राधा एक गृहिणी थी और सुबह पति बच्चो के जाने के बाद आस पड़ोस में घुम कर दूसरे के घर में क्या चल रहा है
इसकी टोह लेती थी।पहले पहल तो लोग हमदर्दी में और विश्वास से अपनी बाते बताते पर जब वही बाते उन्हें अपने बारे में नमक मिर्च लगी हुई
सुनने को मिलती तो वो अपना सा मुंह ले रह जाते इसलिए अब लोग राधा के आने पर उससे कम बोलते या कोई बहाना बना देते।
राधा के पड़ोस में उमा का परिवार रहने आया ।वहां भी राधा पहुंची और कुरेद कर घर की बात पूछने लगी।तभी अंदर से उमा की सास आई
और बोली बहु तुम्हारे घर में काम नहीं है जो सुबह सुबह दूसरों के यहां ताका झांकी करने पहुंच जाती हो।अपना घर संभालो न कि दूसरों का
खुद का पति बाहर क्या करता हैं वो देखो यह सुन राधा टका सा मुंह लेकर घर आ गई।आज उसे समझ आया दूसरों के बारे में बाते बनाने से पहले अपने घर को देखना जरूरी होता है।
स्वरचित कहानी
आपकी सखी
खुशी