अब तक आपने पढ़ा….
गौरव अनुराधा को ऑफिस में काफ़ी परेशान करता है…और उसे अपने साथ जिम ले जाता है …
अब आगे…
गौरव के रिंग में गिवअप करने पर अनुराधा अपनी पकड़ ढीली करती है…. गौरव उसी वक़्त पलट कर उसके ऊपर आ जाता है….. और हँसने लगता है…..गौरव ने अनुराधा के दोनों हाथों को पकड़ रखा था …. वो उसकी आँखों में देख रहा था और उसकी सांसे तेज़ चल रही थी… कुछ यही हालत अनुराधा की भी थी…. गौरव उसकी आँखों में कुछ खो सा गया था इतने पास से उसने अभी तक अनुराधा को देखा नही था…. उसकी नज़र अनुराधा पर से हट ही नही रही थी…..
अनुराधा ने उसे ऐसे देखा तो अपनी नज़रें झुका ली…. गौरव ने उसके दोनों हाथों को छोड़ा और उसके ऊपर से हट गया….. अनुराधा भी उठ गयी और रिंग से बाहर निकल कर रूम से बाहर चली गयी | गौरव सोच रहा था ये मुझे क्या हो गया था… उसने अपने सिर को झटका दिया और रिंग से बाहर निकल कर वाशरूम की तरफ बढ़ गया |
गौरव और अनुराधा फ्रेश हो कर बाहर गाड़ी में बैठ गए और घर की तरफ डेविड ने गाड़ी घुमा दी
|घर पहुँच कर गौरव ने शांति जी को गले से लगा लिया और बोला – आज खाने में प्यार बना है स्वीट हार्ट…. उसकी इस बात पर दीनदयाल जी ने गौरव से कहा….. ये डार्लिंग से स्वीट हार्ट कब बन गयी.. गौरव ने वैसे ही शांति जी के गले लगे हुए कहा …. ये सब प्यार के नाम है जब जो दिल को भा जाए….. ऐसा कहते हुए उसने अनुराधा की तरफ देखा |
दीनदयाल जी ने अनुराधा को देखा तो उस से पूछा – कैसा रहा आपका दिन…. आपने सब देखा ऑफिस में?
जी सर…. अच्छा रहा और वहाँ का सेक्योरिटी सिस्टम बहुत अच्छा है….. आपको फ़िक्र करने की कोई ज़रूरत नहीं हैं
दीनदयाल जी ने मुस्कुरा कर कहा चलिए आपने देख लिया तो अब हम भी निश्चिंत हो गए…. आप लोग चेंज करे … शांति जी खाना लगवाइये ……..
जी कहते हुए शांति जी ने गौरव को अलग किया और गुलाबो को आवाज़ दी…
सबने dinner किया और अपने अपने रूम में चले गए
अनुराधा अपने कमरे में बैठी हुई कुछ सोचे जा रही थी…. गौरव का उसे ऐसे परेशान करना बार – बार याद आ रहा था…
उधर गौरव भी किताब हाथ में लिए हुए बैठा था और जिम में हुयी बात को सोचे जा रहा था…
.अचानक उसके होंठो पर मुस्कान आ गयी वो बोला मै ये कैसे भूल गया…
अनुराधा जी देखते है अब आप इसका क्या सोल्यूशन लाती हैं?
अगले तीन दिन गौरव ने अनुराधा को इसी तरह किसी ना किसी बात को लेकर परेशान किया….. अनुराधा सब समझ रही थी लेकिन उसने कुछ कहा नहीं |
चौथे दिन जब गौरव और अनुराधा ऑफिस जाने के लिए निकले…. तो अनुराधा ने आगे ना बैठ कर गाड़ी का पीछे वाला दरवाज़ा खोला…..
.
गौरव ने कहा – आप पीछे बैठेंगी क्यों?
“क्यों आपको अभी पता चल जायेगा सर “
गौरव ने सामने देखा तो राहुल आ रहा था
“मैं नहीं सर राहुल सर हमारे साथ चल रहे है…. मैंने पिछले दिनों देखा कि आपको काफ़ी इंतज़ार करना पड़ता है….. सर से मिलने के लिए और आपको रोज़ ही कुछ urgent होता है तो मैंने सोचा क्यों time waste करना …. आपको जो बात करनी है गाड़ी में ही क्यों ना कर लें…..
गौरव ने उसे हैरानी से देखा फिर उसने राहुल की तरफ देखा…..अनुराधा ने गाड़ी का दरवाज़ा पहले ही खोल कर रखा था…
राहुल गाड़ी के पास आया और बोला….. क्या बात है ऐसे क्यों देख रहे हो… तुमने ही तो बुलाया है?
मैंने?
हाँ… अनुराधा जी का फोन आया था कि तुम्हें कुछ urgent बात करनी है..
डेविड उसकी इस बात पर हँसने लगा… गौरव ने mirror में से उसे घूर कर देखा तो उसने नज़रें नीची कर ली |
अब चलो भी ऑफिस के लिए लेट हो रहा है राहुल ने गाड़ी का दरवाज़ा बंद करते हुए कहा
अनुराधा अपने होंठों पर विजयी मुस्कान लिए गाड़ी में बैठ गयी….
डेविड ने गाड़ी आगे बढ़ा दी
कुछ दूर पहुँच कर गौरव ने डेविड को कहा – गाड़ी रोको डेविड
अनुराधा तुरंत बोली – नही गाड़ी नही रोकिए…. सर क्या चाहिए आपको?
वो मुझे थोड़ा सा गरम पानी चाहिए
गरम पानी ? राहुल ने उसकी तरफ देखते हुए कहा…. वो ऑफिस में मिलेगा यहाँ कहाँ मिलेगा रास्ते में?
मुझे नही पता …. बस मुझे चाहिए.. डेविड रोको गाड़ी..
कोई ज़रूरत नहीं है डेविड गाड़ी रोकने की
अनुराधा ने कहा और नीचे रखे हुए बैग में से बोतल निकाल कर एक कप में उसे पानी दिया..
लीजिए सर…
गौरव ने उसकी तरफ देखा तो वो मुस्कुरा रही थी
गौरव ने मुह बनाते हुए पानी उसके हाथ से ले लिया….
और कुछ चाहिए सर?
नहीं…..
अनुराधा बस मुस्कुरा रही थी… डेविड भी उसकी बात पर मुस्कुरा दिया… राहुल को कुछ समझ नही आ रहा था कि ये हो क्या रहा है |
सब ऑफिस पहुँच गए…… आज की सारी मीटिंग्स लंच के बाद थी…. तो सब अपने केबिन में उसी की तैयारी कर रहे थे….
अनुराधा रीना के साथ बाहर बैठी हुयी थी गौरव अपनी चेयर पर बैठा हुआ….. आज सुबह की बात के बारे में सोच रहा था … कुछ सोचते हुए उसने रीना को call किया और अनुराधा को अंदर बुलाया |
Knock करके अनुराधा अंदर गयी….
जी सर… बताएं….
गौरव ने उसकी तरफ देखा और बोला ये मेरे रूम में रखे हुए प्लांट्स को आप ज़रा पानी दे देंगी..
नहीं सर…
गौरव ने उसे देखा… क्या कहा आपने नहीं
गौरव अपनी जगह से उठा और अनुराधा की तरफ बढ़ते हुए बोला…… मिस अनुराधा क्या कहा आपने…?
मैंने नहीं बोला सर….
गौरव उसी की तरफ बढ़ता हुआ आ रहा था…… और अनुराधा पीछे होती जा रही थी |
अनुराधा दीवार से जा कर लग गयी…..
गौरव ने उसके बहुत पास आते हुए कहा…. एक मिनट लगेगा मुझे कमिशनर साहब को ये बताने में कि आप अपना काम ठीक से नहीं कर रहीं है….. और आपकी नौकरी पर एक धब्बा लग जायेगा….
अनुराधा मुस्कुराई उसने अपनी एक उंगली से गौरव को पीछे करते हुए बोला…… सर पहली बात मैं आपकी सेक्योरिटी के लिए आयी हूँ…. कोई आपकी सेक्रेटरी नही हूँ ना ही आपकी कोई employ हूँ….. जो ये सब काम करूँ….
दूसरी बात….. मुझे पता मेरा काम क्या है और कैसे करना है इस बात का example आप जिम में देख ही चुके है…
तीसरी बात मैंने पहले ही फोन करके रीना को सब ये सब काम करने के लिए बोल दिया था… चाहें तो आप देख सकते हैं…..
गौरव चुप खड़ा हुआ उसकी बातें सुन रहा था…….
अब मैं जाऊँ सर….. आपका जूस रीना ले कर आती ही होगी…. या आप कॉफी पीना पसंद करेंगे?
गौरव ने उसके जाने के लिए रास्ता छोड़ दिया……
अनुराधा ने जाते हुए पलट कर पीछे देखा और कहा – सर मैं अपने काम को लेकर बहुत फ़क्र करती हूँ और पूरी ईमानदारी से अपना काम करती हूँ…. और आपकी हिफ़ाज़त करना मेरा काम है |
गौरव को अनुराधा ने निरुत्तर कर दिया था…
अनुराधा के बाहर जाने के बाद गौरव को बहुत तेज़ गुस्सा आया उसने अपने दोनों हाथों को table par ज़ोर से मारा……डेविड को बुलाया और बोला……. मीरा को बुलाओ
मीरा का नाम सुनते ही डेविड ने हैरानी से उसे देखा,……” सर मीरा जी को? “
हाँ एक बार में सुनाई नहीं देता क्या?
राहुल तभी अंदर आते हुए बोला क्या हुआ?
सर मीरा जी को बुलाने के लिए बोल रहें है
क्या मीरा को….. क्यों अब क्या हो गया ?
गौरव ने अपनी चेयर पर बैठते हुए कहा – कमिशनर साहब ने जो कहा उसे प्रूफ भी तो करना है….. और मुस्कुराने लगा |
ओ भाई क्या परेशानी है तुम्हें….. अरे जाने दे ना वो कुछ कहाँ कह रही है…
डेविड बुलाओ मीरा को गौरव ने फिर गुस्से में कहा
डेविड ने सांस भरी और मीरा को फोन लगा दिया…. राहुल भी सर पर हाथ रख कर बैठ गया |
मीरा वर्मा सुरेंद्र वर्मा की बेटी जिसने अपनी देख – रेख में गौरव के घर और बाहर का सारा सेक्योरिटी सिस्टम लगाया था…… और गौरव के घर के हर नौकर को ट्रेंड किया था | दीनदयाल जी के पुराने दोस्त थे और वो उनको मानते भी बहुत थे |
कुछ देर में मीरा गौरव के ऑफिस के बाहर खड़ी थी…उसने सरसरी सी नज़र अनुराधा को देखा रीना को हैलो बोला और गौरव के केबिन में knock किया और अंदर चली गयी |
हैलो गौरव उसने अपना एक हाथ उसकी तरफ बढ़ाया…
गौरव ने मुस्कुरा कर हैलो बोला और उसको बैठने का इशारा किया
राहुल भी वहीं था….. और एकटक मीरा को देख कर मुस्कुरा रहा था….
हाँ जी तो फरमाये क्यों बुलाया गया है हमें.. ? उसने पेपर वेट को अपने हाथ से घूमते हुए पूछा
एक attack करवाना है….. गौरव ने कहा
किस पर ? तीनों ने एकसाथ बोला
मुझ पर
“क्या तुम पर?” मीरा ने कहा
“”तुम पागल तो नही हो गए हो गौरव”? राहुल ने कहा
नकली attack लेकिन बिल्कुल असली के जैसा….. गौरव ने फिर कहा
मगर क्यूँ?
बस ऐसे ही…. तुम करवाओगी ये
“गौरव क्या बात है…. और ये बाहर कौन है न्यू फेस “
“मेरी सेक्योरिटी के लिए बाबा ने रखा है इनको …. अनुराधा सिंह “
“ओह तो अब मैं समझी….. और हँसने लगी…. ठीक है कब करवाना है? ‘
राहुल ने कहा…. “आप भी साथ दे रही हो इसका… ये नही कि इसको समझाए “
“आप ने समझा लिया क्या ” मीरा ने राहुल से पूछा
नहीं..
“तो फिर? मैं नहीं करूँगी तो ये किसी और से करवा लेगा…. इस से अच्छा है कि मैं कर दूँ |’
“चलती हूँ…. Time और date बता देना” कह कर मीरा चली गयी
“अगर बाबा को पता चला ना तो…. “
“कौन बताएगा उनको कि ये मैंने किया? गौरव ने दोनों कि तरफ देखते हुए कहा
राहुल और डेविड दोनों कुछ बोल नही पाए
राहुल ने मुस्कुराते हुए कहा – “अनुराधा सिंह अब चक्रव्यूह बनेगा और देखते है आप अभिमन्यु बनती हो या नही |
आशा करती हूँ कहानी का ये भाग आपको पसंद आया होगा
जल्दी ही फिर मिलूँगी |
भाग – 8 का लिंक
भाग – 6 का लिंक
धन्यवाद
स्वरचित
कल्पनिक कहानी
अनु माथुर
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