ससुराल वाले अपनी बेटी की चिंता करेंगे या अपनी बहु की बहू तो पराए घर की बेटी है। – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

तारामणि ने पर्स को हाथ में लिया और बोली ” पूजा रात घुटनो में दर्द हो रहा था हॉस्पिटल दिखा आती हु “

सुनो बच्चे स्कूल से आए तो गर्म गर्म फुलके सैक देना 

विद्या ( पुत्र वधु) सब्जी बना गई और आटा उसन गई है।

पूजा जो रात को ही ससुराल से आई थी भड़क गई :” क्यों सुधीर भैया के साथ क्यों नहीं चली जाती स्कूटी में ले जाते,,?

फिर थोड़ा रुक कर बोली ;” हु आपको ले जाते तो अपनी बीवी को बैंक कैसे छोड़ते ?

महारानी जी की भी तो पूरी सेवा करनी होती है।

कमाऊ जो ठहरी।

तारामणि ने धीरे से कहा ;” बच्चे और अपने लिए केवल

फुलके सेकने होते है बाकी तो सुबह जल्दी उठ कर वो खुद ही कर लेती है।”

रही बात मुझे दिखाने की तो हॉस्पिटल पास में ही तो है थोड़ा बहुत बाहर निकल लेती हु तो मन भी बहल जाता है और बच्चो को भी परेशानी नहीं होती है।

हॉस्पिटल में भी जाते ही तो नंबर आता नही है जो छोरे को परेशान करू।”

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तारामणि बाहर निकल गई।

और पूजा घर में ही बड़बड़ाती रही।

” महिलाओं को तो मायके आकर भी चैन नहीं है।”

और रसोई में चली गई।”

पूजा ने किचन की पुनः सफाई की ही थी की बच्चे शिया और शिव आ गए।

दादी दादी के नाम की माला तो गेट पर पहुंचने से पहले ही शुरू हो गई थी।

पूजा ;” तुम्हारी दादी आज हॉस्पिटल गई है चलो ड्रेस चेंज करो खाना तैयार है।”

तारामणि को आने में समय लग गया था।

आते ही वो पूजा से बोली ;” बेटा खाना परोस लो फिर रात को भूख नही लगेंगी।”

अब पूजा का गुस्सा सातवें आसमान पर था।

मैं मायके आई हु आज पूरे आठ दिन हो गए ,दो मिनिट बैठकर ये नही पूछा” कैसी हो?

अचानक कैसे आना हुआ? बस काम पर काम बताए जा रही हो।

काम तो वही बहुत है।

तारामणि मुस्कुराई और बोली “क्यों अमीश जी से लड़कर आई है क्या?

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इतना सुनना था की पूजा फिर भड़क गई ” तो उन्हे भी तो पता चले की घर का काम इतना आसान नहीं होता कब से कह रही हु अलग हो जाते है थोड़ा आराम से अपनी इच्छा अनुसार रहेंगे पर नही सुनते

कहते है राकेश ( छोटा भाई )की पत्नी सर्विस करती है 

उसके दो छोटे बच्चे है मम्मी ,पापा है ,फिर हमारे भी दोनो बेटियां है।

सब मिलकर कितने खुश रहते है।”

फिर रुक कर बोली ” उन सब की खुशी में मैं ही पिसती हु

थोड़ा सा कुछ बोल दो तो सबके मुंह फूल जाते है।

इसीलिए सबक सिखाने चली आई।”

तारामणि ने पूजा को गले लगाया और कहा चल आज मधुबन

बाग में घूमने चलते है थोड़ा मन बहल जायेगा।

ई रिक्शा में बैठ दोनो बाग में चल दी।

बगीचे में पहुंचते ही मंजू ने अलग अलग पॉज बना सेल्फी खींचनी शुरू कर दी।

आओ ना मम्मी देखो केमरे की तरफ क्लिक की आवाज आते ही तारामणि बोली ” वाह मोबाइल तो बहुत अच्छा है

महंगा होगा।”

पूजा इतरा कर बोली ” हा,अबकी सालगिरह पर देवरानी ने गिफ्ट किया है “

तारामणि ;” अच्छा?

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पूजा ;” हमारे ये सब चलता रहता है।”

तारामणि ; ” तुम्हारी देवरानी तो तुम्हारे सामने बहुत घमंड दिखाती होंगी।

पूजा ;” नही मम्मी वो बहुत सुलझी हुई है शाम को सारा काम खुद करती है।”

और कड़वे शब्द तो  उसकी जिव्हा पर भी नही आते।

मेरे दोनो बच्चो को बहुत अच्छा रखती है।”

तभी पूजा की चुन्नी में एक काटा काटा फस गया।

पूजा फिर जोर से चिल्लाने लगी ” इतना बड़ा गार्डन और देखो तो कितने काटे वाली झाड़ियां लगा रखी है।

तारामणि बोली ” देखो बेटा इतने लोग घूम रहे है पर कोई भी काटो से नही उलझ रहे इन्हे इग्नोर कर अपनी खुशी खोज रहे है ।

तुम भी छोटी मोटी बातो को इग्नोर रखो और इन काटो में खिले फूलो की तरह अपना अस्तित्व बनाए रखो।

तुम्हे पता है तुम्हारी सखी वो क्या नाम रेखा जिसने लव मैरिज की थी।

दो ट्विंस बच्चे है ।

पहले तो पैसों के घमंड के चक्कर में सासु मां को अनाथ आश्रम छोड़ दिया।

अब बच्चो के लिए आया रख रखी है जो अपनी शर्तो पर रहती है।

उसमे भी बच्चो को क्या खिला रही है क्या पीला रही है क्या पता?

पर आजकल की पीढ़ियों को आजादी बड़ी पसंद है?  भले ही बच्चे जाए गर्द में,?

अब तुम्हे ही देख लो इतने दिन हो गए बच्चो का कॉल भी नही आया।

आराम से है इसीलिए तो ना,?

और क्यों ना हो तुम भी तो सबके लिए इतना समर्पण करती हो ,, क्यों,? सही कह रही हु ना।

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लोग कहते है “ससुराल वाले अपनी बेटी की चिंता करेंगे या बहु की बहू तो दूसरे घर की बेटी है चिंता तो उसकी भी रहेंगी।

अब वो दूसरी थोड़ी ना है लोगो का क्या?

जितने मुंह  उतनी बातें।”

पूजा आखों पर त्योरी चढ़ा कर बोली ” सही तो कहते है

अब आप ही सोचो इतने दिन हो गए मेरे ससुराल से फोन आया ?

सबको आप जैसी सासु मां नही मिलती।

तारामणि ;” तुम बहुत नाराज होकर आई थी इसलिए तुम्हारी

सासु मां और कवर साहब मुझे ही फोन कर तुम्हारी खैरोखबर पूछते रहे।

और हा,तुम्हारी बहुत तारीफ कर रहे थे मेरा सीना तो डेढ़ इंच चौड़ा हो गया।

पर तुम्हारी शिकायत तो कुछ अलग ही है।

देखो बेटा जो आप कर रहे हो सबको दिख रहा है बार बार अपने कर्मो की महिमा बखान क्या करवाना?

पूजा मोबाइल में व्यस्त हो रही थी।

तारामणि बड़बड़ाई “मैं तुमसे कुछ कह रही हु सुन रही हो?

पूजा ;” हा मम्मी ,एक सेकेंड मेरे घर में सबको कितनी परेशानी हो रही होंगी, जरा रिजर्वेशन करवा लू?

दीपा माथुर

सीकर

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