शर्मिंदा – रश्मि श्रीवास्तव”शफ़क” : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आज मनीष अपनी पत्नी गरिमा का चेहरा बहुत गौर से देख रहा था, जब कि वो एक हादसे का शिकार होकर अस्पताल के बेड पर थी। उस के चेहरे पर लगी चोटें आज मनीष को बहुत छोटा महसूस कर रही थी, जैसे पूछ रहीं हो कि अब तो तुमको समय मिल ही गया होगा मेरे पास आने का।

मनीष को वो समय याद आने लगा जब गरिमा २ साल पहले शादी कर के उस की जिंदगी में आई थी। सीधी सादी सी लड़की थी गरिमा, जिस ने आते ही मनीष के घर की सारी जिम्मेदारी ओढ़ ली। दोनों के ही मां बाप  बचपन में ही गुजर गए थे, इसलिए एक सामूहिक विवाह सम्मेलन में दोनों ने एक दूसरे को पसंद किया और विवाह हो गया। गरिमा तो मनीष के साथ अपना पत्नी धर्म निभाने का प्रयास करती रही मगर मनीष को बस एक धुन थी पैसा कमाने की, जिस की वजह से वो गरिमा और उस के समर्पण को नजरंदाज करता चला गया।

कभी अगर गरिमा ने उस से थोड़ा सा वक्त मांगा भी तो बड़ी बेरहमी से वो काम का बहाना बना लेता। अब गरिमा भी धीरे धीरे बुझने लगी थी, उस की हंसी जो घर में गूंजती रहती थी, अब सुनाई ही नहीं पड़ती थी।शिकवा शिकायत तो जैसे उस ने करना ही बंद कर दिया था।

मगर मनीष के पास कहां समय था कि वो इन बदलावों को देख पाता। वो चाहता था कि पहले गरिमा को सारी खुशियां दे दूं, और उसे लगता था कि पैसा होने से वोसब गरिमा के कदमों में लेकर रख सकता है। उस वक्त मनीष को ये अंदाजा नहीं था कि गरिमा मानसिक तनाव का शिकार हो रही है ,ये धीरे धीरे घर के कामों में भी दिखने लगा था।

आज जब वो किचन में काम कर रही थी, ऊपर शेल्फ से समान उतारते समय गिर पड़ी और सिर में चोट लगने के कारण बेहोश हो गई। उसी समय मनीष पानी लेने किचन में आया और उस ने गरिमा को बेहोश देखा। उसे लेकर अस्पताल भागा, मगर तब से गरिमा बेहोश थी, और मनीष को अपनी दुनिया उजड़ती दिख रही थी। वो अपने बर्ताव और गरिमा के प्रति अपनी नजरंदाज़ी के लिए बहुत शर्मसार था,गरिमा का हाथ पकड़े बोले बुदबुदाकर बोले जा रहा था,

“मेरा साथ छोड़ना नहीं, तुम्हारे बिना मैं जी न सकूंगा।

आदत बन गई हो मेरी तुम, इस आदत को कभी बदल न सकूंगा।”

 

तभी गरिमा के हाथ में कम्पन सी महसूस हुई और वो भाग के डॉक्टर को बुला के लाया।

डॉक्टर ने कहा,”अब गरिमा खतरे से बाहर है,मगर अभी भी उसे देखभाल और परवाह की जरूरत है।” मनीष ने गरिमा से वादा किया कि अब वो उस का पूरा ख्याल रखेगा और अपने बर्ताव  के लिए बहुत शर्मिंदा है।बार बार गरिमा से मनीष ने माफी मांगी।

 

गरिमा ने मुस्कुराते हुए कहा,”आप मुझसे यूं माफ़ी न मांगिए।इतनी जल्दी मैं आपका पीछा नहीं छोड़ने वाली,क्योंकि बुरी आदतें इतनी आसानी से पीछा नहीं छोड़ती” और दोनों खिलखिला के हंस दिए।

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रश्मि श्रीवास्तव”शफ़क”

लखनऊ उत्तर प्रदेश

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