श्रेया एक मल्टीनेशनल कम्पनी मे नौकरी करती थी । बिंदास लेकिन संस्कारी लड़की थी वो । उसके ऑफिस मे ही राहुल काम करता था वो दोनो एक दूसरे को बहुत पसंद करते थे ।
” श्रेया तुम्हे नही लगता हमें अपना रिश्ता आगे बढ़ाना चाहिए क्योकि हमें एक दूसरे को पसंद करते छह महीने हो गये !” एक दिन राहुल ने श्रेया से कहा।
” राहुल तुम सही कह रहे हो क्योकि मेरे घर मे मुझे पूरी आजादी है अपना जीवनसाथी चुनने की फिर भी तुम्हे अपने मम्मी पापा को मेरे घर रिश्ता ले भेजना होगा क्योकि हमारे बड़ो को आपस मे बातचीत करके ही इस रिश्ते को आगे बढ़ाना चाहिए !” श्रेया ने कहा।
” हाँ श्रेया मैं भी यही चाहता हूँ कि जो बात हो बड़ो की रजामंदी से हो मैं पापा से बात करता हूँ तुम भी अपने घर मे बात करो फिर इस रविवार मैं भेजता हूँ उन्हे तुम्हारे घर !” राहुल ने कहा।
दोनो ने अपने परिवारों मे बात की और दोनो के परिवार मिले और दोनो की चट मँगनी पट शादी हो गई और श्रेया राहुल की दुल्हन बन मायके से ससुराल आ गई। कुछ दिन तो सबसे मिलने मिलाने और घूमने फिरने मे निकल गये । अब क्योकि दोनो की छुट्टियां खत्म हो गई थी तो दोनो को ऑफिस संभालना था ।
” मम्मी जी आपने इतना कुछ बना लिया मैं तो आ रही थी !” सुबह जब श्रेया रसोई मे आई तब उसने देखा उसकी सास माला जी ने खाने मे बहुत कुछ बना रखा था।
” अरे बेटा ये तो मेरा रोज का काम है तुम क्यो परेशान हो रही हो !” नाश्ता मेज पर लगाती माला जी बोली।
” पर मम्मी जी अब मैं आ गई हूँ आपकी हेल्प करने को आपको सब अकेले करने की जरूरत नही !” पीछे पीछे कॉफी लाती श्रेया बोली।
” श्रेया बेटा तुम्हे परेशान होने की जरूरत नही माला को आदत है ये सब करने की । तुम नौकरी करती हो और उसके पास खाना बनाने के सिवा कोई काम नही तो ये काम तो उसे करने दो । आओ बैठो तुम नाश्ता करो !” माला जी कुछ बोलती उससे पहले उनके पति राजीव जी बोले। श्रेया कुछ बोलने को हुई पर राहुल ने इशारे से चुप करवा दिया उसे । श्रेया को ये सब बड़ा अजीब लगा।
इस कहानी को भी पढ़ें:
” मम्मी जी खाना बहुत टेस्टी बना है सच मे मैने इतना टेस्टी खाना कभी नही खाया !” श्रेया नाश्ते की तारीफ करती हुई बोली।
” हाँ यही एक चीज तो करनी आती है इसे वरना तो …!” राजीव जी कुछ बोलने को हुए पर रुक गये । माला जी की आँख मे आँसू आ गये । ऐसा नही की राजीव जी ने पहली बार उनका अपमान किया हो । अक्सर कम पढ़ी लिखी होने की वजह से वो ये सुनती है पर आज बहू के सामने ये अपमान बर्दाश्त नही हुआ। श्रेया को भी बहुत बुरा लगा पर क्योकि वो अभी इस घर मे नई थी उसे बहुत कुछ देखना समझना था। सब नाश्ता कर अपने अपने ऑफिस चले गये ।
” राहुल पापा जी का बर्ताव मम्मी जी के प्रति कुछ अजीब नही है ?” रात को श्रेया ने पूछा।
” श्रेया मुझे तो बचपन से यही सब देखने की आदत है और मां को ये सब सहने की तुम्हारे लिए ये अभी नया है धीरे धीरे तुम्हे भी आदत हो जाएगी !” राहुल फोन मे लगे हुए बोला।
” पर तुमने कभी पापा जी से कहा नही ?” श्रेया राहुल के जवाब से संतुष्ट नही थी।
” देखो श्रेया मम्मी को शुरु से कम पढ़ी लिखी होने के कारण पापा ऐसा बोल जाते है क्योकि उन्हे एक नौकरी पेशा जीवनसाथी चाहिए थी और दादी को घरेलू । जब मैने होश संभाला तब पापा की बातो का विरोध करने की कोशिश की पर मम्मी ने मुझे चुप रहने को बोला तबसे मैं उनके बीच नही बोलता और अच्छा होगा तुम भी मत बोलो ।” राहुल ने उसे समझाया।
” पर राहुल ये गलत है मुझे नही अच्छा लगा ये सब मेरी मम्मी भी कम पढ़ी है पर पापा उन्हे पूरा सम्मान देते है !” श्रेया बोली।
” देखो श्रेया तुम अभी नई हो इन मामलो से दूर रहो वैसे भी मम्मी को इन सबसे कोई परेशानी नही । चलो अभी सोते है कल ऑफिस जाना है !” राहुल ने कहा।
कुछ दिन यूँही बीत गये । श्रेया अभी राहुल की बात मान चुप रहती पर उसे ये देख बुरा लगता कि जाने अनजाने उसके ससुर उसकी सास को कम पढ़ी लिखी घरेलू महिला होने के ताने देते है ।
” मम्मी जी पता है ऑफिस मे सभी मेरे टिफिन की तारीफ करते है साथ ही कहते है तू बहुत लकी है जो इतने अच्छी और टेलेंटेड सास मिली तुझे जिन्हे इतनी तरह का खाना बनाना आता है !” रविवार के दिन खाने की मेज पर श्रेया बोली।
इस कहानी को भी पढ़ें:
” बस खाना ही बनाना आता है इसमे क्या टेलेंट वो तो कोई कुक भी कुछ पैसे ले बना देगा !” राजीव जी खाने की मेज से उठते हुए बोले। माला जी की आँख मे पति की बात सुन आँसू आ गये। राजीव जी हाथ धो कमरे मे चले गये और राहुल अपनी कार सर्विस को देने चला गया अब रह गई सास बहू।
” मम्मी जी क्यो ना आप अपना एक यूट्यूब चैनल खोल लो इतना अच्छा खाना बनाती हो आप बाकी लोगो को भी तो आपसे सीखने को मिले ?” श्रेया एक दम सास से बोली।
” अरे नही नही बेटा मैं सिर्फ अपने परिवार के लिए पकाती हूँ बाकी ये सब मुझसे ना होगा !” माला जी बोली ।
” मम्मी जी कुछ नही करना आपको बस जो बनाओ उसे शूट कर लेना मोबाइल मे बाकी मैं सिखा दूंगी।” श्रेया उत्साहित हो बोली। माला जी ने बहुत मना किया पर श्रेया ने उनका चैनल बना दिया और उसे नाम दिया ” माँ की रसोई ” । रात को जब माला जी खाना बना रही थी श्रेया ने उसकी वीडियो बना यूट्यूब पर डाल दी। अगले दिन उसपर अच्छे व्यूज आ गए ! जिसे देख माला जी भी खुश हुई। शाम को ऑफिस से आते मे श्रेया एक ट्राइपोड़ खरीद लाई जिससे माला जी को वीडियो बनाने मे आसानी हो। दिन मे माला जी वीडियो बनाती शाम को श्रेया उन्हे एडिट कर डाल देती।
धीरे धीरे माँ की रसोई के सब्स्क्राइबर बढ़ने लगे साथ ही व्यूज भी अब तो माला जी खुद ही वीडियो अपलोड करना सीख गई थी । माला जी को अब इसमे मजा आने लगा । अब पति की बाते भी उनका दिल ना दुखाती बल्कि वो ये सोच खुश होती कि उनके खाने की कितने लोग तारीफ करते है। धीरे धीरे एक साल गुजर गया आज माला जी को यूट्यूब से अपनी पहली कमाई मिली है । हालाँकि इस बात की खबर राजीव जी को नही है कि माला जी यूट्यूब चैनल चलाती है क्योकि उन्होंने कभी रसोई मे झांका तक नही जो वो वीडियो शूट करते देखते भी उन्हे।
शाम को श्रेया ने सभी को बाहर घूम कर आने के लिए तैयार कर लिया । हालाँकि राजीव जी नही जाना चाहते थे पर बहू को मना नही कर सके। सभी लोग मॉल पहुंचे वहाँ पर माला जी को उनके सब्सक्राइबर मिले जो उनके साथ फोटो खिचवाने को उत्साहित थे पर माला जी डर रही थी कही राजीव जी उन्हे कुछ ना कहे। श्रेया के समझाने पर वो फोटो खिचवाने लगी। राजीव जी हैरानी से ये सब देख रहे थे उन्होंने कुछ पूछना भी चाहा तो श्रेया ने थोड़ा इंतज़ार करने को कहा। माला जी के साथ सब ऐसे फोटो खिंचवा रहे थे मानो वो कोई सेलिब्रिटी हो साथ ही सब उनकी तारीफ़ भी कर रहे थे।
इस कहानी को भी पढ़ें:
सब लोग खाना खाने मॉल के फ़ूड कोर्ट मे आये । सबने वहाँ खाना ऑर्डर किया ।
” अरे आप तो माँ की रसोई वाली मेम है ना । मेम आप कितना अच्छा खाना बनाती है और वो भी इतने सिंपल तरीके से । क्या मुझे आपका एक ऑटोग्राफ मिल सकता है वो क्या है ना मेरी पत्नी आपकी बहुत बड़ी फैन है वो ऑटोग्राफ देख खुश हो जाएगी !” जो वेटर उन्हे खाना सर्व कर रहा था वो माला जी को देख बोला और एक छोटी सी डायरी और पैन निकाल माला जी की तरफ बढ़ाया।
” मम्मी जी ऑटोग्राफ दीजिये उन्हे !” श्रेया खुश होते हुए बोली तब माला जी ने ऑटोग्राफ दे दिया।
” कोई मुझे बताएगा ये माँ की रसोई क्या है ?” राजीव जी ने वेटर के जाने के बाद पूछा।
” पापा जी माँ की रसोई मम्मी जी का यूट्यूब चैनल है जिसके लाखों सब्सक्राइबर है और ये जो आज की शॉपिंग और ये ट्रीट है ये मम्मी जी की तरफ से है क्योकि आज मम्मी जी की पहली कमाई आई है !” श्रेया खुश होते हुए बोली और फिर विस्तार से सब बताने लगी।
” अरे वाह मम्मी खाने का वीडियो डालती है ये तो मुझे पता था पर अब मम्मी कमाने भी लगी ये तो पता ही नही था !” राहुल माँ को प्रशंसा से देखते हुए बोला।
तभी वहाँ माला जी के और प्रशंसक भी आ गये और फोटो खिंचवाने लगे राजीव जी पत्नी को प्रशंसा की दृष्टि से देख रहे थे ।
” क्या एक ऑटोग्राफ मुझे भी मिलेगा ?” सबके जाने के बाद राजीव जी ने मेज से एक टिशु पेपर उठा माला जी की तरफ बढ़ाया । माला जी हैरान रह गई। श्रेया इन प्यारे पलो को फोन मे कैद कर रही थी। खाना खाकर गाडी मे बैठते ही सबसे पहले राजीव जी ने श्रेया से पूछकर माला जी का चैनल सब्सक्राइब किया ।
” मम्मी जी कैसा लगा आज आपको ?” घर आकर अकेले मे श्रेया ने माला जी से पूछा।
” बेटा सच कहूँ तुम्हारे पापा के अपमान की तो मैं आदि हो चुकी थी और अब खुद को साबित करने के बाद प्रशंसा मिली भी तो क्या फायदा तीस साल उनका तिरस्कार झेला है मैने । इस घर को , उनके माता पिता , बच्चो सबको संभाला पर फिर भी मेरी कीमत एक कुक की ही रही । पर हां इतना जरूर कहूंगी तुमने जो आज मुझे मुकाम दिलाया मेरे जीवन को नई दिशा दी उसके लिए मैं हमेशा तुम्हारी आभारी रहूंगी। तुम्हारे कारण मैं आज तुम्हारे पापा को साबित कर पाई कि मैं भी कुछ हूँ इसके लिए बहुत धन्यवाद ।” माला जी भरे गले से बोली।
इस कहानी को भी पढ़ें:
” मायें बेटियों को धन्यवाद नही बोलती बल्कि आशीर्वाद देती है !” श्रेया भी नम आँखों साथ बोली। माला जी ने उसे गले लगा लिया । आज एक बहू ने एक सास का ना केवल पति की नज़र मे सम्मान वापिस लाया था बल्कि दुनिया के सामने भी उसे साबित किया था।
दरवाजे की ओट मे खड़े राजीव जी ये सुन कर शर्मिंदा हो उठे क्योकि आज एक दूसरे घर से आई लड़की ने उनकी पत्नी को समझा था जबकि वो तीस साल के साथ मे ना समझ सके।
दोस्तों ये भले एक कहानी है पर आज भी बहुत से घरो मे पत्नियों की इज्जत पति की नज़र मे ना के बराबर है क्योकि वो कमाती नही फिर भले वो घर के सब काम करे , सास ससुर की सेवा करे , बच्चो को अच्छी परवरिश दे। हालाँकि बहुत सी कमाती हुई औरतों को भी सम्मान नही मिलता पर क्या एक औरत एक जीवन साथी को सम्मान पाने के लिए किसी कसौटी पर खरा उतरना होगा ? क्या राहुल का फर्ज नही था अपनी माँ की ढाल बने ?
यहाँ श्रेया जैसी बहू ने अपनी सास का सम्मान दिलाया पर क्या हर घर मे ये संभव है ?
आपकी दोस्त
संगीता अग्रवाल
ये गलत ही नहीं बेवकूफी है.है | ऐसे पति उनसे मिले जो अपनी पत्नी को चुके हैं | सारी बातें शीशे की तरह साफ हो जावेगी.