सन्नाटा  – गौतम जैन #लघुकथा

आप दोनों के लाड़ प्यार से बच्चे बिगड़ जाएंगे इसलिए बच्चों को नहीं भेजेंगे । बच्चों पर आप लोगों का कोई अधिकार नहीं है ये आपकी बहू कह रही है और इसमें गलत भी क्या है ? बेटा अपने मां बाप से बोला ।

          हम तो यहां सब कुछ छोड़कर बच्चों के लिए ही तो आए हैं और बच्चों में तो हमारी जान बसती है । हमारी बची खुची जिंदगी में बच्चों के सिवा है ही क्या मां ने भरे गले से कहा ।

          अब आपका जमाना नहीं रहा मम्मी पहले और अब मैं काफी जनरेशन गैप आ चूका है हर एक की अपनी अलग सोच है आप किसी बात के लिए किसी पर भी दबाव नहीं डाल सकते हर कोई अपनी मर्जी का मालिक है बेटा बोला ।

आप लोगों के पास हर सुख सुविधा मौजूद हैं । किसी बात की कमी नहीं है आप लोग अपनी तरह से एंजॉय कीजिए ।

          तुम दोनों ने अलग घर बसा लिया हमने कुछ नहीं कहा सहन कर लिया मगर पोता पोती में ही तो हमारी सारी उमंगे सारी खुशियां छिपी है वहीं तो हमारी बची हुई जिंदगी का सहारा है बच्चों के बगैर कैसे रहेंगे मां का हृदय तड़प कर रो उठा ।


         वैसे भी मैं अमेरिका में शटल होने जा रहा हूं तो बच्चे भी वहीं रहेंगे । तो बच्चों से अलग तो होना ही था आप लोग भी जैसे दिल करे वैसे हंसी खुशी रहें ।खुश रहें ।।

         ठीक ही तो कह रहा है इन्हें आज नहीं कल जाना ही है साथ तो हम दोनों को ही रहना है तो क्यों न इनके बगैर जीने की आदत डाल लें और खुश रहें।

         देखो मम्मी , पापा इस बात को समझ गए कि ये ही हकीकत है आप भी जितनी जल्दी  समझ जाओ उतनी तकलीफ कम होगी बेटे ने पापा से सहमती जताई ।

         इन्हें भी अपनी जिंदगी अपनी तरह जीने का अधिकार है और हमें भी तो अपनी जिंदगी अपनी खुशी से जीने का अधिकार है तो क्यों न हम भी अपनी जिंदगी अपनी तरह जीएं। पापा बोले ।

        एग्जेक्ट ली मैं यही कह रहा हूं की आप लोग भी खुश रह कर जीवन बिताएं।

        पर बच्चों के बगैर कैसे रह पाएंगे मां ने पुनः कहा

        किसने कहा बच्चों के बगैर ? बच्चे भी रहेंगे ।


      ”  क्या मतलब ? ” बेटे ने चौंक कर पुछा ।

        मतलब कुछ नहीं तुम्हारे बच्चों पर हमारा अधिकार नहीं ना सही पर अनाथालय से बच्चा गोद लेकर उस कमी को पुरा कर सकते हैं ।हम एक बच्चे को गोद ले लेंगे । पापा ने कहा ।

         लगा जैसे कोई बिजली जोरों से चमकी और भयावह आवाज के साथ गिर पड़ी  और उसके बाद पुरी तरह सन्नाटा छा गया ।

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