सिलाई मशीन क्या होती है किस काम आती है कोन नही जानता आज के जमाने मैं ,सोचिए जरा अगर सिलाई मशीन न होती तो आप इतने सुंदर सुंदर कपड़े पहन पाते क्या ? नही न
आइए जानते है की एक सपना हां जी एक सपना ,सच सुन रहे है आप ,एक सपने ने किस तरह आपको आपके मनपसंद कपड़े सिलाने मैं मदद की
कहते है की सिलाई मशीन का आविष्कार एक सपने मैं हुआ था । इसके जन्मदाता एलिआस हो को एक सपना आया और सिलाई मशीन पर कर रहे उनका प्रयोग उस सपने की वजह से सफल हुआ ।
मशीन तो एलिआस हो जी ने बना ली थी पर उन्हें यह नहीं समझ में आ रहा था की सुई में धागा कहाँ से डाला जाए कि वह धागा नीचे अपने आप खींच ले। एलिआस इसी उधेड़बुन में बहुत दिन से पड़े थे लेकिन उन्हें समझ में कुछ नहीं आ रहा था |
हाथ की सुई की तरह आखिरी छोर से लेकर होते हुए, सुई के बीच में छेद बनाकर सब तरह से प्रयोग कर डाले लेकिन सफलता नहीं ही मिली और वो निराश हो गए ।
निराश और थके हुए होने की वजह से वो जा कर सो गए, गहरी नींद मैं उन्हे एक सपना आया
जंगली जाति के कुछ लोग एलियास को पकड़ कर अपने राजा के पास ले गए तथा राजा को बताया कि इस व्यक्ति ने सिलाई मशीन बनाई है, लेकिन उसे चालू नहीं कर पाया है, उनके राजा ने सारी बातें सुनी और फिर एलिआस को बिना कोई सफाई का मौका दिए यह शाही फरमान निकाल दिया गया कि यदि 24 घण्टे के भीतर सिलाई की मशीन चालू नहीं की गई तो उन्हे भाले से मार दिया जाए।
डर के मारे एलियास हो ने देखा कि उसे चारों ओर से हाथ में भाला लिए सैनिकों ने घेर रखा है, बीच में आग जल रही है और उस आग की रोशनी में भालों की नोंक चमक रही हैं | भयभीत एलियास का ध्यान भालों की नोक पर केन्द्रित हो गया, उनमें छेद हो रहे थे।
अचानक ही एलिआस की आंखें खुल गई और वह बिस्तर से उठे तथा सुई निकाल कर उसका नीचे वाला हिस्सा लोहे से काटा तथा नोक वाले हिस्से में छेद किया। अब अपनी इस सुई को उन्होंने मशीन पर चढ़ा दिया और मशीन चल निकली।
और इस तरह आज हर घर मैं इस्तेमाल होने वाली सिलाई मशीन का अविष्कार हुआ दोस्तों ।