जब कोर्ट में जैसे ही बहू और बेटे की तलाक़ की पुष्टि हुई रेणुका चकरा कर गिरने लगी तभी बेटे ने संभाल लिया।तलाक के साथ ही 20 लाख का एमांउट भी देना था । रेणुका ने कभी सोचा भी न था आज वो हो गया । कितना गिन गिन कर पैर रखा था उसने फिर भी ये क्या हो गया कैसे परिवार में समाज में रिश्ते दारों में मुंह दिखायेगी ।
रेणुका की जेठानी के दो बेटों की शादी हुई तो दोनों ही बहुएं बड़ी फ़ूहड़ और बदतमीज आई रेणुका को उनको देखकर लगता कैसी बहुएं आ गई है मैं तो ऐसी बहुएं न लाऊंगी । जेठानी ने तो जल्द बाजी में बिना ज्यादा छानबीन करें शादी कर ली पर मैं ऐसा न करूंगी ।मैं तो बड़े सोंचसमझ कर गिन गिन कर पैर रखूंगी। लेकिन होता वही है जो किस्मत में लिखा होता है।
लड़की तो अच्छी पसंद करती थी रेणुका ने लेकिन लड़की की मां थोड़ी तेज तर्रार लग रही थी । रेणुका से ज्यादा बेटे को पसंद आ गई थी लड़की ।एक दो बार रेणुका ने बेटे से कहा भी थोड़ा रूक जाओ और देखो लेते हैं लेकिन बेटा बोला लड़की ठीक है मुझे यही पसंद है ।और फिर एक दो बार मिलने से आप किसी के बारे में अच्छे से जज नहीं कर सकते जब तक कि उसके साथ चौबीस घंटे रहा न जाए ।
लड़की देखने सुनने में अच्छी थी पढ़ी लिखी थी रेणुका का बेटा भी आई टी एन था अच्छी नौकरी में था । लड़की छोटी सी जगह की थी और उनका एक संयुक्त परिवार था । हां लड़की बाहर रहकर पढ़ाई की थी ।बेटे को पसंद थी सबकुछ ठीक था तो रेणुका ने शादी कर दी।
हम लोगों का अनुमान सही निकला लड़की भी काफी तेज तर्रार निकली वो भी नौकरी करती थी घर को बिल्कुल भी नहीं देखती थी बात बात में कहा सुनी हो जाती थी।वो अपनी सैलरी से एक पैसा नहीं खर्च करती थी । शनिवार और रविवार को जब आफिस की छुट्टी होती तो गुड़गांव से उसका घर पास पड़ता तो अपने घर चली जाती।और यदि बेटा कहीं दोस्तों के पास या और कहीं चला जाए तो खूब हंगामा मचाती । रेणुका के पास फोन करके बेटे की खूब शिकायत लगाती रहती।
शादी में बहू के मां बाप ने पूछा था कि आप लोग को क्या चाहिए दहेज में तो रेणुका और उनके पति ने मना कर दिया था कि हमें कुछ नहीं चाहिए मेरे पास सबकुछ है यदि कुछ देना चाहते हैं तो बेटी के घर में जो कुछ समान चाहिए तो दिला सकते हैं ।बहू के मां बाप ने तीन लाख रूपए बेटी के एकाउंट में ट्रांसफर कर दिया कि तुम लोगों को जो लेना हो ले लेना । हां एक कार दिया था उन्होंने तो उसकी चाबी बहू अपने पास रखती जब वो खुद कहीं जाती तभी चाबी बेटे को देती वरना नहीं ।बहू बेटे पर पूरी तरह से हावी होना चाहती थी ।अब बेटा भी पढ़ा-लिखा था अच्छी नौकरी थी ऐसे कैसे बिल्कुल दब जाए ।
फिर शादी के तीन चार महीने बाद रेणुका पति के संग जब बेटे के पास गई तो वहां कोई सामान नहीं बस वही सामान था जो बेटे के पास पहले से था । रेणुका ने जब पूछा कि कोई सामान नहीं खरीदा तो पहले तो चुप रहा लेकिन की बार पूछने पर उसने बताया कि बहू कहती हैं कि पहले जो शादी में मम्मी पापा ने पैसा खर्च किया है उसका आधा आधा करो क्योंकि आजकल तो लड़के लड़कियां बराबर है तो बराबर पैसा खर्च होना चाहिए उसके बाद ही कोई सामान आयेगा । बेटा भी ऐसा बेवकूफ कि पैसा देने को तैयार हो गया ।इस बात के लिए घर में झगड़ा मचा कर रखा था तो रेणुका और उनके पति ने बहू के मां बाप को बुलाया बात करने को ,तो वो ये बात सुनकर दंग रह गए कि बेटी पैसा मांग रही है उन्होंने कहा शादी में पैसा मैंने खर्च किया है तो तुम क्यों मांग रही हो तो बहू बोली आजकल लड़के लड़कियां बराबर है पापा।
बेटा कहने लगा अब जो भी सामान आयेगा मेरी सैलरी से आयेगा दिनभर कौन ताने सूनेगा कि मेरा हे मेरा है ।बहू कहती करवा चौथ का व्रत है तो तुम्हें भी रखना पड़ेगा ।नये नये कपल प्यार में एक दूसरे के लिए व्रत रखते हैं ये तो प्यार और अपनापन है लेकिन लड़ाई झगडे में जबरदस्ती तो नहीं कर सकते।बस ऐसे ही बात बात में लड़ाई होती रहती ।ऐसा लग रहा था जैसे वो रिश्ता निभाना ही नहीं चाहती थी।
जहां शादी के बाद भी तेरा मेरा है वहां अपनापन कैसे आ सकता है। लड़ाई झगड़ा तो होना लाजिमी है।बस इसी तरह आपस में दोनों लड़ते झगड़ते रहे और बार बार दोनों के मां बाप बीच बचाव करते रहे । लेकिन बहुत कोशिशों के बावजूद भी रिश्ता टिक नहीं पाया और नौबत यहां तक आ गई कि आज तलाक हो गया।और रेणुका ने पैसा लिया भी नहीं था लेकिन उसको बीस लाख रुपए देने पड़े और जांन छूटी ।
रेणुका आज सोंच रही थी कितना गिन गिन कर पैर रखा था फिर भी ऐसा कैसे हो गया। ऐसी घटनाएं मन मस्तिष्क पर गहरे जख्म छोड़ जाती है ।जिनको भरने में काफी वक्त लग जाता है। आजकल की पीढ़ी मां बाप के मनःस्थिति को नहीं समझ पाते । समाज में मुंह दिखाना मुश्किल हो जाता है। लेकिन क्या कर सकते हैं परिस्थितियों के सामने झुकना ही पड़ता है ।
मंजू ओमर
झांसी उत्तर प्रदेश
9 फरवरी
किस्मत वाले हो पैसा देकर पिंड तो छूटा,वर्ना वो लड़की आपके बेटे के लिए भी ख़तरा हो सकती थी।
Same condition for me but abhi process me hai, final kb hoga kya hoga nahi malum.