुरक्षित महसूस करने लगी थी, पर अब ऐसा नहीं होगा।

कमरे से निकलकर बीना की सोच बदल गई थी, जलन की भावना प्यार की भावना में बदल गई थी, और अब वो मोना को मन से छोटी बहन मानने लगी थी, हेमा जी की समझदारी से देवरानी और जेठानी मिलकर प्यार से घर चलाने लगी।

धन्यवाद

लेखिका

अर्चना खंडेलवाल

#जलन

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