समझदारी – सिम्मी नाथ : Moral Stories in Hindi

पैकर्स के गाड़ी की हॉर्न सुनकर दौड़कर  साढ़े तीन साल का सौरव बाहर आ गया ,देखिए दादाजी हमारी गाड़ी आ गई ,कहकर तालियाँ बजाने लगा । 

सुबोध जी  पोता को खुश होते देखकर भी खुश नहीं हो पाए । अनामिका दूसरे नम्बर की बहू है ,वो स्वभाव से बहुत अच्छी थी ,किंतु दीवार की शादी के बाद उसकी माँ ने यह कहना शुरू कर दिया कि नई बहु के आने पर  तुम्हारा मान ससुराल में कम हो जाएगा ,

स्वभाव से सीधी होने के कारण इसे मम्मी की सारी बातें सही लगातीं थीं,  छोटी बहु अभी नई ही थी ,किंतु पूरे घर की चहेती बन गई , सोनम  मात्र पच्चीस साल की लड़की है , किंतु प्यार से ससुर जी सोना बुलाते हैं। शादी के एक सप्ताह बाद ही सौरव ने एक दिन जिद्द कर दिया कि खाना छोटी मम्मी के हाथ से ही खायेगा ,

उसे शायद दुल्हन सी मम्मी अच्छी लगती थी, ढेरों कहानियां सुनाता,सोनम भी खुश होती , किंतु अनामिका को लगता उसका बेटा भी उससे ज्यादा देवरानी को प्यार करता है ।

एक दिन सोनम देर से उठी तो जेठ जी का लंच बनाने में देर हो गई , उसने कहा भाभी आप आज सैंडविच बना दो ,

अनुपमा को लगा सोना जानबूझकर ऐसा की है , उसकी मम्मी  जो  घात लगाए बैठी थीं,बोलीं पति के साथ अपने क्वाटर चली जा , रविन्द्र उसके पति पहले तैयार नहीं हुए लेकिन बाद में पत्नी की बात मन लिए ,आज जाने के लिए समान पैक हो रहा था ।

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सोना मुंह छुपाए तो रही थी , उसे विश्वास नहीं हो रहा था, छोटी छोटी बातों पर घर में इतना कलह हो जाएगा।

वह मन ही मन फैसला ली और जेठ जी के सामने जाकर बोली भैया आपको भी यदि मेरी गलती लगती है,तो माफ कर दीजिए ,मैं आपकी छोटी बहन जैसी हूँ, मैंने भाभी से कभी बदतमीजी नहीं की , फिर भी मैं सॉरी बोलती हूँ।

रविन्द्र जी ने उसे चुप कराया और पैकर्स को वापस भेज दिया , आंसुओं में सारे मन के मैल धूल गए ,तभी फोन की घंटी बजी अनामिका जैसे ही फोन उठाई ,मम्मी ने पूछा अन्नू सारा सामान चला गया ,देख लेना दहेज का कोई बर्तन छूट न जाए । उनकी बातें सुनकर अनामिका बोली मम्मी आप आराम से रहो ,

मैं कहीं नहीं जा रही,पता नहीं आपकी बातों में  कैसे आ गई , मम्मी अब कभी मेरी ससुराल की बुराई मत करना , सुबोध जी ने हँसते हुए कहा ,अच्छे घरों की बेटियाँ ऐसी ही होती हैं, एक माफी ने बिगड़ने से पहले रिश्ते सुधार दिए ।चलो मैं तो चला अपने पोते को जलेबी खिलाने है न बेटा ,सौरव भी कूदकर उनकी गोद में चढ़ गया।

सिम्मी नाथ 

स्वरचित 

राँची, झारखंड 

# एक माफी ने बिगड़ने से पहले रिश्ते सुधार दिए

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