“वो देख आ रहा है साहिल हाय कितना हैंडसम है? “
क्लास में स्वाति की दोस्त पल्लवी ने उसके चयूंटि काटते हुआ बोला
“हाँ तो आने दे कहाँ का राजकुमार है ?
तू भी ज्यादा आयें मत भरा कर उसे देखकर “
तभी क्लास में सर की एंट्री हुयी और साहिल को जगह न मिलने के कारण स्वाति के पास बैठना पड़ा ।
साहिल ने स्वाति को देखा तक नही और बिल्कुल सीट के किनारे बैठा रहा पूरा टाईम ।
इसी प्रकार से जब भी कैंटीन में मिलता या ग्राऊंड पर मिलता तो स्वाति को इग्नोर करके आगे बढ़ता जहाँ एक तरफ सारे क्लास के लड़के फिदा दे स्वाति पर वही साहिल बिल्कुल इग्नोर ओरता समय बीतता गया स्वाति कब उसकी सादगी और सौम्यता की तरफ खिचती चली गयी ।
ट्यूशन में एक दिन नोट्स देते समय उसका हाथ साहिल से टच हो गया ,साहिल को जैसे करंट सा लगा वो दूर हट के खड़ा हो गया और मुँह घुमा लिया ,स्वाति पल्लवी से बोली
“यार ये तो सच में कितना इननोसेंट है केयरिंग है ,छिछोरा नही है यार लिंक निकाल ना कोई “
“देखा बच्चू मैं ना कहती थी स्मार्ट और इंननोसेंट को मिलाओ तो साहिल बनता है,और तू टेंशन क्यूं लेती है फेसबुक जिंदाबाद “
स्वाति को आईडिया जच गया अब वो रात को अपने कमरे में साहिल की प्रोफाइल सर्च करती एक दिन उसको प्रोफाइल मिल गयी।
उसके फोटो देखकर वो और फिदा हो गयी ,गजब गजब लोकेशन के फोटो थे चारमिंग पर्सनैलिटी।
तभी उसकी मम्मी कमरे में आ गयीं ।
“स्वाति क्या कर रही है इतनी रात हो गयी सोई नही तू?”
हड़बड़ाहट में स्वाति ने फोन बंद किया और बोली
” कुछ नही मम्मा बस सो रही हूँ”
स्वाति की मम्मी रूकी और उसके सर पर हाथ फेरते हुए बोली
” बेटा कुछ कहुं तुझसे”
“हाँ मम्मा बोलो ना “
“बेटा तेरा सोलहवां जन्मदिन आ रहा है तू कब छोटी से इतनी बड़ी हो गयी पता ही नही चला ,अब तू और मैं माँ बेटी ही नही एक दोस्त ज्यादा हैं ,कहीं कोई उलझन हो तू बे हिचक कह सकती है”
“अरे मम्मा क्यूं सेंटी करते हो और हाँ यह अच्छा है आप लोगों का पहले आप लोग ऐसे फुसलाकर सब हमसे उगलवा लो और हमारी वाट लगा दो ना बाबा ना ,यह सब आप पेरेंट्स का गेम होता है।”
तब मम्मी बोली
“बेटा इससे पहले और कोई फुसलाये,बहकाये उससे अच्छा हम लोगों का फुसलाना ज्यादा सही है,बाकी हम लोग कोई जोर जबरदस्ती नही कर रहे ना करेंगे,तुम्हारा जीवन है ,इस उम्र से हम सब निकले हैं,इस उम्र का वेग संभालना ही जीवन संभालना है,बाकी बेटा तेरी इच्छा, अच्छा सुन कलसे रेनू दीदी आयेंगी तेरी मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग देने”
“क्या मम्मी मुझे कोन सा ओलंपिक लाना है? एक और बोझ”
“अरे बेटा यह बात तो मान ले”
“ठीक है मम्मी बना लो मुझे चैंपियन “
कुछ दिन गुजरते गये स्वाति का आकर्षण साहिल पर बढ़ता गया और साहिल ने भी उस पर ध्यान देना शुरू कर दिया ,फेसबुक आई डी पर फ्रेंड बन चुके थे बातें शुरू हो गयी थी ,नार्मल टाक से बातें शिफ्ट हो चुकी थी अंतरंगी बातों तक ।एक दिन मैसेज आया साहिल का
“स्वाति गुलाब गार्डन चलोगी “
“स्वाति ने एक सेंकड में हाँ कह दिया “
दुपट्टे का डाटा बांधे बुलेट बाईक पर साहिल से चिपककर स्वाति बैठ गयी और बारिश की बूंदो के बीच गार्डन पहुंच गये ।
वह पहली मुलाकात थी दोनों की बस हाथ में हाथ रखकर एक बेंचपर बिना कुछ बोले बैठे रहे।
प्यार की असीम तरंगे स्वाति के मन में हिलोरे मार रहीं थी ,साहिल के हाथ का स्पर्श उसे सुखद अह्सास दे रहा था।तभी साहिल बोला
“चलो तुम्हें घर छोड़ दूं।”
अब तो स्वाति प्राण न्यौछावर करने की स्थिति में आ गयी थी कि कितना प्यार है अब भी कोई छिछोरापन नही।
स्वाति ने हाँ में सर मिलाया और साहिल ने उसे घर छोड़ दिया ।
घर पहुंचते ही स्वाति ने झटपट खाना खाया और तुरंत कमरे में
चलाकर फोन देखने लगी और वहाटसअप चैट शुरू
इतने में नीचे से मम्मी की आवाज आयी
“बेटा दादी आयी हैं गांव से जल्दी आजा नीचे”
स्वाति दादी की बहुत लाडली थी लेकिन आज दादी का आना सही नही लग रहा था उसे वो चैट करने में बिजी थी कुछ देर बाद दरवाजे पर नाक किया किसी ने और पूछा
“अंदर आजाऊं बिटिया लाडो “
वो दादी की आवाज थी ,अब तुरंत फोन रखकर स्वाति ने दरवाजा खोला और बेमन से दादी के गले लगी।
दादी भाँप गयी और बोली
“ऐ छोरी तुझे अच्छा ना लगा क्या?पहले तो ऐसी चींटी जैसी चिपक जाती तू तो
चल कोई बात नही और बता कोई बॉयफ्रेंड बनाया कि नही
“अरे क्या है दादी ऐसा कुछ नही है और आप ये कैसी बातें करतीं हैं।”
स्वाति झेंपती हुयी बोली
“अरे बेटा हम उम्र जैसी बात ही अच्छी लगें तभी तुम लोग बात करते हो हम बुढढे लोगों से, वरना तो ये मोबाइल ही मैया बाप है आजकल “
अब स्वाति को कुछ शर्म सी आयी और दादी की गोदी में सर रखकर बोली
“अरे मेरी दादी नाराज हो गयीं क्या ?अच्छा आप सुनाओ कैसी हो?”
“अरे मै तो बढ़िया हूँ तू बता कालेज सब ठीक चल रहा है,पढ़ाई लिखाई, देख बेटा खूब मेहनत करना, तेरे पापा मम्मी ने तुम सबके लिये बहुत मेहनत की है ,उनकी लाज रखना ” और कुछ बातें दादी ने कहीं उससे
फिर स्वाति बोली
“अरे दादी डोंट वरी ,खूब पढूंगी आप जाओ थक गयी होगी “
दादी को भेज कर फिर स्वाति साहिल के तकरीबन सौ वेटिंग मैसेज का रिप्लाई देने लगी।
स्वाति का बर्थ डे का दिन आ गया था मम्मी पापा ने रात का डिनर रेस्टोरेंट में रखा था ,लेकिन स्वाति दोपहर की निकली रात तक घर नही आयी ,सबको चिंता होने लगी ग्यारह बज गये थे,सारे स्वाति के दोस्त भी ढूढ़ने में लगे ,तो डरे सहमे पल्लवी ने बोला कि साहिल का भी कुछ पता नही है,वो रेंट पर रहता था वहाँ भी ताला लगा है।
परिवार वालों के कान ठिठके पल्लवी ने साहिल और स्वाति के बारे में एक सांस में सब बताया।
स्वाति के पापा सन्न रह गये तुरंत पुलिस स्टेशन भागे और एफ आई आर कराई तकरीबन पूरी रात सर्च करने के बाद एक खंडहर के पास पहुंचे वहाँ खून के निशान थे कुछ स्वाति लहुलुहान अवस्था में पड़ी थी ,उसके हाथ पेरों में किसी धार दार हथियार के निशान थे और एक हाथ पर एसिड भी गिरा था ,लेकिन धड़कन चल रही थी ,पुलिस ने तुरन्त एंबुलेंस बुलाकर हास्पिटल भिजवाया,खण्डहर के अंदर दो लड़कों की लाश मिली थी ,जिनके गर्दनपर धारदार हथियार निशान के वार थे तथा हाथ की उंगली भी कटी थी। एक लाश साहिल की थी उनमें से ।
किसी के कुछ समझ नही आया स्वाति के होश आने पर मजिस्ट्रेट के सामने बयान हुआ स्वाति ने बताना शुरू किया रोते हुए
“कि पहले जज साहब मुझे जेल में डाल दीजिए अपने माँ बाप का कहना नही मानने की वजह से ,मैं बहुत बुरी हूँ।
मुझे साहिल ने सरप्राइज पार्टी के नाम पर आँखो पर पट्टी बाँधकर यहाँ लाया ,जब पट्टी खोली तो यहाँ एक टेबल पर केक रखा वो कटवाया तो चार लड़के और आ गये ,मुझे डर लगने लगा
तब साहिल बोला तुम एक महकता गुलाब हो और हम सब भंवरे चलो हम सब को सुगंध दो,फिर सब मुझे छेड़ने लगे मैने साहिल को धक्का दिया और भागने की कोशिश की यह कहते हुए कि तुमने मेरे प्यार को धोखा दिया है,वो बोला शरीर का प्यार होता है सब कुछ और कुछ नही ,और मेरा तो काम ही है तुम जैसी लड़कियों को फ़ंसाना इतना कहकर उसने मेरी पीठ पर डंडे से वार किया मैं गिर पड़ी और वो चारों मुझे घेरकर खड़े हो गये और किसी धारदार हथियार से वार करने लगे एक लड़के के हाथ में एसिड था मुझे कुछ सुझाव नही फिर मुझे मेरी मार्शल आर्ट की टीचर की ट्रिक की याद आयी ,मेरे कंगन में हमेशा एक छोटा चाकू रहता है, मैनें फुर्ती उसे खोलकर एक लड़के के कंटेनर चढ़कर उसे खीच दिया वो छटपटाने लगा उसकी हालत देखकर साहिल चौंक गया उसने एक पत्थर मुझ पर मारा मैं लडखडा गयी वह मुझपर एक गंडासा लेकर मारने को हुआ लेकिन ट्रिक से मैने खुद को बचाया जिससे वो किसी चीज में फंस कर गिर गया और गंडासा उसीके गले में घुस गया ।बाकी दो लडकों ने एक मेज मेरे ऊपर फेंकी जिससे मैं गिरकर बेहोश हो गयी वो मुझे मरा समझ भाग गये।
मैं सब बहनों से यही कहना चाहती हूँ ,कृप्या पहले कैरियर बनायें और खुद को काबिल बनायें मुझ जैसी बेवकूफी ना करें ,घर वालों से बढ़कर कुछ नही जो माँ अपनी शरीर चीर कर तुम्हें पैदा करती है,अपने खून से तुम्हे पोषित करती है जो बाप दिन रात एक करके तुम्हें पालता है ,खुद एक शर्ट में त्यौहार मनाकर तुम्हें हर खुशी लुटाता है जो दादा दादी संस्कार देते उनको कभी इन साहिल जैसे राक्षसों के चक्कर में अपना शरीर अपवित्र मत करना ।अब मुझे समझ आया कयूं मम्मी ने मार्शल आर्ट समय रहते सिखवाई और क्यूं दादी को बुलाया, यह धरती पर साक्षात भगवान हैं। जो सदैव हमारी चिंता करते,हमें अपनी शक्ति पहचाननी है बस”
कोर्ट ने साक्षी को आत्मरक्षा के तौर पर कुछ जुर्माने के साथ बरी किया ,साहिल की तहकीकात की पुलिस ने तो ग्यारह और लड़कियाँ पर एसिड और घायल करने के मामले सामने आये उसके फोन एंड लैपटॉप से उसके द्वारा गैंग संचलित होता था काफी शहरों में।पुलिस ने सबकी धरपकड चालू कर दी ।
आज स्वाति ने शक्ति नामक एनजीओ खोली “शक्ति ” नामकी जिसमें आत्मरक्षार्थ और इस तरह के लड़कों से सचेत करने के गुर सिखाती है।
-अनुज सारस्वत की कलम से