शर्मिंदगी का बोझ : Moral stories in hindi

  ” नालायक….!आज तेरी करतूतों की वजह से सबके सामने मेरा सिर नीचा हो गया।मुझे मालूम होता कि तू ऐसी घटिया हरकत भी करेगा तो…।” कहते हुए अमित अपने साले दीपक पर हाथ उठाने ही जा रहा था कि बीच में पत्नी अनिता आ गयी,” अब क्या किया मेरे भाई ने जो इतने लाल-पीले हो रहे हो?

 ” पूछो अपने लाडले भाई से..।” गुस्से-से अमित चीख पड़ा।

       अमित के सास-ससुर अपने बेटे दीपक की करतूतों से बहुत परेशान थें।इधर-उधर घूमना और मटरगश्ती करना ही उसके शौक थे।उसने किसी तरह से बारहवीं तो पास कर ली थी लेकिन काॅलेज़ में उसका दिल बिलकुल भी नहीं लगता था।अमित को जब उन्होंने अपनी समस्या बताई तो उसने कहा कि आप परेशान मत होइये…उसका बीकॉम पूरा होते ही मैं उसे अपने दोस्त के फ़र्म में लगवा दूँगा।तब तक उसमें समझदारी भी आ जायेगी।

      दीपक के हाथ में बीकाॅम की डिग्री आते ही अमित ने उसे अपने मित्र मानव के फ़र्म में काम पर लगवा दिया।मानव ने उसे एक महीने तक अपने पास रखकर अपने काम की ट्रेनिंग दिया।दीपक ने भी उसे कोई शिकायत का मौका नहीं दिया और एक महीने बाद वह नियमित रूप से काम करने लगा।

     अमित और अनिता दीपक को सही राह पर चलते देख बहुत खुश थें।कुछ दिनों में ही दीपक ने मानव का विश्वास हासिल कर लिया और फिर अपने काम में लापरवाही करने लगा।क्लाइंट का काम पेंडिंग होने पर मानव के पास शिकायतें आने लगी. .उसने दीपक को समझाया… लेकिन उसके रवैये में जब कोई परिवर्तन नहीं आया तो मानव ने उसे फ़र्म से निकाल दिया।

       कुछ दिनों के बाद दीपक को अपनी गलती का एहसास हुआ तो उसने अमित से माफ़ी माँगते हुए कहा,” जीजू…एक बार मानव भाई से बात कीजिये ना..अब मैं उन्हें कोई शिकायत का मौका नहीं दूँगा।” उसकी बात पर विश्वास करके मानव ने वापस उसे अपने ऑफ़िस में रख लिया।लेकिन सप्ताह भर बाद ही दीपक अपनी हरकतों को फिर से दोहराने लगा।अब तो वह अकाउंट में भी घपलेबाजी करने लगा।

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       एक दिन मानव ने अकाउंट चेक किया..उसमें करीब सत्तर हज़ार रुपये की गड़बड़ी दिखी तो उसने दीपक से पूछा।जवाब में वह बेशर्मी से हँसता हुआ बोला,” अरे भाई…टेंशन मत लो…मैं सब मैनेज़ कर दूँगा।” मानव ने तुरंत अमित को सारी बात बताई और पुलिस को फ़ोन कर दिया।

        अमित आग-बबूला हो उठा और दीपक को डाँटने लगा।दीपक अपनी बहन को सफ़ाई देता..तब तक में पुलिस आ गई।सच्चाई जानकर अनिता के तो घड़ों पानी पड़ गया।अनिता के पिता भी आ गये।बेटे की करतूतों के कारण दामाद के सामने उनके घड़ों पानी पड़ गया।उन्होंने मानव से हाथ जोड़कर माफ़ी माँगी और बोले कि मैं जल्दी ही आपके नुकसान की भरपाई कर दूँगा।बेटे का किया आखिर बाप को तो ही भुगतना पड़ता है।

       दीपक को कुछ महीनों की सज़ा हुई।कहते हैं..कुलदीपक से घर रोशन होता है लेकिन वो अगर दीपक जैसा हो तो बाप को ताउम्र शर्मिंदगी का बोझ उठाना पड़ जाता है।

                                       विभा गुप्ता

# घड़ों पानी पड़ जाना           स्वरचित

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