तारीफ हो या बुराई हम दोनों की होगी – अनीता शर्मा बुंदेलखंडी   : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :

रिया की शादी हुए अभी सिर्फ दो महीने हुए थे।

ससुराल में रिया के पति और सास के अलावा एक जेठ जी और जेठानी जी थे।

जेठानी जी के अभी बच्चे नहीं थे। क्योंकि उन की शादी को अभी एक साल ही हुआ था।

कुल मिला कर एक खुशहाल परिवार था। रिया एक संस्कारी लड़की । जो इस डर से की कहीं कुछ गलत न हो जाए इसीलिए सभी काम सासू जी या जेठानी से पूछ कर ही करती।

वैसे तो सब ठीक ही चल रहा था। पर रिया अपनी जेठानी के व्यवहार से थोड़ी परेशान सी थी।

वो ऊपर के सारे काम रिया से करवाती जैसे – सब्जी धो कर काटती रिया । पर बनाने के टाइम जेठानी जी आ जाती।

दाल चुन कर कुकर में चढ़ाती रिया, पर तड़का उस में जेठानी जी लगाती।

इससे मेहनत तो रिया की होती पर स्वाद का क्रेडिट सारा जेठानी जी ले जाती।

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सासू जी और जेठ जी भी बस उन्ही की तारीफ करते। और रिया को उन की तरह खाना बनाना सीखने की सलाह दी जाती।

जबकि रिया की मां ने रिया को पढ़ाई के साथ साथ घर के सारे काम भी सिखाए थे! पर रिया को अभी तक मौका ही नही मिला था, अपना हुनर दिखाने का।

एक दिन रिया की जेठानी के मायके से फोन आया । उन की मम्मी की तबियत ठीक नहीं थी। और उन्हें याद कर रही थी। तो जेठ जी उन्हें मायके छोड़ आए।

अब किचन की सारी जिम्मेवारी रिया पर थी। रिया की सास भी ये सोच कर परेशान थी की पता नही छोटी बहू सब संभाल पायेगी की नहीं।

पर जब रिया ने स्वादिष्ट खाने के साथ सारे घर की जिम्मेवारी संभाल ली तो वो भी निश्चिन्त हो गई।

रिया का पति भी रिया के हाथ का खाना खा कर बोले बिना न रह सके”अरे वाह तुम तो बहुत अच्छा खाना बनाती हो। मुझे तो लगा था की तुम्हे बनाना नहीं आता इसीलिए भाभी के पीछे लगी रहती हो।,,

उस की इस बात पर रिया बस मुस्करा कर रह गई। कैसे बताती की उसे मौका ही नही दिया जाता।

एक हफ्ते बाद जेठानी जी वापिस आ गई। उन की मम्मी की तबियत अब ठीक हो गई थी।

वापिस आ कर फिर से वही सब शुरू हो गया। पर अब सब उन के खाने के साथ रिया के खाने की भी तारीफ कर रहे थे। ये बात जेठानी जी को हजम नही हो रही थी क्युकी अभी तक सिर्फ उन्ही की तारीफ होती थी।

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इस बात का गुस्सा वो रिया पर निकाल रही थी। अब जब रिया सब्जी बनाती तो उस में नमक ज्यादा हो जाता। या गैस का फ्लो इतना तेज हो जाता की सब्जी चावल जल जाते। इस सबसे जब रिया की डांट पड़ती तो उन्हें बड़ी खुशी मिलती।

उस दिन तो हद ही हो गई जब जेठानी जी ने रिया से सीधे से बोल दिया…..

“रिया जब में रसोई में हुआ करू तो तुम मत आया करो मुझे मेरे काम के बीच में किसी का आना पसन्द नहीं ।,,

रिया ये सब सुन कर सन्न रह गई। वो तो हर काम पूछ पूछ कर ही करती रही अब तक ताकि उन्हें बुरा न लगे। फिर भी वो मुझे पसन्द नही करती ।

अब रिया भी  जेठानी जी की हरकतों से परेशान हो गई थी। उस ने भी आज  अन बोला झगड़ा खत्म करने का सोच लिया….

रिया ने जेठानी का हाथ पकड़ कर अपनी तरफ उन का मुंह करते हुए बोली “भाभी हम दोनों इस घर की बहुएं है। तो किचन भी हम दोनों का हुआ।तो आप को पसन्द हो या न हो अब तो में बीच में आ ही गई हूं। तो क्यो न आप हमें पसंद  ही कर लो। और मेरी तारीफ से जलना छोड़ दो।

अब हम दोनों जब मिल कर खाना बनाएंगे तो तारीफ हो या बुराई दोनों की होगी। आखिर हम दोनों दो बहनों की तरह ही तो है।,, कहते हुए रिया ने जेठानी को गले लगा लिया।,,

रिया के अंदर खुद के लिए इतना प्यार देख जेठानी जी आंखों से छलक आए आंसुओ को साफ कर बोली…

“मुझे माफ कर दो रिया। इतने दिन अकेले रही थी यहां तो तुम्हारे आने से कहीं मेरे लिए सब का प्यार कम न हो जाए इसीलिए मैने वो सब किया। पर अब से हम दोनों आपस में मिल जुल कर काम करेंगे। फिर चाहे तारीफ हो या बुराई हम दोनों की होगी।

और दोनों मुस्कराते हुए एक दूसरे को कस के गले लगा लेती है।

दोस्तों मेरी ये नई कहानी आप को कैसी लगी। लाइक कॉमेंट कर के जरूर बताईएगा।

#जलन

                                           धन्यवाद।

आपकी दोस्त

अनीता शर्मा बुंदेलखंडी

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