सुख दुख का संगम – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

 पांच साल का पहाड़ सा वक्त हमने अंशुल को देखे बिना कैसे बिताया.. ये हम पति पत्नी का दिल हीं जानता है..

           हमारा इकलौता बेटा.. हमारी जिंदगी का केंद्रबिंदु…अंशुल के पापा प्रतिष्ठित कंपनी के सीईओ से सेवानिवृत हुए हैं चार साल पहले… कट्टर ब्राम्हण परिवार से ताल्लुक रखते हैं हम…जनेऊ धारण करने वाले अंशुल के पापा कुछ मामलों में पुरानी सोच के हैं…. और मैं उनकी अनुगामिनी..

            अंशुल बचपन से हीं पढ़ाई में तेज था…बेहद भोला भाला और आज्ञाकारी बच्चा… लोग मिशाल देते…. बचपन कब गुजर गया पता हीं नहीं चला…. अंशुल बोर्डिंग स्कूल चला गया…. अंशुल के पापा ऑफिस चले जाते पर मैं.…

Veena singh 

                 समय गुजरता गया.. इंजीनियरिंग की परीक्षा पास कर

अंशुल आईआईटी दिल्ली में पढ़ने चला गया…. मैं उसकी छुट्टियों का इंतजार करती.. अंशुल के आते लगता उत्सव का माहौल घर में हो जाता. उतने कम दिनों में लगता क्या खिला दूं.…कहां घूमने जाऊं उसके साथ…. उसके पापा भी क्लब पार्टी छोड़ बेटे के साथ समय बिताते… अंशुल कहता पापा सेवानिवृत हो जायेंगे तब हम साथ रहेंगे.…जहां मैं जॉब करूंगा…. बहुत रह लिया आप लोगों से दूर…हमने भी मन बना लिया था…. पर बंगलुरू में एक डुप्लेक्स बुक करवा लिया था…क्योंकि मुझे ये शहर बहुत पसंद था…. अंशुल के पापा और मैं दिन गिन रहे थे, अंशुल की पढ़ाई ख़त्म हो..

         और वो पल भी आ गया लास्ट ईयर में कैम्पस प्लेसमेंट में अंशुल को विदेशों कंपनी ने अमेरिका में बहुत अच्छे पैकेज पर चुन लिया…. ओह अब पढ़ाई खतम होते हीं अंशुल को अमेरिका जाना पड़ेगा ..

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खैर कोई बात नही अभी अंशुल के पापा के रिटायरमेंट में समय है..

अंशुल को अमेरिका गए छः महीने हो गए हैं.. दिवाली में आ रहा है… हमसे कुछ जरूरी बात भी उसे करनी है…. शायद हमे अपने पास ले जाने की जल्दी है उसे…. हीरा नही कोहिनूर है हमारा बेटा.. शादी के लिए रोज दो चार लोग आ रहे हैं… मन हीं मन हम दोनो ने सिया को पसंद किया है.. बिजली विभाग में एसडीओ हैं उसके पापा,…. एमबीए किया है सिया ने… सुंदर सलज्ज और हमारी बिरादरी की है…इस बार अंशुल से मिलवा कर बात पक्की कर देंगे….

             चिर प्रतीक्षित पल आ गया…अंशुल एयरपोर्ट से बाहर आ हमारे गले लग चुका था….वही नन्हा सा बच्चा….

कल दिवाली है हमने तो अपने हिसाब से तैयारी की है पर अंशुल को जो जो करना है अति उत्साह से कर रहा है….

      शाम की पूजा में बाप बेटा जब मान्यवर से खरीदा गया धोती कुर्ता पहन कर अपने कमरे से निकले तो मैं देखती हीं रह गई.. भगवान हमारे छोटे से परिवार को बुरी नजर से बचाना…

             अंशुल एक साल बाद बंगलूरू में अपना ट्रांसफर करवा लेगा.…कल उसे जाना है आज मैं उसे सिया के बारे में बता कर मिलवा भी दूंगी..अंशुल को भी हमसे कुछ जरूरी बात करनी है..

        मैं कॉफी बना लाई तीन कप.. बता बेटा पहले तू अपनी जरूरी बात फिर हम बताएंगे…. अंशुल मेरे हाथ को अपनी हथेलियों में लेकर बोला मैं एक लड़की से प्यार करता हूं इंजीनियरिंग कॉलेज से हीं… उसी से शादी करूंगा… आपकी सहमति के बाद हीं… वरना ऐसे हीं जिंदगी गुजार दूंगा…. लड़की पंजाबी है.…हमारे तो जैसे पैर के नीचे से किसी ने जमीन खींच ली हो… कानों में गरम गरम पिघला सीसा उड़ेल दिया हो…

                  सुबह की फ्लाईट से अंशुल चला गया.. हम अपने कमरे में बंद रहें.. अंशुल के पापा ने कहा हम तुम्हारे लिए मर चुके हैं.. कभी यहां वापस मत आना…

            रिटायरमेंट के बाद हम दोनो बंगलुरू से रांची आ गए…. वहां अंशुल की यादें बहुत रुलाती थी… दूर की मेरी बहन जिस अपार्टमेंट में रहती थी उसी के पड़ोस में उसके सहयोग से हम शिफ्ट हो गए… अनु मेरी बहन को सब कुछ पता था .. कभी अंशुल के पापा के सामने अंशुल का जिक्र करती तो उनका रिएक्शन देख चुप हो जाती.. वक्त गुजरता गया…. दर्द को पीते पीते दिल में हल्का हल्का दर्द रहने लगा.…अनु से कहा तो मेडिका में ले गई… डॉक्टर एक मशीन लगा दिया 24 घंटे के लिए हॉस्पिटल में एडमिट कर लिया… मॉनिटरिंग के लिए…. अगले दिन डिस्चार्ज किया… और कहा कहीं बाहर जा कर दिखा लो.. शाम को घर आई..

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फैसला – डा.मधु आंधीवाल

    सुबह सुबह कॉल बेल की आवाज सुन दरवाजा खोला तो बदहवास सा अंशुल मां कह कर लिपट गया..अंशुल के पापा भी देर होने पर रूम से बाहर आए.. इतना पराया कर दिया मां आपने मुझे.. संक्षेप में यही समझ में आया अनु के कॉन्टेक्ट में अंशुल था.. उसी ने हम दोनो को रांची शिफ्ट कराया था.. मेरे इलाज के लिए सारा कुछ ऑनलाइन बुक कर आया था अंशुल.. एक बजे रांची से फ्लाईट थी…

                एक सप्ताह हैट्रिक रहा चेकअप ईलाज बाई पास सर्जरी सब अच्छे से हो गया…. मेरा नया जनम हुआ… कट्टर  ब्राम्हण परिवार में अगले महीने पंजाबी बहु प्रवलिन बहु बन  कर आ रही है…. अंशुल के पापा ने हां कर दी है… मेरा दर्द उन्हे पिघला दिया है या बेटे की जुदाई ने.. जीवन #सुख और दुख का संगम #है…. दुखों की बदली छंट चुकी है…. सुख की उजास से मेरा घर आंगन जगमग कर रहा है…. कितना सारा काम है… शॉपिंग सजावट और भी बहुत कुछ… जल्दी से ठीक भी होना है…. सारे अरमान इसी में पूरे करने है…

 

#स्वलिखित सर्वाधिकार सुरक्षित #

#veena singh

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