अब तक आपने पढ़ा…
गौरव का अनुराधा के घर पर रहने वाली बात से मूड खराब हो जाता है…. वो उसकी सारी information डेविड से कह कर निकलवा लेता है… और रात को उसका सामना घर पर अनुराधा से होता है
अब आगे…
हैलो सर…
गौरव उसकी तरफ देखता है और सिर हिला कर उसे जवाब देता है….
शांति जी खाना लगवा रहीं थी….
दीनदयाल जी ने गौरव से पूछा “कल कितने बजे ऑफिस जाना है ? “
कल sunday है बाबा….
ओह हाँ… तो कल तुम अनुराधा को सब बता देना आज तो शाम हो गयी थी इसलिए ये कुछ देख नही पायी…
गौरव ने कुछ कहा नही….
शांति जी ने दीनदयाल जी की तरफ देखा तो उन्होंने हाथ दिखा कर शांत होने के लिए बोला |
” शर्मा जी का फोन आया था तुम मिले नही उनसे वो हमारे पुराने clint हैं “
“राहुल मिल लिया था..”..
“हाँ लेकिन तुम्हें मिलना चाहिए था.”..
“मेरा खाना हो गया…. मैं जा रहा हूँ… और अगली बार मिल लूँगा मैं उनसे…”.. कह कर गौरव उठ गया |
‘”अरे बिटवा कहाँ जा रहे हो.. ? ये खीर बनायी है तुम्हारी पसंद की अम्मा ने किचन से आते हुए कहा “
“आप गुलाबो से मेरे कमरे में भिजवा देना….मुझे कुछ ज़रूरी काम है “कह कर गौरव अपने कमरे में चला गया |
दीनदयाल जी और शांति जी को गौरव की नाराज़गी का कारण समझ आ रहा था |
खाना खा कर शांति जी गौरव के कमरे में गयी… उन्होंने दरवाज़े को knock किया
” मैं आ जाऊँ …….
“आये ना “
“क्या हुआ गौरव? “
“पता तो है ना आपको फिर आप क्यों पूछ रही हैं? “
“तुमसे ज़्यादा इस दुनिया को देखा है मैंने..कामयाबी अकेले नही आती अपने साथ हज़ारों दुश्मनों को ले कर आती है” दीनदयाल जी ने कमरे में आते हुए कहा
“बाबा मैं आपकी बात से बिल्कुल भी इनकार नही कर रहा…. लेकिन घर में रखना ये ठीक नही है..आप दोनो ही रहते है….. “
दीनदयाल जी ने मुस्कुराते हुए कहा “पर वो तो सारे दिन तुम्हारे साथ रहेगी… “
“उनके मेरे साथ रहने से क्या होता है….. घर में रह कर सब कुछ पता चलता है “
“तुम्हारा ये जेंटेलमैन अभी इतना कमज़ोर नहीं है कि कोई यूँ ही आकर कुछ कर दे
अच्छी लड़की है… तुम details पढ़ सकते हो… “
“उसकी ज़रूरत नही है मैंने देख लिया है “
“तुम चिंता मत करो.. सब है ना घर पर
भी और तुमने खुद ही सबको परखा हुआ है ” दीनदयाल जी ने कहा
“ठीक है जैसा आप कहें “
चलो तुम सो जाओ
हम्म….
गौरव से बात करके दोनो अपने कमरे में आ गए |
अगले दिन sunday था गौरव सुबह जॉगिंग के लिए अपने ही बगीचे में बने हुए रास्ते पर दौड़ रहा था…. उसने देखा अनुराधा ट्रैक सूट पहने हुए उस से यही कोई 20, 25 कदम की दूरी पर खड़ी हुयी bottle से पानी पी रही थी ..
गौरव ने रफ़्तार पकड़ी और अनुराधा के आगे जाकर उसको हाथ से अपने साथ आने के लिए बोला
अनुराधा ने पानी की bottle को वहीं रखा और गौरव के पीछे दौड़ते हुए जाने लगी… कुछ ही पलों में वो गौरव के साथ थी…. उसने वैसे ही भागते हुए गौरव को कहा
गुड मोर्निंग सर
गौरव ने बिना उसकी तरफ देखते हुए
बोला – गुड मोर्निंग… और उसको पीछे छोड़ कर आगे निकल गया …. अनुराधा भी उसके पीछे दौड़ती हुयी आगे जाने लगी
वो पहले ही दो तीन राउंड लगा चुकी थी… और थोड़ा थक भी गयी थी…. थोड़ी दूर जाकर वो खड़ी हो गयी और वही से गौरव को देखने लगी |
गौरव राउंड लगा कर उसके पास से निकला उसने अनुराधा की तरफ देखा और आगे बढ़ गया ऐसे ही उनसे तीन राउंड कंपलीट किए….और अनुराधा के पास आ कर खड़ा हो गया…..
“आराम हो गया हो तो एक राउंड साथ में
लगाए “गौरव ने कहा
अनुराधा ने उसकी तरफ देखा और हाँ बोला
अनुराधा और गौरव दोनों एक दूसरे के साथ दौड़ते हुए जाने लगे….कभी गौरव आगे हो जाता तो कभी अनुराधा ऐसे ही एक राउंड दोनों ने कंपलीट किया…..
गौरव ने अनुराधा से कहा… “वेरी गुड अच्छा लगा … आप काफी अच्छा दौड़ लेती है |”
अनुराधा ने मुस्कुरा कर कहा…. “मेरी ट्रेनिंग का हिस्सा है सर “|
हम्म गौरव ने कहा
चलें सर…और आगे बढ़ गयी
गौरव उसे जाते हुए देख रहा था….. इंटरेस्टिंग…मज़ा आने वाला है …और वो भी उसके पीछे जाने लगा |
दीनदयाल जी शांति जी और गौरव हॉल में बैठे हुए बातें कर रहे थे कि तभी राहुल अंदर आया….
हैलो everyone..
उसके पीछे दो लोग और आ रहे थे सबने उस तरफ देखा तो राहुल के मम्मी पापा उसके साथ आ रहे थे….
अरे… रेनू… मुकुल आप दोनों ..कब आए ? शांति जी ने पूछा
“इस बार हम सुरप्राइज देने आए है..”. रेनू ने कहा और झुक कर शांति जी के पैर छुए फिर दीनदयाल जी के मुकुल ने भी दोनों के पैर छुए
“बैठे आप लोग ” शांति जी ने कहा
गुलाबो पानी ले कर आयी तो राहुल ने गाते हुए बोला ….
“गुलाबो ज़रा चाय पिला दो “
कैसी हो गुलाबो रेनू ने पूछा – अच्छी हूँ दीदी पहले आप मुझे ये बताए कि आप इनको चाय नही देतीं हैं क्या? और ये हमेशा ऐसे गाते हुए मुझे चाय पिला दो क्यों कहते है?
उसकी इस बात पर राहुल ने कहा – ” देतीं हैं ना लेकिन उसमें वो बात नही होती ना… जो ” गुलाबो ज़रा चाय पिला दो में होती
है ” वो फिर गाते हुए ही बोला
अरे….गुलाबो बुरा मत मानो…इसकी तो आदत है हँसी मज़ाक करने की…. वो तो इनको गौरव मिल गया वरना ये तो कभी सुधारता ही नही…. मुकुल ने कहा
राहुल ने कहा “क्या पापा आप कभी भी गौरव को क्रेडिट देना भूलते नही… ? “
हाँ तो गौरव ने ही तुमको सुधारा है वरना तो…मेरा बिज़नेस तुमने डूबा ही दिया था |
ओहो क्या आप ये सब लेकर बैठ गए.. रेनू ने कहा…
गुलाबो तुम ले आओ चाय वरना ये फिर से गाना गाने लगेगा
गुलाबो ने घूर कर राहुल को देखा और बडबड़ाते हुए बोली पता नही किसने ये गाना बनाया है और मुह बना कर किचन की तरफ चली गयी |
सब वापिस से बातें करने मे में लग गए राहुल ने गौरव के थोड़ा पास जा कर पूछा….. ” तुम्हारी अनुराधा नहीं दिखाई दे रही? “
गौरव ने हैरानी से उसकी तरफ देखा और बोला – तुम्हारी… मतलब वो मेरी कब से हो गयी “?
अब तुम्हारे साथ रहेगी तो तुम्हारी ही हुयी ना….
अपनी बकवास बंद करो तुम वरना वो डिसूज़ा वाली बात मैं अभी….
Ok ok… तुम्हारी ना सही… लेकिन हैं कहाँ?
मुझे क्या पता…
इतने में अनुराधा बाहर से अंदर आते हुए दिखाई दी |
दीनदयाल जी ने मुकुल की तरफ देखते हुए कहा – तब तक अनुराधा उन सबके पास आ गयी थी….इनसे मिले अनुराधा सिंह गौरव की सेक्योरिटी के लिए इनको रखा है
अनुराधा ने दोनों हाथ जोड़ कर नमस्ते की
“अच्छा…. राहुल बता रहा था ” मुकुल ने कहा
और इनसे मिले ये है राहुल के मम्मी पापा मुकुल शर्मा और रेनू शर्मा
उसने मुस्कुरा कर अभिवादन किया
रेनू ने उसे अपने पास बिठा लिया और उस से बातें करने लगी |
राहुल उसी की तरफ देखे जा रहा था…गौरव ने उसे देख तो बोला – “क्या हुआ ऐसे क्यों देखे जा रहा है”?
उसने धीरे से कहा…”. पहली बार देख रहा हूँ ….. इतनी सदगी और लग ही नहीं रहा कि ये ऑफिसर है …. और सारे टेस्ट पास करके आयी है | ये तो एकदम नाज़ुक जी लग रहीं है
“मूह बन्द करो अपना तुम….कहो तो तुम्हारे लिए अपॉइंट् करा दूँ? “गौरव ने कहा
“काश ऐसा हो सकता…”..
“वैसे है तो स्ट्रांग…. “
“क्या स्ट्रांग.. वो कैसे? “
“आज सुबह जॉगिंग करते हुए मिली थी एक चक्कर मेरे साथ लगाया ” फुल ऑफ एनर्जी “
“वाह तो बात बनने लगी… “
“कैसी बात? “
“मतलब तुमको ऐतराज़ नही है उनके यहाँ रहने में ? “
“मैंने ऐसा कब कहा ?”
“मुझे तो अच्छी लग रही है देख कैसे मम्मी से हँस – हँस कर बातें कर रही है |”
तब तक गुलाबो अम्मा के साथ मिल कर चाय नाश्ता ले आयी थी |
शांति जी ने रेनू और मुकुल को रात के खाने के बाद ही भेजा…. उनके जाने के बाद सब अपने – अपने कमरे में चले गए |
गौरव बेचैन हो कर अपने कमरे में इधर उधर टहल रहा था…. अनुराधा का सबसे इतना घुलना – मिलना उसे समझ नही आ रहा था …..रात का करीब 1 बज रहा लेकिन उसकी आँखों में नींद नही थी | वो अपने कमरे से बाहर निकला और सीढ़ियों से नीचे आया….. नीचे वाले कमरे में से किसी के बात करने की हल्की सी आवाज़ आ रही थी…. वो उस तरफ गया…. नीचे वाले कमरे का दरवाज़ा थोड़ा सा खुला हुआ था… उसी में से आवाज़ आ रही थी…
गौरव थोड़ा और उस दरवाज़े के क़रीब गया…. हल्के से उसने दरवाज़ा खोला तो देखा…… अनुराधा किसी से बात कर रही थी…. और स्टूल पर चढ़ कर अलमारी के सबसे ऊपर खाने में बैग रखने की कोशिश कर रही थी |
“हाँ यार ठीक है सब …. बस गौरव सर थोड़ा था अकडू लगे मुझे……”
अपने बारे में अकडू शब्द सुनकर गौरव को गुस्सा आ गया वो दरवाज़ा से अंदर आ गया |
अनुराधा ने फिर कहा…. “अब जो है सो है जॉब तो करनी ही है ना… बस मुझे ये पता होता कि ये test सब सेक्योरिटी के लिए है तो मैं पास नही करती |”
‘वही अच्छा होता.”… गौरव ने कहा
गौरव की आवाज़ सुनकर अनुराधा ने पीछे देखा…. उसका बैलेंस बिगडा और बैग समेत वो नीचे गिर गयी |
गौरव हाथ बंधे हुए उसे देख रहा था
“उफ्फ….अनुराधा अपने कमर पर हाथ रखते हुए बोली ….. सर आप मेरे कमरे में? “
“नहीं मैं अपने घर में हूँ.. और घर के कमरे में हूँ “
“हैलो… हेलो… क्या हुआ अनु फोन में से आवाज़ आयी… मैं करती हूँ फोन कह कर अनुराधा ने फोन रख दिया |”
“तो मैं अकडू हूँ… “
अरे यार सब सुन लिया क्या इन्होंने…उसने मन में ही कहा फिर उसने मुस्कुराते हुए गौरव को देखा और बोली…सर
उसने इतना ही कहा था कि गौरव उसके बहुत पास आ गया…. वो उसकी तरफ झुका अनुराधा पीछे की तरफ हो गयी
“ये क्या कर रहे हैं सर आप? “
गौरव और थोड़ा झुक गया…. गौरव ने उसकी आँखों में आँखें डाल कर देखा ……अनुराधा थोड़ा सा घबरा गयी उसने आँखें नीची की गौरव ने उसके साइड में गिरे हुए बैग को उठाया और दूर हो गया |
स्टूल पर चढ़ कर उसने बैग रखा……. अनुराधा उसे देखे जा रही थी… गौरव बैग रख कर स्टूल पर से उतरा… स्टूल को उसने साइड किया और अपना एक हाथ उसने अनुराधा की तरफ बढ़ाया…..अनुराधा ने कुछ सोचते हुए अपना हाथ उसके हाथ में दिया और उठ गयी….
वो गौरव के पास खड़ी थी… गौरव ने उसका हाथ छोड़ा और बोला….संभल कर
वो मुस्कुराया और दरवाज़े की तरफ जाते हुए उसने पलट कर अनुराधा को देखा एक आँख मारी और चला गया
अनुराधा उसे मुह खोल कर जाते हुए देख रही थी |
आशा करती हूँ कहानी का ये भाग आपको पसंद आया होगा
भाग – 6 का लिंक
भाग – 4 का लिंक
धन्यवाद
स्वरचित
कल्पनिक कहानी
अनु माथुर
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