मीनल जल्दी कर बेटा ट्रेन का टाइम हो रहा है अपने सारे डॉक्यूमेंट रख लिए ना…??
जी पापा सब रख लिए हैं आप चिन्ता मत करों मैं अच्छे से मन लगाकर पढ़ाई करूँगी…मुझे पता है आपने कितनी मुश्किल से फीस भरी है आप अपना और मम्मी का ध्यान रखना और फिर मेरे साथ पारूल भी तो जा रही है…!!!!
वो तो है बेटा मम्मी ने गले लगाते हुए कहा और ये भी पता है कि तुम बहुत समझदार व हिम्मतवाली हो पर हमें तो तुम्हारी चिन्ता हर पल रहेगी तुम हमारी इकलौती बेटी हो..!!!!
अजय ने कहा चलो स्टेशन के लिए निकलतें है..पारूल वही मिलेंगी ना..??
जी पापा…!!
ट्रेन चल दी मीनल बॉय कर रही थी पापा-मम्मी दोनों की आँख में पानी था…!!!!
रीमा ने अजय का हाथ जोर से पकड़ा हुआ था…पहली बार हमारी बेटी बाहर जा रही है वो भी दो साल के लिए..कैसे रहेंगे हम कैसे रहेगी वो..??
तुम चिन्ता मत करों…हमारी बेटी मैनेज कर लेगी..!!
दोनों घर आये तो वहाँ का सन्नाटा खाने को आ रहा था…नींद भी नहीं आयी सुबह हुई तो पहले फोन लगाया कि अच्छे से पहुँच गई..बात हो गई तो चैन पड़ा..!!
थोड़े दिन में वो नार्मल हो गये थे रोज दिन में तीन बार तो बात होती ही थी समय बीतता गया दस महीने हो गये थे..रीमा ने आज जब मीनल से बात की तो उसे वो कुछ बुझी-बुझी सी लगी उसने पूछा तो बोली की थक गई हूँ और कुछ नहीं मम्मी….पापा ठीक हैं…??
हाँ बेटा ठीक हैं…!!
ओ के बॉय मम्मी..!!
रीमा को सही नहीं लग रहा था तो उसने अजय को बोला…!!
अरे वो कह रही है ना थक गयी होगी तुम ऐसे करों कि पारूल से बात कर लो…!!
हाँ मैं करती हूँ कहते हुए उसने पारूल को फोन लगाया..!!
नमस्ते आन्टी…कैसे हैं…??
नमस्ते बेटा…आप सब कैसे हों…??आज मुझे मीनल उदास लगी तो मैंने सोचा तुमसे बात कर लेती हूँ सब ठीक हैं ना..??
जी आन्टी सब बढ़िया है बस पढ़ाई का स्ट्रेस हैं..आप चिन्ता ना करें…!!गुड नाईट..!!
गुड नाईट..!!
रीमा ने अजय से बोला कि हम एक बार जाकर मीनल से मिल कर आतें हैं…!!
ठीक है रीमा आज मंगलवार हैं…शनिवार-रविवार चलतें हैं…!!
गुरूवार रात के सवा दो बजे अजय का फोन की घंटी बजी…रीमा डर के मारे उठकर बैठ गई…अननोन नं. से फोन था…अजय फोन उठाकर बाहर आ गया दूसरी तरफ पुलिस इंस्पेक्टर थें..उन्होंने कहा कि आप मीनल के पापा बोल रहें हैं…??
जी सर उसकें भी दिल की धड़कन बढ़ गई…क्या हुआ सर..??
सर आपकी बेटी ने सुसाईड करने की कोशिश की हैं…पर समय पर उसकी सहेली ने होशियारी दिखाई वो अभी ठीक है और हॉस्पिटल में हैं..!!
जी हम अभी आ रहें हैं…रीमा का रो रोकर बुरा हाल था..अजय ने उसे समझाया व अपने दोस्त रमेश को फोन किया…वो तीनों कोटा के लिए निकल गयें..!!!!
सीधा हॉस्पिटल गयें…अभी
आई.सी.यू. में थी मीनल अजय व रीमा दोनों मिलने गयें…पापा-मम्मी को देख मीनल ने नज़रें झुका ली और उसकी आँखों से आँसू बह रहें थे…अजय ने उसके सिर पर हाथ फेरा और पहली बार वो फफक-फफक कर रोने लगा रीमा जो अब तक रोये जा रही थी उसने बहुत मुश्किल से उसे चुप कराया और मीनल के सिर पर चूमा और सिस्टर ने उन्हें बाहर जाने का बोल दिया…!!
अजय बोला..बेटा हम आ गयें हैं घबराना मत…!!दोनों बाहर आयें तो इंस्पेक्टर ने मीनल का सुसाईड नोट दिया…जिसमें आखिर में लिखा था…सॉरी पापा-मम्मी…सॉरी लव यू…!!
आज मीनल ठीक हो गई थी जाने के पहले वो कोचिंग पर गयें…तो रीमा ने कहा कि मैं आज आपके सभी स्टूडेंटस को कुछ कहना चाहती हूँ अगर आपकी इजाजत हो तो..??
उन्होंने उन्हें माईक दे दिया सबसे पहले वो बोली कि हम किस्मतवालें है कि हमारी बच्ची हमारे साथ हैं और अगर वो नहीं कर सकती तो वो कुछ और कर लेगी…पर एक बात मैं मेरी बेटी व सबसे पूछती हूँ कि एक”सॉरी” आपकी ज़िन्दगी का जवाब है…??
आपने सॉरी बोला और अपनी ज़िन्दगी खत्म कर दी …नहीं कभी नहीं आपकी ज़िन्दगी आपके अपनों की है जो आपके लिए ज़िन्दा है….बस मैं समझाना चाहती हूँ…मुश्किलों से लड़ों अपनों को परेशानियाँ बताओ…हल निकालो…कभी भी ऐसा कदम मत उठाओ….!!!!
मीनल अपने पापा-मम्मी के गले लग गई….!!!!
“माना ज़िन्दगी में मुश्किलें बहुत हैं…
पर मत भूलों माँ-बाप तुम्हारें साथ खड़े हैं…!!!!
अपनी एक सॉरी अपनी ज़िन्दगी का जवाब ना बनाओ..
ज़िन्दगी जीने की उम्मीद तो रखो देखो खुशियों की राहें सामने खड़ी हैं…!!!!”
#5वां_जन्मोत्सव
मौलिक व स्वरचित ©®
गुरविंदर टूटेजा
उज्जैन (म.प्र.)