शराबी पति – डॉ. जय प्रकाश प्रजापति : Moral Stories in Hindi

रामकली अपने पति पर चप्पलें बरसा रही थी। भीड़ उसे देख रही थी। सब आश्चर्य चकित थे कि आज उल्टी गंगा कैसे बहने लगी।

जिस औरत ने कभी उफ़ भी नही किया वह आज काली बन कर पति पर वार कर रही थी। बिहारी यह समझ नही पा रहा था कि यह सब कैसे हो रहा है। वह शराब् पिये था। वह चुप चाप मार खा रहा था। राम कली चिल्ला कर कह रही थी, ” और शराब् पियेगा?, मुझे मारेगा?, बहुत हो गया, अब मैं न सहूँगी, पहले पूरे संभालू उसके बाद तुझे, बोल अब मुझे मरेगा” । सकी आवाज में दर्द था।

बिहारी कह रहा था, ” अरे मुझे छोड़ दे, आज के बाद से मैं शराब नही पिऊंगा, न ही तुझे मारुंगा, मैं अपनी कसम खाता हूँ “

मार मार कर रामकली थक चुकी थी। आज पहली बार उसने अपने पति पर हाथ उठाया था। उठाती भी क्यों न, आखिर पति ने भी हद कर दी थी। रोज शाराब पीकर घर आता, न खाने का कोई सामान लाता, ऊपर से राम कली कुछ कहती तो उसे पीटता।

एक दिन उसकी चाची और उसकी बेटी रेनू घर आई थी। उसने उनसे बिहारी की सभी बातें बताई थी। रेनू ने उसे समझाया था, ” देख! दीदी! कब तक तुम मार खाती रहोगी, अब की बार तुम्हारी पति तुम्हें मारे तो तुम भी जम कर उत्तर देना “

“अरे रेनू! तू यह क्या कह रही है, मैं यह कैसे कर सकती हूँ?, ये मेरे पति हैं, लोग क्या कहेंगें”, राम कली बोली।

“दीदी! सम्मान उसका किया जाता है जो रिश्तों की जिम्मेदारी निभाए, जीजा जी ने तो हद कर दी है, बच्चे की फीस भरते नही, स्कूल से निकाल दिये गए, रोटी, कपड़ा का भी इंतज़ाम नही करते,

इस कहानी को भी पढ़ें: 

इंतजार – संजय मृदुल : Moral Stories in Hindi

और ऊपर से पीटते भी हैं। ऐसे व्यक्ति सम्मान करने लायक नही। अब यदि जीजा जी आपको पीटे तो आप भी उनको जवाब दें, चुप छाप मार न खाएं, ईंट का जवाब पत्थर से देना। फिर देखना क्या होता है “, रेनू ने समझाते हुए कहा था।

उसी दिन से रामकली समय के इंतज़ार में थी। आज उसका पति फिर पी कर आया था। जब राम कली ने सब्जी लाने को कहा तो गुस्सा हो उसको पीटने लगा। फिर क्या था, राम कली ने चप्पल उतार कर जवाब में उसको पीटने लगी। पहले तो मार पीट अंदर चल रही थी। बिहारी अपनी जान बचाने बाह्र भागा तो वह बाहर भी पीटती रही। पड़ोसी सब बाहर आ गए थे। बिहारी को पिटता देख सब आश्चर्य में थे। आज ऐसा लग रहा था कि राम कली पर वास्तव में काली सवार हैं।

पड़ोसी आपस में बातें कर रहे थे कि जो हो रहा है वह ठीक हो रहा है। अब शराबी पतियों को यह देख सतर्क हो जाना चाहिये। वरना यदि अपने आप में आ गई तो उसे गृहणी से काली बनते देर नही लगती।

तभी रामकली की सास आ गई। उसने कहा, ” बहू ! तूने बहुत सही किया, तुझे यह काम बहुत पहले करना चाहिए था। इसकी इतनी बेज्जती हो गई है कि अब यह सुधर जायेगा “।

“बस कर बहू! पहली बार में इतना बहुत है” , सास बोली।

जी अम्मा जी! कह कर वह रुक गई।

बिहारी हाथ जोड़ते हुए बोला, ” जब पत्नी के हाथ अपने पति पर उठ जाए तो समझो पति का सुधार होने वाला है, मैं अब कभी शराब नही पियूँगा”।

उसका पड़ोसी बोला, ” देखते हैं कब तक?”।।

©कवि डॉ. जय प्रकाश प्रजापति’ अंकुश कानपुरी’

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!