मुझे तलाक चाहिए मैं अपने पति अजय के साथ नहीं रहना चाहती उमा ने मायके आकर यह बात अपनी मां और पिताजी को बताई मां ने अपनी बेटी उमा की बात सुनकर कहा तेरी शादी को 3 साल हो चुके हैं तेरी गोद में 2 वर्ष का बेटा और एक बर्ष की बेटी भी है लेकिन दामाद से ऐसी क्या गलती हुई जो तू उनसे तलाक लेना चाहती है ।
तब उमा बताने लगी मेरे पति अजय मेरा अच्छे से ख्याल रखते हैं बच्चों से भी बहुत प्यार करते हैं महीने दो महीने में मेरे लिए नए कपड़े लाते रहते हैं पिछले महीने सोने के कंगन भी बनवाए थे घर में घी दूध फलों की कोई कमी नहीं है जेब खर्च भी मुझे समय-समय पर मिलता रहता है
पराई स्त्री को तो कभी आंख उठाकर भी नहीं देखते
शराब में तो कभी हाथ ही नहीं लगाते नशे से हमेशा दूर रहते हैं सुबह उठकर हमेशा गीता जरूर पढ़ते हैं अपने माता-पिता का सम्मान करना और उनके सामने चुप रहना ऐसे गुण हैं उनके भीतर ,,
बच्चों को हमेशा सीने से लगाए रहते हैं घर के कामकाजों में भी मेरे साथ हाथ भी बंटाते हैं कुछ लोग तो उन्हें जोरु का गुलाम भी कह देते हैं लेकिन वह कभी बुरा नहीं मानते
बस उनमें एक कमी है घर आते ही सबसे पहले सासू मां के कमरे में चले जाते हैं घंटों घंटों बातें होती रहती है मुझे यह अच्छा नहीं लगता मुझे कभी-कभी ऐसा लगता है वह अपनी मां के साथ बैठकर मेरी बुराई तो नहीं कर रहे है मैंने कई बार दीवार के पीछे से कान लगाकर भी सुना लेकिन बड़ी धीमी धीमी बातें करते हैं कमरे से बाहर आवाज भी नहीं आती जब मैं उनसे पूछती हूं की मम्मी जी से इतनी देर तक क्या बातें कर रहे थे तो कहते हैं ,, कुछ नहीं ,,
तीन सालों से यही सब ड्रामा चल रहा है
उमा अपनी बात पूरी कर चुकी थी सामने उमा का पति अजय गेट पर ही खड़ा था अंदर आते ही सासू मां और ससुर जी के पैर छूकर नमस्ते कहकर सामने पड़ी कुर्सी पर बैठ गया उमा अपने पति को देखकर सकपका गई सोचने लगी इन्होंने कहीं मेरी बात सुन तो नहीं ली तब अजय ने बताया
मुझे नहीं पता था बात इतनी आगे बढ़ जाएगी और तलाक की नौबत आ जाएगी आज से 3 वर्ष पहले जब उमा पत्नी बनकर हमारे घर आई थी तब हमारे वहां एक पंडित जी पधारे थे उन्होंने भविष्यवाणी की थी आपकी पत्नी उमा 3 साल के बाद तलाक लेने की जिद करेगी
तब से लेकर आज तक मां मुझे यही समझाती रही की अपनी पत्नी उमा को भरपूर प्यार देना ,,अच्छे से देखभाल करते रहना ,,बाहर अधिक ना घूमना काम मन लगाकर करना बुरे दोस्त और बुरी चीजों से दूर रहना तब से मैं पत्नी का ख्याल रखने लगा उमा को प्यार उसकी हर जरूरत का ध्यान करता रहा ताकि वह तलाक ना दे दे और पंडित जी की बात सच ना हो जाए ।
ड्यूटी से आने के बाद जब भी मैं मां के कमरे में जाता तो मां हमेशा कहती बेटा पत्नी के लिए कुछ ना कुछ फल वगैरा खाने के लिए अवश्य लाया कर मैं भी सर हिला कर कह देता अभी 2 किलो सेब लाया हूं कल 1 किलो आम लाया था
मां तुम चिंता मत करो जितना मुझसे हो सके मैं फल आदि जरूर लाऊंगा और पत्नी की देखभाल करूंगा अब तो दो बच्चे भी है उनके लिए भी खिलौने नए कपड़े और खाने-पीने का सामान कि मुझे लिस्ट बना दिया करो मेरी मां रोज मेरे लिए एक लिस्ट बना देती दिन भर मां देखती रहती की पत्नी उमा और बच्चों को क्या-क्या चीज की जरूरत है वह शाम को लिस्ट बनाती और अगले दिन मैं वही सामान बाज़ार से खरीद कर ले आता हूं ।
अजय की बात खत्म होने के बाद,,,
उमा के पिताजी बोले ओह तो यह बात है हमारा दामाद तो हीरा है हीरा
इससे यह पता चलता है पंडित जी की भविष्यवाणी भी सच ही हुई उमा ने आखिर तलाक लेने की बात कह डाली
लेकिन पति-पत्नी चाहे तो भविष्यवाणी भी फेल कर सकते हैं
सासू मां ने अजय को गले से लगा लिया
उमा अपने पति अजय को देख मुस्करा दी और पैर छूते हुए बोली मुझे माफ कर दो अजय तुम और मेरी सासू मां मेरे लिए मेरी हर जरूरत के लिए मेरी चिंता करते रहे ,,
मेरी नजरों में आपका प्यार आपके प्रति और बढ़ चुका है
उमा उसी समय बच्चों को तैयार करके उल्टे पांव ही अजय के साथ तुरंत अपने ससुराल पहुंच गई
उमा समझ चुकी थी मां और बेटे के बीच जो भी बातें होती थी
वह मेरी और घर की भलाई के लिए ही होती थी
लेकिन मैं पढ़ी-लिखी पत्नी गलत फहमी की शिकार हो गई ।
नेकराम सिक्योरिटी गार्ड मुखर्जी
नगर दिल्ली से स्वर रचित रचना