शो ऑफ – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

“ओफ हो!मुकेश तुम्हें तो पता है ना इस हफ्ते मेरी किट्टी पार्टी है और आज तुम मुझे खबर दे रहे हो अम्मा पिताजी महीने भर के लिए गांव से आ रहे हैं!उनका पहनावा और रहन-सहन,बोल चाल गंवारों जैसा है!

मेरी सहेलियों के सामने मेरी क्या इज्ज़त रह जाएगी,क्या सोचेंगी वे मेरे बारे में कि इतनी मार्डन,फारवर्ड और फैशनेबुल नीमा के ऐसे बैकवर्ड सास-ससुर?मेरा तो कुछ नहीं तुम्हारी फैमली बैकग्राउंड पर ही सवाल उठेंगे?

 नीमा ने झुंझलाकर मुंह सिकोड़कर कर अपने पति मुकेश को कहा!

“हां डियर मुझे पता है पर क्या करूं अम्मा दिल की मरीज हैं साथ ही उनका आर्थराइटिस भी बहुत परेशान कर रहा है वे लोग शहर आकर किसी अच्छे डॉक्टर को दिखाना चाहिए रहे हैं,और पिताजी के मोतियाबिंद का आपरेशन भी कराना था काफी टाइम से टाल रहा था ,कैसे मना करता”!

नीमा और मुकेश के हाई फाई सोशल सर्कल में मुकेश के सीधे सादे मां-बाप फिट नहीं बैठते थे!

नीमा ने अपनी सखी सहेलियों से कह रखा था कि उसके सास-ससुर का अपना कई एकड़ का बड़ा सा रिसोर्ट जैसा फार्म है! 

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उसके सास-ससुर आऐ दिन योरोप और अन्य देशों के टूर पर रहते हैं!वे ही हमें पैसा भेजते हैं उसी से तो मैं इतना इफ़रात का खर्च करती हूं!”

नीमा की अनाप-शनाप फरमाइशें को पूरा करने के लिए मुकेश ऑफिस में गलत-सलत कामों को करके पैसा कमाने को मजबूर हो जाता!

नीमा को शानो-शौकत का दिखावा करने का जरूरत से ज्यादा शौक था चाहे उसके लिए उसे कुछ भी करना पड़े! उसे बड़े बड़े बिज़नेसमैन और अमीर लोगों से दोस्ती का शौक था!घर भले ही अस्त व्यस्त पड़ा रहे पर नीमा को पार्टियों और नाईट क्लबों में जाना बहुत पसंद था!मुकेश के ना चाहने पर भी वह मानती नहीं थी!

शराब और सिगरेट पीने को वह स्टेटस सिंबल समझती!

उसका सोचना था जो ड्रिंक और स्मोकिंग नहीं करता वह बैकवर्ड होता है!

महंगे ब्रांडेड कपड़े,जूते-चप्पल चप्पल,हैंडबैग,इंपोर्टेड पर्फ्यूम 

इस्तेमाल करना उसका शगल था!

उसने हजारों रुपयों की कई सारी किट्टियां डाल रखी थी !घर के बजट में कटौती करके वह किट्टियों की किस्त भरती! पैसा मिलने पर उड़ाती रहती!

दिखावे के लिए दोस्तों की बर्थ-डे,एनीवर्सरी पर महंगे महंगे गिफ्ट देती!

हर साल फाॅरेन के ट्रिप प्लान करती!चाहे कर्ज ही क्यों ना लेना पड़े?

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उसकी इस दिखावे भरी ज़िन्दगी का उसकी चार साल की बेटी मिया पर कितना बुरा असर पड़ रहा है फैशन के नशे में चूर उसे अहसास ही नहीं था!

सास-ससुर के आने उसे लगा कि उन्हें देख कर उसकी पूरी पोल पट्टी खुल जाऐगी!उनका सीधा सादा रहन-सहन देख कर अड़ोसी पड़ोसी सब जान जाऐंगे कि वह कितने पानी में है!

मुकेश ने उसे समझाया कि अम्मा के आने से उसे किट्टी वाले दिन सहूलियत हो जाएगी क्यूंकि अम्मा कितनी अच्छी तरह किचन संभालती हैं नीमा अच्छी तरह जानती है!

एकाएक नीमा की आंखों में चमक आ गई ,उसकी छठी इंद्रिय जाग गई! ये तो उसने सोचा ही नहीं!

नवरात्रों की वजह से अधिकांश किट्टी मेंबर्स ने ड्रिंक्स और नॉनवेज के लिए मना कर दिया था उसे वैसे भी देशी खाना बनवाना था ,अम्मा से वह कचौरी,दही बड़े मटर पनीर,खीर ,सूप और स्नैक्स सब बनवा लेगी!

अम्मा ये सब बहुत स्वादिष्ट बनाती हैं!मेरी खूब वाह-वाही हो जाएगी!

केटरिंग का खर्चा बचेगा वो अलग! नीमा ने सोचा मैं उस बचत से कोई महंगी ड्रेस ही खरीद लूंगी!”हींग लगेगी ना फिटकरी रंग भी चोखा”

खाना बनवा कर अम्मा को कमरे से बाहर ना निकलने की हिदायत दे देंगे!

यह सोचकर नीमा ने बेमन से ही सही मुकेश को उसके मां-बाप को बुलाने को तैयार हो गई! पर मुकेश को कह दिया कि वह अपने मां-बाप को समझा दे अम्मा ज्यादा सोशल होने की कोशिश ना करें,उन्हें घर से निकलने ,काम वालियों से बतियाने और अड़ोस पड़ोस में जाकर बैठने की जरूरत नहीं है!

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पिता जी को भी बता देना दूध वाले ,माली,और सड़क चलते किसी से भी फ्री होने की कोशिश न करें!

और एक बात मेरे मीडी,जीन्स,या छोटी ड्रेस पहनने पर वे टोका टोकी करेंगे या मुंह बनाएंगे तो फिर मत कहना मैंने उन्हें जवाब दे दिया!

मैं कहां,कब,किसके साथ जाऊं इससे उन्हें कोई सरोकार नहीं होना चाहिए! 

हमारा लाइफस्टाइल उनसे एकदम अलग है!समझा देना!

मुकेश के मां-बाप आ गए!एक कोने के कमरे में उन्हें ठहरा दिया गया!

किट्टी के लिए सारी तैयारियाँ नीमा ने अपनी सास शीला जी से करवा ली!उन्होंने बड़े मन से सारा खाना बना दिया!

नीमा की सभी किट्टी मेंबर्स ने खूब चाव और स्वाद लेकर खाया!

सभी ने एक स्वर से नीमा से पूछा खाना किसने बनाया!नीमा ने बताया हमारी रिश्तेदार के घर एक मिसरानी रहती है उसी को बुलाकर बनवाया!तब उन लोगों ने कहा कि उसे बुलाओ इतने बढ़िया खाने के लिए हम उसे टिप देना चाहती हैं!पहले तो नीमा ना नुकुर करती रही जब उसने देखा कि उनमें से कुछ अंदर किचन में जाने लगीं तो हार कर वह शीला जी को बाहर ले आई! 

इत्तफाक से नीमा की दोस्त की ननद इशा इंग्लैंड से आई हुई थी वह भी अपनी भाभी के साथ किट्टी में आई थी!

वह शीला जी और मुकेश को जानती थी!तब मुकेश कुंवारा था! कई साल पहले वे लोग इंग्लैंड शिफ्ट हो गए थे !उसने शीला जी को पहचान लिया!वह समझ गई कि नीमा मुकेश की ही वाइफ है क्यूंकि बाहर उसने मुकेश और नीमा की नेमप्लेट देखी थी!

उसने अपनी भाभी को बताया ये मिसरानी नहीं नीमा की सास हैं!

सब किट्टी मेंबर्स के आगे नीमा के दिखावे का पर्दाफ़ाश हो गया वह शर्म से गड़ गई! 

दौलत,शानो-शौकत और दिखावे के चक्कर में पड़कर नीमा रिश्तों की मर्यादा भूल गई थी!

शीला जी बेहद समझदार और सुलझी हुई महिला थीं उन्होंने ज़िन्दगी को बहुत करीब से देखा था!उन्हें पता था कि अपनी बेवकूफियों और नादानी से फैशन की चकाचौंध से प्रभावित होकर नीमा ये सब हरकतें कर बैठी है!एकाध दिन बीतने पर उन्होंने बड़े प्यार से नीमा को समझाया कि जो ज़िन्दगी वह जी रही है उससे आगे चलकर किसी का कुछ नहीं बिगड़ेगा उल्टा तुम्हारा घर टूट कर बिखर जाऐगा और अंत में कुछ हासिल नहीं होगा!

ये सब फैशन की तितलियाँ जो तुम्हारे इर्द-गिर्द मंडराती हैं,अपना मतलब निकल जाने पर फुर्र हो जाऐंगी!मुसीबत में अपने रिश्ते ही काम आते हैं तब इनमें से कोई भी खड़ा नहीं होगा!

शीला जी ने कहा “मैं अपने बेटे का घर टूटते नहीं देख सकती इसलिए तुम्हें समझा रही हूं !तुम अच्छी तरह जानती हो हम तुम्हारे और मुकेश की फैमिली लाइफ में कभी दख़ल नहीं देते!जिन्दगी की खुशियां बाहर जाकर दूसरों के साथ नहीं बल्कि अपने परिवार के साथ रहकर ढूंढो!अपनी सोने सी गृहस्थी को समय रहते बचा लो और खुश रहो!

हम तुम्हारी गृहस्थी में दख़ल देने नहीं आऐ!डाक्टर को दिखाकर चले जाऐंगे!

सास-ससुर के चले जाने के बाद धीरे धीरे नीमा को रिश्तों की अहमियत का अहसास हुआ! 

मुकेश आश्चर्य चकित रह गया जब नीमा उससे बोली”इस बार छुट्टियों में हम गाँव चलेंगे अम्मा पिताजी के पास “!

कुमुद मोहन 

स्वरचित-मौलिक 

#दिखावे की जिंदगी

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