श्वेत ख़्वाब – रीता मिश्रा तिवारी |  Inspirational Story in Hindi

राधिका पांच साल का बेटा दीपक को साथ लिए पति श्यामल के साथ रोज काम पर निकलती है। परिवार के नाम पर यही तीन लोग तो हैं ।

राधिका लोगों के घर झाड़ू पोछा और श्यामल दिनभर भर मेहनत मजदूरी कर हंसी खुशी जीवन यापन करते थे।

जब से गांव मे पक्की सड़क बनने का काम शुरू हुआ वो दोनों उसी काम में लग गए पैसे थोड़े ज्यादा मिलते थे।

दीपक को लाल रंग बहुत पसंद था तो एक लाल रंग का स्वेटर खरीद कर उसे पहना कर रोज काम पर साथ ले जाती।

वो लोग काम करते और दीपक वहीं ढलान पर धूप में खेलता रहता। जिससे उसके नंगे पांव धूल मिट्टी से भर जाते फिर भी वो मगन होकर खेलता रहता।

 कभी कभी हवाई जहाज दिख जाता तो खुशी से उसकी आँखें चमकने लगती।

आज खेलते हुए उसे एक तेल का पुराना केन मिल गया।

Motivational Hindi Story on Struggle

देखते ही उसकी आँखें चमक उठी। दीपक उस पर बैठ आसमान की ओर अर्ध स्मित देख रहा था और हाथ इस तरह रखा था जैसे कि जहाज चला रहा है।अब ये खेल उसके जीवन का महत्वपूर्ण खेल बन गया। रोज खेलता श्वेत ख्वाबों का पंख लगा आसमां में उड़ान भरता । 

राधिका घर चलने के लिए दीपक से कह रही है पर वो यही कहता रहा, “तनिक रुक जा माई ! अभी हम जहाज जमीन पर उतर रहे हैं “।

तभी सामने से ठेकेदार साहब की गाड़ी बगल में आकर रूक गई। 



वहीं दीपक अपनी ही धुन में मशगूल था।

ठेकेदार साहब बहुत भले नरम दिल इंसान हैं। इंसानियत तो उनमें कूट कूट कर भरी थी । 

गरीबों की खूब मदद करते सबसे मीठा बोल बोलते बच्चों की तो पूछो मत इतना प्यार करते जैसा अपना ही घर परिवार का बच्चा हो। साक्षात ईश्वर का रूप एकदम नामानुसार । नाम भी तो देवराज था।

गाड़ी का शीशा उतार कर कहा सुनो श्यामल और एक पैकेट निकाल कर देते हुए कहा “ये तुम्हारा ही बच्चा है न उसी के लिए है।”

Motivational Story Hindi to Achieve Impossible

“इसकी का जरुरत थी मालिक”।

“जरूरत है तभी तो दिया , देखो ठंड अपनी चरम सीमा पर है और बच्चों की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी। क्या नाम है बच्चे का ?”

तभी वो आकर तपाक से कहता “हमरा नाम दीपक है चचा दीपक।”

दीपक का काला रंग दीए की तरह ही उम्मीद की रौशनी से दमक रहा था।

उसका मासूम काला चेहरा और बोलती चमकती काली आंखें बहुत कुछ कह गई जिसे एक नजर में ठेकेदार साहब ने भांप लिया।

उसकी ओर देखते हुए कहा “तुम्हारा ये दीपक एक दिन सचमुच दीपक बन संसार को रौशन करेगा।” और शीशा चढ़ा गाड़ी आगे बढा दी।

दौड़ कर दीपक आया और मां से लिपट कर ऊपर आसमां की ओर देखते हुए बोला ” देख लिहे माई एक दिन हम जरुर हवाई जहाज़ चलायब “(उड़ाएंगे)

मौलिक स्वरचित

रीता मिश्रा तिवारी

भागलपुर बिहार 

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