चार दोस्त बाई कार डुवर्स जा रहे थे….. चारों में से बदल बदल कर कभी कोई तो कभी कोई ड्राइव कर रहा था…. क्योंकि सफर 10 से 12 घंटे का था…. इसलिए उन्होंने पेट्रोल की टंकी फुल करवा ली थी और पानी की 2 लीटर की 4 बोतलें भी रख ली थी….
क्योंकि जब उन लोगों ने घूमने का प्लान किया….उस समय बहुत गर्मी थी….मई का महीना था…. बहुत तेज गर्मी पड़ रही थी ऐसा लग रहा था …जैसे लू बरस रही हो…. शाम 6:00 बजते बजते ही पूरा पानी खत्म हो गया….. और दुर्भाग्यवश गाड़ी भी खराब हो गई. …. धीरे-धीरे अंधेरा बढ़ने लगा और गाड़ी भी जंगल के रास्ते में खराब होने की बजह से कोई मेकेनिक भी नहीं मिल रहा था….
आस पास कोई दुकान भी नहीं दिख रही थी…. अब सब के पसीने छूट रहे थे जंगली जानवरों से पूरा जंगल भरा हुआ था….. बार-बार डरावनी आवाज आ रही थी…
इश्श इश्श! लेकिन जब भी सबने पलट कर देखा वहां कोई नहीं था….
चारों ने बहुत पूछा कोई है कोई है? ? लेकिन कोई जवाब नहीं आया…. चारों दोस्तों ने मदद के लिए बहुत पुकारा प्लीज कोई तो हमारी मदद कर दो …हमारी गाड़ी खराब हो गई है लेकिन सामने कोई नहीं आया….
तभी उनमें से एक दोस्त रवि ने शेखी में कहा…..
तुम सब डरपोक हो रुको ….मैं थोड़ी दूर जाकर देखता हूं…शायद पानी मिल जाए और मैकेनिक भी…. क्योंकि अगर पानी नहीं मिला तो जंगली जानवर तो बाद में हमारा शिकार करेंगे….पहले तो हम सब प्यास से ही मर जाएंगे…..
देखो थोड़ी दूर पर एक खंडहर नजर आ रहा है शायद वहां पर कोई रहने का ठिकाना मिल जाए…. और हो सकता है कोई मैकेनिक भी मिल जाए…. बाकी दोस्त उसकी बात सुनकर हंसने लगे और कहा भाई जिंदा रहे तो फिर मुलाकात होगी……
यहां चारों तरफ अंधेरा है हाथ को हाथ नहीं दिख रहा है और ऊपर से जंगली जानवर पर ठीक है भगवान तुम्हारी रक्षा करें….. रवि के डर के मारे तो पसीने छूट गए थे….पर किसी तरह जय श्री श्याम जय श्री श्याम कहते-कहते वह खंडहर तक पहुंच गया…,..
वहां पहुंचते ही उसने देखा कि एक औरत जिंदा लाश की तरह स्टेचू बनकर खड़ी है और उसके पूरे शरीर में कोड़ हुई हुई है…. और वह बहुत ही भयानक लग रही है….. बार-बार उसके अंदर से एक ही आवाज आ रही है मुझे ठीक कर दो मुझे ठीक कर दो मुझ से डरो मत. …
यह दिल दहलाने वाला दृश्य देकर रवि एकदम से बेहोश हो गया और जमीन पर गिर गया….. जब बहुत देर तक रवि नहीं लौटा तो उसके दोस्तों को उसकी चिंता हुई…. इसलिए वो सब उसे जय श्री श्याम, जय श्री श्याम,करते करते ढूंढने के लिए हिम्मत करके धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगे…..
लेकिन बार-बार जंगली जानवरों की आवाज उनकों हिम्मत तोड़ने पर मजबूर कर रही थी….. किसी तरह से पसीना पसीना हो कर वह खंडहर तक पहुंच गये…. वंहा जाकर देखा कि रवि जमीन पर बेहोश पडा़ है….उनके कानों में भी वही आवाज गूंज रही थी…..
मुझे ठीक कर दो मुझे ठीक कर दो… मुझसे डरो मत. … कोई दिखाई नहीं दे रहा था….कहीं पानी भी नजर नहीं आ रहा था….तभी उस स्टेचू वाली औरत ने कहा मुझे एक ऋषि मुनि ने श्राप दे दिया था . …क्योंकि मैंने उनकी तपस्या भंग की थी….
इसलिए मेरी खुबसुरती बदसुरती में बदल गयी…. उन्होंने कहा था… कि जब कोई नेक फरिश्ता तुम्हारे हांथो से पानी पीयेगा तो तुम ठीक हो जाओगी….. मुझे लगता है की तुम सब ईश्वर के भेजे हुए फरिश्ते हो…. तभी तुम सब यंहा तक पंहुच पाए हो….
आधे से ज्यादा तो यंहा तक पहुँच ही नही पाते…. और आधे रास्ते में ही दम तोड़ देते है…. प्लीज मेरी बात का भरोसा करो…. और मुझे इस बदसुरती से आजाद कर दो….
तीनों दोस्तों को उसकी बात में सच्चाई लगी….. इसलिए उन्होंने सोचा की इसकी मदद करनी चाहिए… उन्होंने पुछा पानी कहाँ है?? तब उसने कहा वंहा देखो एक दरवाजा है…. जंहा एक नल है…. और पानी के लिए एक गिलास रखा हुआ है….
उसमें पानी भर के ले आओ…. तब पंकज, धीरज और सुमित ने सबसे पहले तो रवि के मुंह पर पानी के छींटे मारे और उसे होश में लाया…. उसके बाद पंकज जय श्री श्याम जय श्री श्याम करते करते उस औरत के पास पहुंचा….
और उसे पानी का गिलास देकर उसके हाथों से पानी पिया….. और सही में चमत्कार हो गया…. और वो औरत श्राप मुक्त होकर सुन्दर हो गयी….. इसके लिए उसने उन सभी दोस्तों को धन्यवाद दिया…. और कहा कभी भी किसी भी चीज की जरूरत हो तो…
इस पते पर आ जाना….. तब चारों ने कहा कभी का तो पता नही… अभी हमें एक मैकेनिक की जरूरत है क्योंकि हमारी गाड़ी जंगल में खराब हो गई है…. तो उसने कहा कि यहां से 5 किलोमीटर की दूरी तक कोई मैकेनिक नहीं मिलेगा और अभी रात को जाना सुरक्षित नहीं है…..
वैसे भी सुबह होने में 4 घंटे है मेरी मानो तो तुम सब यही आराम कर लो सुबह मैकेनिक ढूंढने के लिए निकल जाना और रही बात खाने की तो यहां पर कुछ कंदमूल ,और फल के पेड़ है उसमें से कुछ खा लो और रात गुजार लो…
इस तरह उन दोस्तों ने डरते डरते रात गुजारी और सुबह मैकेनिक ढुंढने निकल पड़े…. और वो औरत भी अपने घर लौट गयी….
दोस्तों ये एक काल्पनिक कहानी है….. …… इसका वास्तविकता से कोई लेना देना नहीं है|
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धन्यवाद🙏
आपकी ब्लॉगर दोस्त
©मनीषा भरतीया