अब तक आपने पढ़ा…
गौरव रस्तोगी जी की बर्थडे पार्टी में जाता है और कमिशनर साहब दीनदयाल जी के कहने पर गौरव की सेक्योरिटी के लिए लेडी ऑफिसर अनुराधा को अपने साथ ले कर आते है.
अब आगे….
गौरव के जाने के बाद दीनदयाल जी ने कमिशनर साहब से कहा…. “आप गौरव की बातों का बुरा मत मानियेगा |”
“अरे नहीं सर आप कैसी बातें कर रहे है…इसमें बुरा मानने की क्या बात है… अनुराधा को देख कर ये सवाल उनका सही था….. लेकिन सर मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि अनुराधा अपने काम को लेकर बहुत ईमानदार है और पूरी निष्ठा से ये अपना काम करेंगी |”
“आपने कह दिया तो बस हमने भी मान लिया “- दीनदयाल जी ने कहा
“अच्छा आप चाय तो लें..’. गुलाबो दो सबको… शान्ति जी ने कहा
“तो कब से आना होगा सर ” कमिशनर साहब ने पूछा
“आज से और अभी से…. आप घर देख लें.. बाक़ी आपको शांति जी बता देंगी.. जितनी सेक्योरिटी है आप खुद से चेक कर लें दीनदयाल जी ने अनुराधा की तरफ देख कर कहा |”
‘जी सर बिल्कुल……मुझे आप शाम तक का वक़्त दें मैं अपना सामान लेकर आ जाती हूँ”…अनुराधा ने कहा
“ठीक है आप शाम को आये… हम आपका इंतज़ार करेंगे” -दीनदयाल जी ने कहा
“अब हम चलते हैं सर….. हैव ए नाइस डे”.. कहते हुए कमिशनर साहब ने दीनदयाल जी से हाथ मिलाया और शान्ति जी को हाथ जोड़ कर नमस्ते किया |
कमिशनर साहब के जाने के बाद शान्ति जी ने दीनदयाल जी से कहा -“पहले आपने कभी किसी को इस तरह घर के अंदर रखा नहीं है तो क्या ये ठीक होगा? “
“लगता तो है कि ठीक होगा बाक़ी तो बाद में पता चलेगा ” दीनदयाल जी ने कहा
ऑफिस में गौरव का मूड कुछ ठीक नहीं था उसने रीना को बुलाया .
“रीना आज सुबह की सारी मीटिंग्स cancle करो “
“लेकिन सर शर्मा जी आए हैं और वो मीटिंग cancle नही हो सकती “
“तो दोपहर के बाद रख दो”
“सर वो बहुत देर से आपका इंतज़ार कर रहे है “
“एक बार कह दिया ना समझ में नहीं आ रहा क्या?”
तभी राहुल ने केबिन में आते हुए कहा…. “क्या हुआ इतना गुस्सा किसलिए हो रहे हो” रीना क्या हुआ ?
“सर शर्मा जी कब से सर का इंतज़ार कर रहे है और सर मीटिंग के लिए मना कर रहे हैं”
“क्यों का हुआ? “
कुछ नही कहते हुए गौरव अपनी चेयर पर जाकर बैठ गया |
“अच्छा मैं मिल लेता हूँ उनसे ” कह कर केबिन से बाहर आ गया
बाहर डेविड खड़ा था… राहुल ने पूछा “क्या हुआ है डेविड ? “
” सर’बड़े सर ने गौरव सर की सेक्योरिटी के लिए किसी को बुलाया है और वो लेडी ऑफिसर हैं….. वो घर पर ही रहने वाली है”
फिर से? ओह तो ये वजह है ….
“चलो रीना अभी मीटिंग के लिए…. ये मैटर आ कर देखते हैं |”
” अभी तुम जाना मत गौरव के पास पता नही क्या बोल दे |’
जी सर ….. डेविड ने कहा
राहुल और रीना मीटिंग के लिए चले गए |
क़रीब एक घंटे की मीटिंग के बाद राहुल गौरव के पास आया… और उसके सामने वाली चेयर पर बैठ गया और उसकी तरफ
देखने लगा …
गौरव ने उसे देखा और बोला…क्या हुआ?
“ये तो तुम बताओ कि क्या हुआ? “
कुछ नही….डेविड उसने पुकारा
जी सर……
काम हुआ?
“जी सर ये वो details जो आपने मांगी थी और ये कह कर उसने tab गौरव को दे दिया “
गौरव tab को scroll करते हुए देख रहा था |
राहुल ने डेविड से पूछा…. किस बात की details है ?
“वो सेक्योरिटी की “
‘ओह…. क्या बात है details भी निकाल ली तुमने और डेविड के पास जा कर धीरे से बोला अब किसकी शामत आयी है.. जो भी है शेर की माँद में आ रहा है |”
डेविड हल्के से मुस्कुराया …. और बोला अनुराधा सिंह
गौरव ने सारी information देखी और tab डेविड को वापस करने लगा तो राहुल ने उसके हाथ से tab ले लिया….
” देखें ज़रा हम भी…. और tab में देखने लगा
अनुराधा सिंह….. वो बोला और tab में पढ़ने लगा….
5 mnt बाद वो बोला….. तो इसमें परेशानी कि क्या बात है आने दो”
“परेशानी ये है कि बाबा ने उसे घर पर ही रहने को बोला है”
“क्या घर पर? मगर क्यों? “
“इस क्यों का जवाब ये डेविड देंगे “
डेविड…. ?
“हाँ… इन्होंने ही बताया है कि पार्टी के बाद मैं सड़क पर घूम रहा था….. “
“ओह तो ये बात है.. “
“बड़े सर ने पूछा तो मैंने बता दिया… उसने आवाज़ को कुछ धीमा करते हुए कहा “
अरे… तुम भी ना जाने दो ना देख लेंगे… और क्या हुआ …. वो बस तुम्हारे साथ आयेंगी जायेंगी ना…. और गाने लगा
आते जाते खूबसूत आवारा सड़कों पे..
कभी कभी इतेफ़ाक से…
कितने अंजान लोग मिल जाते हैं
अरे चुप करो तुम…..तुम्हें हर time बस गाना सूझता रहता है क्या..,?
ओहो …गाने से मूड अच्छा हो जाता है..और देखा ना तुमने हर एक situation के लिए गाना बना हुआ है…..
गौरव इस बात पर मुस्कुरा दिया
“अरे छोड़ो तुम ये सब…. शर्मा जी से मीटिंग अच्छी रही… लेकिन अगली बार तुम्हें जाना पड़ेगा …. “
“हम्म”
“चलो बाक़ी मीटिंग्स तुम देख लेना… “
“और तुम? “
“मैं यहीं हूँ. अपने केबिन में ज़रूरत हो तो बुला लेना “
Ok
शाम तक गौरव मीटिंग्स में busy रहा और अनुराधा वाली बात लगभग भूल गया…
उसने अपने केबिन में आकर डेविड से गाड़ी निकालने को बोला….राहुल भी उसी वक़्त घर जाने के लिए निकला….. दोनों पर्किग में पहुँचे… राहुल ने अपनी गाड़ी निकली और दोनों घर की तरफ चल दिए |
उधर शाम को अनुराधा भी अपना सामान लेकर भरद्वाज मेंशन में आ गयी थी……. कमिशनर साहब ने दीनदयाल जी को अनुराधा की सारी details भेज दी थी…और उन्होंने पढ़ भी ली थी |
गौरव घर पहुँचा तो शांति और दीनदयाल जी उसी का इंतज़ार कर रहे थे…. उसको कर देख शांति जी अपनी जगह से उठी और बोली – गुलाबो खाना लगाओ..
गौरव शांति जी के पास आया और उसने उन्हें गले से लगा लिया |
थक गए ….उन्होंने पूछा
हाँ थोड़ा सा
चलो तुम फ्रेश हो जाओ…
हम्म कह कर उसने शांति जी को अपने से अलग किया और अपने कमरे में चला गया |
गौरव फ्रेश हो कर आया तो उसने dining table पर दीनदयाल जी के साथ किसी को बातें करते सुना… उसे अचानक अनुराधा का ध्यान आया…… अनुराधा दूसरी तरफ घूम कर बैठी हुई थी गौरव को बस उसके लम्बे बाल दिख रहे थे जिनकी छोटी बनी हुयी थी….. वो आया और दीनदयाल जी के पास वाली चेयर पर बैठ गया | उसने अनुराधा की तरफ देखा ही नही |
गौरव को देख कर अनुराधा खड़ी हुयी और उसने बोला
हैलो सर….
गौरव ने उसकी आवाज़ सुनी और ऊपर की तरफ देखा
एक पल को गौरव की नज़र उस पर थम गयी… साँवले से थोड़ा रंग उसका साफ था ….बड़ी बड़ी आँखें ….होठों पर मुस्कुराहट… उसने नाइट सूट पहना हुआ था.. …
गौरव ने उस पर से नज़र हटायी और कुछ नही बोला… बस सिर हिला कर उसे जवाब दिया |
आशा करती हूँ कहानी का ये भाग आपको पसंद आया होगा
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धन्यवाद
स्वरचित
कल्पनिक कहानी
अनु माथुर
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