तेरा साथ – रश्मि प्रकाश

सब सो रहे थे पर रागिनी की आँखो से नींद कोसों दूर थी वो आज की घटना याद कर के सिहर उठी।

आज कॉलेज से आते वक्त समर ने बहुत जिद्द किया चलों पास के कॉफी शॉप पर चलते हैं रागिनी ने मना किया तो समर थोड़ा गुस्से में बोला ,“कभी तो कुछ वक्त मेरे साथ भी बीता लिया करो। ”

रागिनी चाह कर भी समर को मना नहीं कर पाईं और उसके साथ आ गयी। दोनों कॉफी लेकर कोने में बैठ गये।

समर ने रागिनी का हाथ पकड़ते हुए कहा,“रागिनी अब मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकता तुम मुझसे शादी तो करोगी ना?

रागिनी उसके चेहरे को देखते हुए अपना हाथ छुड़ाकर बोली ,“ये कैसी बात कर रहे हो समर …हम दोनों बस दोस्त हैं। मैं तुम्हें अपना सबसे अच्छा दोस्त समझती हूँ और तुम्हारे मन में ये ख्याल कब आ गया??समर तुम ये सब बेकार की बातें करोगे तो मैं जा रही हूँ। ”

“अरे नाराज़ क्यों हो रही,हम इतने साल से एक दूसरे को जानते है एक दूसरे को समझते है इससे अच्छा जीवन साथी कौन होगा।पर तुम्हें ये बात पसन्द नहीं तो मैं फिर कभी ये बात नहीं करूंगा। अब चलो ।याद है ना आज शाम को सब दोस्त रेहाना के घर उसका बर्थडे पार्टी में मिलने वाले हैं ।”

रागिनी का मूड समर की बात से परेशान हो गया था वो बस इतना बोली ,“देखती हूँ।”


“अरे यार मजाक किया बाबा सॉरी उस बात के लिए अभी भी नाराज हो क्या?” समर मनाते हुए बोला

रागिनी कुछ नहीं बोली रास्ते में भी समर से कोई बात नहीं की और दोनों अपने अपनेघर चले गए।घर आकर रागिनी से उसकी मॉं ने बोला ,“रागिनी कालेज से आयी है बेटा कपड़े बदल कर खाना खा लो। ”

“मॉं आज कैंटीन में ज्यादा खा लिया अभी भूख नहीं है। मैं कमरे में जा रही थोड़ा आराम कर लूं। ”कह रागिनी कमरे में आकर समर की बात सोचते सोचते सो गयी।

शाम के पांच बजे मोबाइल की घंटी से उसकी नींद खुली देखा तो शीना का कॉल है,“हैलो शीना बोल !”

“क्या यार रागिनी तुम सो रही हो? आज रेहाना के घर चलना है तू जल्दी से तैयार हो जा हम लेने आ रहे तुझे !”बोलकर शीना ने कॉल काट दिया।

रागिनी कुछ सोचने लगी फिर माँ से जाकर बोली,“माँ आज सब दोस्त रेहाना के घर उसके बर्थ डे पार्टी में जा रहे। शीना मुझे लेने आ रही है….मैं जाऊं? जल्दी आ जाऊंगी तुम चिंता मत करना।”

“ठीक है बेटा जाओ पर ज्यादा रात मत करना ।”माँ के इतना बोलते रागिनी बोली ,“हां माँ आ जाऊंगी। ”

शीना के साथ और भी लड़कियाँ थी वो लोग जब रेहाना के घर पहुंचे तो बहुत सारे दोस्त मिल गये। पार्टी पूरे जोर शोर से चल रही थी।


“रेहाना ने बहुत अच्छी पार्टी रखी है ना?”अचानक से समर की आवाज सुन कर रागिनी चौंक गया।

कुछ दोस्तों ने रेहाना से पूछा यार पार्टी में कुछ कमी सी लग रही बहुत दिनों बाद हम सब मिले हैं क्यों ना एक एक पैग लगा ले, कुछ ने हाँ में हाँ मिलाते हुए कहा हां यार थोड़ा सा लेंगे बस ज्यादा नहीं। तभी एक बोतल लेकर एक दोस्त

आ गया ।

सबने समर से भी जिद्द किया तो वो मना नहीं कर पाया। रागिनी और जिन दोस्तों को नहीं पीना था वो एक तरफ बैठ कर डिनर करने लगे। अचानक से उन्हें शोर सुनाई दिया वो जल्दी से उठकर उधर गये तो देखते हैं समर गुस्से में किसी से बहस कर रहा।

रागिनी कुछ समझ पाती रेहाना ने बोला ,“यार ये मनीष ने बेवजह झगड़ा शुरू कर दिया।वो इतने नशे में था कि वो तुम्हारे लिए अपशब्द कहने लगा। समर को ये बर्दाश्त नहीं हुआ बस दोनों में झगड़ा शुरू हो गया।”

तभी समर की आवाज सुनाई दी ,“बोल रहा हूं मनीष तुम अपनी हद में रहो। नहीं तो आज मेरे हाथ से कोई हादसा न हो जाये।”

“क्यों क्या करेगा !”तैश में आकर मनीष ने बोला।

समर गुस्से में एक बोतल उठा कर मनीष की ओर बढ़ा। “नहीं समर ”कहती हुई रागिनी ने उसे रोक दिया।

समर ने रागिनी को देखा और नजरे झुका लिया। शायद उसे लगा रागिनी अब उससे कभी बात नहीं करेंगी। रागिनी ने समर के हाथ से वो बोतल लेकर साईड में रखा और बस इतना ही बोली “कल बात करते हैं। ”


समर ने माफी के अंदाज में रागिनी की ओर देखा और बोला मैं घर छोड़ दूं?

“आज नहीं समर फिर कभी ये मौका मैं जरूर तुम्हें ही दूंगी पर अभी तो मैं शीना के साथ जा रही हूँ । प्लीज़ मेरे जाने के बाद तुम फिर से कोई ऐसी हरकत मत करना नहीं तो मेरा भरोसा टूट जायेगा।”कह रागिनी निकल गई

समर ने सर झुकाए हुए बोला ,“नहीं करूंगा बस तुम मुझसे नाराज़ मत होना।”

उसके बाद सब अपने अपने घर चले गए। रागिनी घर आकर बिस्तर पर करवटें बदलती यही सोचती रही आज अगर वो बोतल मनीष को लग जाती तो क्या होता?

हँसी खुशी का माहौल उसकी वजह से बिगड़ गया था पर सुकून ये है कि समर ने मेरी बात मान ली…. वो क्या बस मेरे लिए…… क्या सच में वो मुझसे प्यार करता है…. अच्छा तो वो मुझे भी लगता है पर कभी उस नज़रिए से देखी ही नहीं….. क्या सच में समर के रूप में मुझे एक अच्छा जीवन साथी मिल जाएगा…. क्या वो मेरा साथ ज़िन्दगी भर निभा पाएगा…. कल उससे मिल कर एक बार फिर इस पर विचार करूँगी…..ना जाने क्यों ऐसा लग रहा है…उससे बेहतर जीवनसाथी मुझे कोई और मिल नहीं पाएगा…. हाँ वो मेरा साथ निभा सकता है …इन्हीं ख़्यालों में खोई रागिनी समर के साथ के सपनों में खो कर नींद के आग़ोश में चली गई ।

दूसरे दिन समर से मिल कर रागिनी ने भी अपने प्यार की मोहर लगा दी….. दोनों को एक दूजे का साथ मिल गया ।

आपको मेरी रचना पसंद आये तो कृपया उसे लाइक करे और कमेंट्स करे ।

धन्यवाद

रश्मि प्रकाश

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!