सफ़र मुहब्बत का (भाग -17) : Moral Stories in Hindi

अब ता आपने पढ़ा….

गौरव के ये कहने पर कि वो अनुराधा से प्यार करता है …अनुराधा उसकी तरफ हैरानी से देखती है

अब आगे…..

राहुल भी मीरा के जैसे गौरव के इज़हारे इश्क़ से उसकी तरफ देखता है. और कहता है ….

ओहो तो ये बात है इसलिए हमें भगाने की कोशिश की जा रही थी….. देख लो मीरा ….लेकिन  गौरव जी हम फिर भी नहीं जाने वाले….. क्योंकि अब तो हम बिलकुल भी अकेले नही छोड़ने वाले तुमको………

हाँ बिलकुल सही बोला तुमने मीरा ने कहा

अनुराधा  हैरानी से उन सबकी बातें सुन रही थी…. वो बोली…सर आप ये क्या कह रहे है… कह दीजिए ये सब झूठ है और मैं आपके बारे में ऐसा कुछ नहीं सोचती….

गौरव ने उसकी तरफ देखा और उसके पास जाते हुए बोला …नहीं ,ये झूठ नही है… सच है कि मुझे आपसे मुहब्बत हो गयी है….

राहुल और मीरा दोनो ने एक दूसरे की तरफ देखा…… मीरा ने राहुल को बाहर चलने का इशारा करा और वो दोनो बाहर चले गए…

सर आप ये सब क्या कहे जा रहे है? ऐसा नही हो सकता…

क्यों…. क्यों नहीं हो सकता?

आपको हमदर्दी है मुझसे क्योंकि आपको बचाते वक़्त ये सब हो गया बस इसलिए

गौरव अनुराधा के बेड के पास खड़ा था… उसने चेयर ली और उसके पास बैठ गया.

गौरव ने उसका हाथ अपने हाथों में लिया तो अनुराधा उसकी तरफ देखने लगी..

गौरव ने कहा…. ये सच है कि जब आप आयी थी तो मुझे बिलकुल भी अच्छा नहीं लगा था….. मैं चाहता था कि आप चली जाए… इसलिए मैंने आपको बहुत परेशान किया…… लेकिन एक सच ये भी है कि मुझे आपका मेरी हर जवाब देना वो भी इतनी निडरता सी… मेरी हर बात का तोड़ निकाल लेने….. मुझे कहीं ना कहीं अच्छा लगने लगा….आपका आस – पास रख मुझे अच्छा लग लगने लगा….लेकिन मुझे तब समझ नही आया कि ये क्या हो रहा था मेरे साथ….

अनुराधा ने अपने हाथ को उसके हाथ से छुड़ाते हुए कहा…..वो मेरा काम था सर, मुझे आपको protect करना ही था चाहे आप मुझसे कुछ भी कहें |

क्या सिर्फ़ इसलिए आपने मुझे protect किया कि वो आपका काम था..?.गौरव ने उसकी आँखों में देखते हुए पूछा

हाँ सर…. अनुराधा ने कहा

गौरव मुस्कुराया और उसकी तरफ देखते हुए बोला…. मैं आपको पसंद करता हूँ और मुझे आपसे मुहब्बत है….मैं आपको कहीं जाने नहीं दूँगा चाहे जो हो जाए…… आपको मैं अपना बना कर रहूँगा…

मैं कोई चीज़ नहीं हूँ सर…..जो आपको पसंद आ गयी और आप उसे ला कर अपने पास रखा ले…

उफ्फ……ये गुस्सा आपका, अगर आप चीज़ होती तो फिर मुझे कोई ज़रूरत ही नही होती ना कुछ कहने की मैं यूँ ही अपने पास रख लेता आपको…. लेकिन अब आप मुझे challenge कर रहे हो तो….. सुने अनुराधा सिंह मैं आपको अपना बना कर रहूँगा….. दुनिया की कोई ताकत ऐसा करने से मुझे रोक नहीं सकती

कभी नहीं होगा ऐसा अनुराधा ने कुछ ज़ोर से कहा …..

वो जब होगा तब आप खुद देखेंगी…. अभी शांत हो जाएं क्योंकि सिर में आपके लगी है इतना गुस्सा आपके लिये  ठीक नहीं … कहते हुए उसने अनुराधा के माथे को चूम लिया…

अनुराधा अपनी बड़ी – बड़ी आँखों से उसे गुस्से से देखे जा रही थी… गौरव  जैसे ही पलटा उसने कहा….. मैं छोडूँगी नहीं आपको

गौरव हँसा और बोला…..आ ही गयी दिल की बात आपकी ज़ुबान तक… मैं भी यही चाहता हूँ कि आप मुझे ना छोड़ें…

अनुराधा ने उसे देखा और दूसरी तरफ अपना मुह घुमा लिया

गौरव हँसता हुआ सोफे की तरफ बढ़ गया

थोड़ी देर बाद राहुल और मीरा कमरे में आए तो देखा अनुराधा सो गयी थी और गौरव अपने tab में कुछ काम कर रहा था गौरव ने उन दोनों को देखा और चुप रहने का इशारा किया…. राहुल और मीरा उसके पास आए और धीरे से राहुल ने पूछा..

बात बन गयी… ?

गौरव ने मुस्कुराते हुए कहा…. अभी कहाँ अभी तो बात शुरू हुयी है…. और तुम दोनों सुन लो ये बात किसी को भी पता नहीं चलनी चाहिए वरना तो तुम दोनो को पता ही है कि मैं क्या क्या कर सकता हूँ |

मीरा और राहुल ने हाँ में सिर हिलाया

मीरा ने पूछा… ये हुआ कब… ? मतलब तुम तो उसका test लेने वाले थी ना.. तो फिर?

पता नही कब कैसे लेकिन अनुराधा मेरे दिल में उतर गयी उसे परखने की बात बस बात ही थी…. अगर मुझे कुछ करना होता तो मैं पहले ही कर देता इतना wait नहीं करता…

लेकिन उस दिन तो तुम गुस्सा हो गए थे जब मीरा ने तुमसे कहा की भूल जाओ attack वाली बात.

वो सब नाटक था जिस से तुम लोग निश्चिंत ना हो कि मैं सब भूल गया..

वो क्यूँ….

बस ऐसे ही….

इलाज़ करा लो तुम भी… मुझे लगता है तुम्हारा भी दिमाग़ खराब हो गया है…हमारी सांसे ऊपर नीचे कर डी थी तुमने…..तुम्हें पता भी है कि कितना परेशान था मैं और मीरा….कह का राहुल ने उसे ज़ोर से मारा

अरे मार क्यों रहे हो? गौरव ने कहा

मारे नहीं तो और क्या करें तुमने काम हि ऐसा किया है.

अच्छा sorry बस…. चलो अब सो जाओ कल सुबह अनुराधा को लेकर घर जाना है…

हम्म ठीक है…. राहुल और मीरा ने एकसाथ कहा

अगले दिन सारी फोर्मलिटी पूरी करके गौरव और राहुल रूम में आए तो उसने देखा मीरा अनुराधा का सामान रख रही  है… अनुराधा चेयर पर बैठी थी तभी डॉक्टर आए उन्होंने अनुराधा का चेक किया और गौरव को बोला…

सिर्फ आपके कहने पर हम इनको छोड़ रहे है…. इनका ध्यान रखियेगा हर वक़्त कोई इनके पास रहे अभी ये ठीक नही है मैं आपके साथ एक नर्स को भेज रहा हूँ

जी बिलकुल जैसा आप कहे डॉक्टर एक पल के लिए भी इनको हम अकेला नही छोड़ेंगे ….गौरव ने अनुराधा की तरफ देख कर मुस्कुराते हुए कहा

सब बाहर आ गए मीरा ने अनुराधा को एक तरफ से पकड़ा हुआ था वो धीरे – धीरे चल रही थी गौरव और राहुल डॉक्टर से बात करते हुए बाहर आ रहे थे…..

गाड़ी तक पहुँच कर गौरव ने डॉक्टर से हाथ मिलाया.. राहुल driving seat. पर बैठ गया…. मीरा ने अनुराधा को संभाल कर गाड़ी में बिठाया और खुद आगे बैठ गयी…… गौरव अनुराधा के साथ पीछे बैठ गया… अनुराधा उसे खा जाने वाली नज़रों से देख रही थी.. गौरव ने उसकी तरफ देखा और बोला चलें घर

अनुराधा ने मुह बनाया और खिड़की से बाहर देखने लगी….. गौरव ने अपना एक हाथ अनुराधा के पीछे किया और उसे थोड़ा सा  अपनी तरफ किया … अनुराधा ने उसे देखा तो वो मुस्कुरा कर बोला support के लिए आपका सिर सीट पर लगेगा तो लग सकती है….

राहुल और मीरा दोनो गौरव की इस बात को सुनकर मुस्कुरा रहे थे

चलें राहुल ने पूछा…. बिलकुल गौरव ने कहा

मीरा की सेक्योरिटी टीम के साथ सब हॉस्पिटल से रवाना हो गए मीरा ने दीनदयाल जी को फोन कर के चलने की खबर दे दी

भरद्वाज मेंशन में सब लोग इंतज़ार में थी कि कब गौरव अनुराधा के साथ आए… सभी लोग भरद्वाज मेंशन में थे…

लगभग तीन घण्टे बाद राहुल ने गाड़ी भरद्वाज मेंशन के गेट के अंदर ली…… और दरवाजे के सामने खड़ी कर दी राहुल,मीरा और गौरव तीनो गाड़ी से उतरे  मीरा ने अनुराधा की तरफ का दरवाज़ा खोला और अनुराधा को हाथ पकड़ के बाहर निकाला…. गौरव तब तक घूम कर उस तरफ आ गया था उसने अपना हाथ अनुराधा की तरफ बढ़ाया लेकिन अनुराधा ने उसकी जगह मीरा का हाथ पकड़ लिया और चलने लगी… गौरव उसके पीछे ही था दो सीढ़ी चढ़ते ही अनुराधा को चक्कर से  आने लगे वो पीछे गिरने को हुयी तो गौरव ने उसे संभाला और पूछा आप ठीक हैं?

अनुराधा ने इस बार ना में सिर हिलाया

गौरव ने बिना देरी किए उसको गोदी मे उठा लिया…. राहुल मीरा दोनो उसकी तरफ देखने लगे….. दरवाजे पर खड़ी शांति जी और बाकी सब भी आश्चर्य से उसके तरफ देख रहे थे …

शांति जी मुस्कुरा कर गुलाबो से कहा.,. आरती की थाली ले आओ… गुलाबो आरती की थाली ले कर…. जी कह कर गुलाबो आरती की थाली लेने चली गयी

गौरव तब तक अनुराधा को ऊपर ले आया…. और आराम से नीचे उतार दिया

शांति जी ने दोनों को एक साथ देखा तो उनकी आँखों में चमक आ  गयी वो मुस्कुरायी और उन्होंने दोनों की आरती उतरी…..और अंदर आने को बोला..

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कैसी हैं अनुराधा आप दीनदयाल जी ने पूछा?

ठीक हुँ अनुराधा ने कहा..

सबसे मिलने के बाद अनुराधा को मीरा अपने कमरे मे ले गयी और उसे आराम से बेड पर लिटा दिया |

आज के लिए इतना ही… फिर मिलूँगी नये कहानी के नये भाग के साथ ……

भाग – 18 का लिंक

सफ़र मुहब्बत का (भाग -18) : Moral Stories in Hindi

भाग – 16 का लिंक

सफ़र मुहब्बत का (भाग -16) : Moral Stories in Hindi

धन्यवाद

स्वरचित

कल्पनिक कहानी

अनु माथुर

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