अब तक आपने पढ़ा….
गौरव अनुराधा को लेकर घर आ जाता है… सब लोग उस से मिलते है शांति जी जब तक अनुराधा पूरी तरह से ठीक ना हो
जाए तब तक उसे जाने की इजाज़त नही देती…
अब आगे….
गौरव के ऑफिस जाने के बाद शांति जी अपने कमरे में थी और बैठी हुयी कुछ सोच रहीं थी
दीनदयाल जी ने कमरे में आकर शांति जी को ऐसे देखा तो पूछा….
क्या सोच रहीं हैं आप?
शांति जी जैसे सपने से बाहर आयी…… और मुस्कुरा कर बोली.. गौरव को देखा आपने?
हाँ क्यों क्या हुआ ??
कुछ बदला – बदला सा नहीं लगा वो आपको?
नहीं मुझे तो कुछ नहीं लगा…
लेकिन मुझे लगा
क्या लगा?
अनुराधा के लिए कुछ तो है उसके मन में..
दीनदयाल जी हँसे और बोले… क्या बोल रहीं है आप… आप जानती नहीं क्या गौरव को ?….. वो कोसों दूर भागता है लड़कियों से ..
हाँ लेकिन कल देखा आपने उसने कैसे अनुराधा को गोदी में उठा लिया….. रात को मैंने उसे अनुराधा के कमरे से निकलते हुए देखा… और सुबह भी
वो उसका हाल चाल पूछने गया होगा
हम्म हो सकता है… और ये भी हो सकता है कि वो उसे पसंद करने लगा हो
अच्छा… ऐसा है तो मुझे तो बहुत खुशी होगी..
हाँ… मुझे भी…. अनुराधा मुझे पसंद है
जब तक गौरव कुछ नही कहता तब तक उसके मन की बात जानना मुश्किल ही नही नामुमकिन है
हाँ ये तो सही कहा आपने … देखते है समय क्या दिखाता है..
गौरव ऑफिस पहुँचा तो रीना उसे आज की मीटिंग्स के बारे बताया
राहुल भी ऑफिस आया था…. पिछले चार दिनों से गौरव ऑफिस में नही था तो जो भी पेंडिंग वर्क था राहुल के साथ मिल कर उसने सब किया ….
वो प्रोजेक्ट गौरव की कंपनी को मिल गया था
..जिसके लिए राहुल गोवा गया था… गौरव ने उस प्रोजेक्ट की पूरी ज़िम्मेदारी राहुल को दे दी थी…
गौरव ऑफिस के साथ – साथ अनुराधा का भी पूरा ध्यान रख रहा था… थोड़ी बहुत नोक – झोंक दोनो में चल रही थी….
स्मिता हर दो दिन में आ कर अनुराधा को देख कर जाती थी….कणिका भी अनुराधा को देखने आ जाती या फोन से बात कर लेती थी
मीरा भी कभी आ जाती या कभी फोन से बात कर लेती थी…
गुलाबो अनुराधा का पूरा ध्यान रख रही थी…
कमिशनर साहब राहुल के मम्मी पापा और सुरेंद्र जी भी अनुराधा के बारे में कभी दीनदयाल जी और कभी शांति जी से पूछ लेते थे ….
ऐसे ही एक महीना निकल गया… अनुराधा अब कुछ ठीक थी उसके सिर का घाव उपरी तौर पर पर काफी ठीक थे ….
आज फिर दीनदयाल जी शांति जी और बाकी सब
कंपनी जाकर सबसे मिलने वाले थे….
मीरा पूरी सेक्योरिटी के साथ भरद्वाज मेंशन आयी हुयी थी .. डेविड , किशन राहुल सभी वहीं पर थे…..
कणिका ने आज ही शाम को get together रखा था…. इसलिए सब लंच के बाद वहीं जाने वाले थे…
दीनदयाल जी के साथ शांति जी ,राहुल, मीरा, डेविड और सामान रखने में मदद कर रहे थे
गुलाबो ने अनुराधा को तैयार होने में मदद की…
दीदी आप यहीं बैठे जब चलेंगे तो आपको बुला लेंगे …. मैं बाहर देख कर आती हूँ कोई ज़रूरत तो नही…. नर्स आप यहीं रहना इनके साथ कह कर गुलाबो बाहर चली गयी
अनुराधा वहीं बैठ गयी ….
आप मेरी दवा दे देंगी ? अनुराधा ने नर्स से कहा
जी… अभी देती हूँ… नर्स ने दवा अनुराधा को दी… अनुराधा कमरे में रखी हुयी चेयर पर बैठ गयी
मैं पानी ले आती हूँ आपके लिए और जूस भी बना दिया होगा
ठीक है अनुराधा ने कहा… और पीछे सिर टिका कर बैठ गयी…
अनुराधा ने अपने हाथों की तरफ देखा और मन में ही बोली…. गुलाबो मेरी घड़ी देना तो भूल ही गयी…. वो उठी और अपनी घड़ी देखने लगी…. ये रही अनुराधा ने घड़ी हाथ में ली और उसे बांधने लगी….
किसी की आहट हुयी कमरे में उसने बिना पीछे देखे कहा…. नर्स आप आ गयीं ये ज़रा घड़ी बांधने में मेरी मदद कीजिए ना
लाएं बांध देते है…. ये गौरव की आवाज़ थी
अनुराधा ने पीछे देखा ….. आप यहाँ? आपको पता किसी लड़की के कमरे में ऐसे बिना knock किए नहीं आते…
हम्म मुझे पता है ….
तो फिर…?
गौरव ने उसके पास जाते हुए कहा… वो नर्स से मैंने पूछा कि आप रेडी हो गयी
उसने हाँ बोला और ये भी कि वो आपका जूस और पानी लेने गयी थी……. मैंने उसको बोला कि जाओ फिर गाड़ी मे रखो वो सामान रखने चली गयी और मैं यहाँ आ गया
कहते – कहते गौरव उसके पास आ गया
और उसके हाथ से घड़ी लेकर बांधने लगा
एक बात कहूँ…. अनुराधा ने कुछ नहीं कहा…
आप बहुत खूबसूरत लग रहीं है…… अनुराधा ने उसकी तरफ देखा…. गौरव ने उसका हाथ जो पकड़ा हुआ था थोड़ा सा खींचा….. उसकी आँखों के कोने से काजल अपनी उँगली में लिया और उसके कान के पीछे लगाते हुए बोला…. आपको मेरी ही नज़र लग जायेगी ऐसे मत देखें मुझे…..
अनुराधा ने उसे अपने हाथ से दूर करते हुए कहा…. क्या बेकार की बातें करते हैं आप …
गौरव ने उसे देखा और बोला….. आपके गालों की रंगत बता रही है आप शर्मा रहे हो
अनुराधा ने अपने गाल पर हाथ रखा और गौरव के विपरीत दिशा में घूम गयी
गौरव हँसा और बोला… चलें सब बाहर इंतज़ार कर रहे है
अनुराधा ने कुछ नहीं कहा वो गौरव की तरफ घूमी और दोनों कमरे से बाहर निकल आये
बाहर आकर सब गाड़ी में बैठने को हुए तो शांति जी ने बोला…. अनुराधा हमारे साथ जायेगी… गौरव तुम राहुल के साथ बैठो..
क्यों आप तू बाबा के साथ जातीं हैं ना हमेशा से….
हाँ तो आज मेरा मन है मैं अनुराधा को अपने साथ ले कर जाऊँ
गौरव ने अनुराधा कि तरफ देखा…. अनुराधा ने उसे देखा और जा कर शांति जी के साथ बैठ गयी
गौरव मुह बना कर राहुल के साथ बैठ गया… राहुल और मीरा हँस रहे थे… गौरव ने कहा चलो वरना….
राहुल ने गाड़ी स्टार्ट कि और गाने लगा
दिल के अरमां आँसुओं में बह गए
हम वफा करके भी तन्हा रह गए
उसने mirror में देखा तो गौरव उसे खा जाने वाली नज़रों से देख रहा था
मीरा ने कहा…. सब एक ही जगह तो जा रहे है अभी पहुँच जायेंगे…
सब कम्पनी में पहुँचे दीनदयाल जी सबसे मिले…. उन्होंने सबके हाल – चाल पूछे..शांति जी ने अनुराधा का एक मिनट के लिए भी अकेला नही छोड़ा…..गौरव बस उसे दूर से ही देखता रहा….राहुल और मीरा को इस बात पर गौरव को चिढ़ाने का मौका मिल गया…..सबने लंच किया और रस्तोगी जी के घर जाने के लिए निकल गए…
सब रस्तोगी जी के घर समय सी पहुँच गए…. शांति जी के साथ अनुराधा भी गाड़ी से उतरी… कणिका और स्मिता ने उसे गले से लगा लिया और उसकी तबियत पूछी…..
सब अंदर आ गए….. आज का सारा arrangement कणिका और स्मिता ने मिल कर किया था…….
शांति जी ने अनुराधा को एक मिनट के लिए भी अकेला नहीं छोड़ा… वो गौरव की बेचैनी को बराबर महसूस कर रही थी…..
कणिका ने नौकरों से कह कर सॉफ्ट ड्रिंक्स सर्व करवाये…और खुद भी ग्लास ले कर गौरव के पास ज कर बैठ गयी….
उसने धीरे से पूछा,… क्या हुआ गौरव मैं कोई और फ्लेवर का ड्रिंक लाने को बोलू अगर तुम्हें ए पसंद नहीं तो… ?
गौरव ने सिर को ना में हिलाया और अनुराधा की तरफ देखने लगा… राहुल ने अपना फोन निकाला और कणिका को msg किया
” तुम्हारे दोस्त को मुहब्बत हो गयी है “
कणिका की msg tone बजी तो उसने देखा राहुल का msg है उसने राहुल को इशारे से पूछा क्या हुआ ???
राहुल ने फोन की तरफ दिखाया कि msg देखो …
कणिका ने msg open किया पढ़ा और उसका मुह खुला रह गया ..
राहुल ने फिर msg किया … अपना मुह बंद करो
कणिका ने msg देखा और वापस से राहुल को msg किया
लेकिन किस से???
वो जो तुम्हारे सामने बैठी है और गौरव जिसे एक टक देखे जा रहा है
कणिका ने देखा उसके सामने अनुराधा बैठी थी फिर उसने गौरव की तरफ देखा जो उसे ही देख रहा था… लेकिन अनुराधा अपने होंठों पर हल्की सी मुस्कान लिए कणिका की मम्मी से ही बात कर रही थी
कणिका ने msg किया
क्या बात कर रहे हो….???गज़ब मतलब लड़कियों से कोसों दूर रहने वाले गौरव को आख़िर कोई मिल ही गयी…
राहुल ने msg किया …
हाँ मिल तो गयी लेकिन…. वो मानती नही
मतलब…???
मतलब ये कि गौरव ने तो कह दिया कि वो अनुराधा जी से मुहब्बत करता है लेकिन वो नहीं बोलती कुछ भी
मतलब अनुराधा की तरफ से कोई जवाब नही आया…. वो करती भी है गौरव से प्यार या नहीं?
लगता तो है..
अच्छा तो अब???
अब क्या आज तो दादी अनुराधा जी को छोड़ ही नहीं रहीं हैं… सुबह से उनको साथ लिए घूम रहीं हैं…. राहुल ने msg किया
कणिका ने msg किया
क्या?? तुम हँसी क्यों
अरे …. दादी गौरव के सब्र का इम्तेहां ले रहीं है
उनको पता चल गया है कि गौरव अनुराधा को पसंद करता है
तुम्हें कैसे पता…. ??
अरे … इसमें पता लगने वाली क्या बात है एक ही घर में रहते है सब और वो कहते है ना कि इश्क़ छुपाए नहीं छुपता… और फिर वो गौरव की दादी है
लेकिन मीरा को ये बात क्यों नहीं पता चली जो तुम बता रही हो
क्योंकि मीरा का दिमाग़ इन सब बातों में नहीं चलता… वो तो बस अपने काम में चलता है
तो क्या करें अब??
रुको.. सबको बताना होगा फिर बनाते हैं कोई plan
कह कर कणिका ने एक whatsapp ग्रुप बनाया जिसमें उसने गौरव, राहुल, मीरा और स्मिता को add किया और short में सब बताया…
सबके फोन में एक साथ msg tone बजी सबने फोन में देखा तो कणिका ने ग्रुप बनाया था….
गौरव ने कणिका की तरफ घूर कर देखा तो उसने msg किया…
अनुराधा चाहिए या नहीं ?
गौरव ने उसी ग्रुप में राहुल को msg किया
राहुल देखना मैं तुझे कहाँ भेजता हूँ इस बार
राहुल ने msg किया हाँ देख लेंगे बाद में पहले अनुराधा जी से इज़हार करवा लें
बाक़ी सब ने भी इमोजी भेजा
कणिका ने कुछ सोचा वो अपनी जगह से उठी और अनुराधा के पास जा कर बोली… क्या तुम इन सब बड़ों के बीच में बैठी हो.. हमारे साथ चलो ना …
मम्मी मैं ले जा रहीं हूँ अनुराधा को….और अनुराधा का हाथ पकड़ कर अपने साथ ले जाने लगी
शांति जी ने कहा अरे कणिका रहने दो ना….
अरे दादी ये क्या करेंगी आपकी बातों में इनको रहने दो हमारे साथ
अरे जाने दीजिए….ये मानने वाली नहीं है रस्तोगी जी ने कहा
शांति जी ने गौरव की तरफ देखा जो अनुराधा को देख रहा था और मुस्कुरा रहा था
कणिका अनुराधा को ले कर बाक़ी सबके पास आ गयी….
Plan के मुताबिक राहुल ने कहा… कणिका दिखाओ अपना घर अनुराधा जी को वो तो पहली बार यहाँ आयी हैं..
कणिका मुस्कराते हुए बोली अरे इसलिए तो इनको वहाँ बड़ों के बीच में से ले कर आयी हूँ…
चलो आपको अपना घर दिखती हूँ…. कह कर वो अनुराधा का हाथ पकड़ कर अंदर की तरफ ले गयी…
शांति जी उन सबको देख रही थी… दीनदयाल जी ने उनको देखा तो कहा अरे यहीं हैं वो घर में ही
उन्होंने सबको देखते हुए कहा… शांति जी थोड़ा डर गयी है उस हादसे के बाद…
सब ने फिर से बातें शुरू कर दी
कणिका अनुराधा को लेकर सारा घर घुमाते हुए अपने रूम में ले आयी…… बाक़ी सब भी उसके साथ रूम में आ गए थे
कणिका ने सबको बैठने के लिए कहा और
खुद अनुराधा के पास जा कर बैठ गयी…. गौरव ने सोचा था कि कणिका उसे बैठने को कहेगी अनुराधा के पास…..लेकिन ये तो उल्टा हो गया
कणिका ने कहा चलो अब एक गेम खेलते हैं
गेम कौन सा…. ???सबने एक साथ पूछा
कणिका ने एक कहा…. वही नीलम वाला मैं एक word दूँगी उस word से जो भी तुम्हारे मन हो बात हो बोलना है … लेकिन बिना कुछ सोचे और जिसने ये ब्रेक किया वो out
बढ़िया….. सबने कहा बस गौरव और अनुराधा ने कुछ नही बोला
कणिका ने कहा…… आसमानी
उसके पास अनुराधा थी…. अनुराधा ने कहा…..चूड़ियाँ
कणिका ने फिर कहा…… तुम
मीरा ने कहा…हम
कणिका ने फिर कहा ….समुन्दर
स्मिता ने कहा… पानी
कणिका ने फिर कहा…. शाम
राहुल ने कहा….सुहानी
कणिका ने फिर कहा…… नज़र
गौरव ने कहा….क़ातिलाना
ऐसे करते करते सब एक- एक word se कुछ कुछ बोले जा रहे थे…. धीरे – धीरे सब out हो गए अब गौरव और अनुराधा ही बचे थे…
कणिका ने कहा…. अब देखे कौन जीतता है …. गौरव ने कहा… मैं कभी हारता नही ….अनुराधा ने उसकी तरफ देखा और बोली….. मैं किसी को जीतने नहीं देती
गौरव मुस्कुराया और बोला देखते है…
कणिका ने कहा…. अब तुम दोनो ही एक दूसरे को word दो मेरे पास शब्द ख़तम हो गए … और अब तुम दोनो पाँच word दोगे एक दूसरे को जिसने जवाब नही दिया वो हार जायेगा
Ladies first तो अनुराधा तुम गौरव को word दो
अनुराधा ने गौरव की तरफ देखा और बोली
बातें
तुम्हारी
रिश्ता
हमारा
नीला
आँचल
अफसाना
हक़ीकत
जिंदगी
तुम
वाह वाह बढ़िया…चलो गौरव अब तुम्हारी बारी …
गौरव अपनी जगह से उठा और चेयर लेकर अनुराधा के ठीक सामने बैठ गया और उसकी आँखों में देखते हुए बोला…
दिल
धड़कन
सफर
अंजाना
साथ
तुम्हारा
नाम
अनुराधा
मेरा नाम
गौरव
गौरव मुस्कुराया और बोला
” आँखें तो कह रही है तुम्हें हमसे प्यार है
चेहरा बता रहा है कि कश्मकश में हो”
सबने अनुराधा की तरफ देखा तो अनुराधा तो समझ आया उसने क्या बोल दिया था..
आखिरी भाग
भाग – 18 का लिंक
धन्यवाद
स्वरचित
कल्पनिक कहानी
अनु माथुर
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