सफ़र मुहब्बत का (भाग -15) : Moral Stories in Hindi

अब तक आपने पढ़ा….. 

अनुराधा के vip रूम में शिफ्ट होने के बाद जो नर्स उसकी ड्रेसिंग के लिए आती है वो गौरव पार चाकू से हमला करती है बाद में वो अपना नाम  स्मिता सिन्हा बताती है और फिर अपनी कहानी सुनाती है 

अब आगे…. 

गौरव अनुराधा को अपने से अलग करता  है और call bell को press करता है …स्मिता मुस्कुरा कर कहती है बेकार कोशिश कर रहे है गौरव….. कोई नही आयेगा…..ये vip रूम है किसी को ऐसे ही यहाँ आने की permission नहीं है और वैसे भी इसका connection मैंने पहले ही कटवा दिया था…

मीरा बाहर जाकर डॉक्टर को बुलाओ…..गौरव के ये कहते ही मीरा दोनों गार्ड्स को स्मिता को पकड़े रहने को कह कर बाहर की तरफ तेज़ कदमों से जाती है और थोड़ी देर में डॉक्टर और नर्स को ले कर आ जाती है… वो डॉक्टर स्मिता को ऐसे देख कर हैरान थे और  पूछना चाह रहे थे …..मगर गौरव ने कहा पहले आप इनको देखे… बाक़ी हम आपको बाद में बतायेंगे.

अनुराधा के जिस हाथ पर स्मिता ने मारा था वहाँ उसे दर्द हो रहा था …. उसने गौरव के हाथ को पकड़ा हुआ था कमज़ोरी की वजह से उसकी आँखे नहीं खुल रही थी 

गौरव उसका हाथ पकड़े हुए ही उसके सिरहाने बैठ जाता है और कहता है…. मैं कुछ नहीं होने दूँगा आपको….. 

डॉक्टर अनुराधा को चेक करते है…. उसकी drip वापस से लगा देते हैं और कहते है…. बाकी सब ठीक है अभी इनको  जो दर्द हुआ है उसके लिए दवा इस bottle के ज़रिये हमने दे दी है इनको आराम मिलेगा…. थोड़ी देर में हम फिर से चेक करने आएंगे 

डॉक्टर क्या हम अनुराधा को घर नही ले जा सकते…यहाँ अब रहना सही नही लग रहा और इतनी सेक्योरिटि के बाद भी ऐसा हो गया तो गौरव की भी जान को खतरा है…ये हॉस्पिटल है और यहाँ और भी मरीज़ है …….मीरा ने पूछा 

ठीक है मैं देखता हूँ आज तो यहीं रहिये  

ठीक है डॉक्टर 

अनुराधा दवा की वजह से फिर से सो जाती है

मीरा अपना फोन ऑन करके  सुरेंद्र जी को फोन लगाती है  सारी बात शॉर्ट में बताती है और कणिका को लाने के लिए बोलती है 

गार्ड्स ने स्मिता को पकड़ कर रखा हुआ वो उनसे छूटने की कोशिश करती है… 

मीरा उसके पास जाती है और कहती है… ये कोशिश मत करो क्योकि अगर तुम भागी तो ये लोग तुम्हें जिंदा नहीं छोड़ेंगे 

स्मिता मुस्कुराती है और कहती है… मार ही दो ज़्यादा अच्छा है मैं अगर जिंदा रही तो गौरव को मार दूँगी… 

गौरव उसकी ये बात सुनकर उसके पास आता है और घुटने के बल बैठ जाता है 

और स्मिता से कहता है …. 

Sorry कहना सही नही है… लेकिन मुझे नहीं पता था कि ऐसा कुछ है… तब मैंने DB. ग्रुप जॉइन ही किया था उस वक़्त सारे सुबूत सिन्हा uncle … 

“मत कहो उनको uncle… स्मिता ने चिल्लाकर कहा “

गौरव एक पल को रुका और फिर बोला….. मुझे पता है तुम्हें कैसा फील होता होगा मैंने भी अपने मम्मी पापा को खोया है….. माफ़ी मांगने का कोई हक़ तो नही मुझे…. लेकिन उस वक़्त मेरी जगह कोई भी होता तो वही करता जो मैंने किया 

तुम मुझे मारना चाहती हो? ठीक है मार लो… अगर ऐसा करने से तुम्हें तुम्हारा सब कुछ वापस मिल सकता है तो मुझे कोई परेशानी नही है… 

गार्ड्स छोड़ दो इनको….. गौरव ने कहा 

नहीं गौरव ये…. 

मीरा please बीच में मत बोलो जो होगा देखा जायेगा…. मेरे मरने से अगर इनको खुशी मिलती है तो ये ही सही …. 

गार्ड्स ने स्मिता को छोड़ दिया….. 

स्मिता ने हाथ छूटते ही गौरव की टी शर्ट का कॉलर पकड़ लिया और चिल्लाकर बोली … 

क्यों किया तुमने ऐसा…. क्यों नही एक मौका दिया  मेरे पापा को अपनी बात कहने का….. तुमने मेरी जिंदगी की सारी खुशियाँ छीन ली अनाथ कर दिया मुझे कहते – कहते स्मिता रो पडी….  गौरव चुप खड़ा उसकी बातों को सुन रहा था… उसने स्मिता के हाथ को अपनी कॉलर पर से हटाया उसे सोफे पर बिठाया…. और पानी का गिलास उसको दिया…. स्मिता हिचकियाँ भर कर रो रही थी.

गौरव उसका हाथ पकड़ कर नीचे बैठ गया और बोला … 

जिसने  तुमसे और मुझसे हमारी सबसे प्यारी चीज छीन ली उसके बारे में जानना नहीं चाहोगी कि क्या हुआ ? 

स्मिता ने अपने आसुओं से भरे हुए चेहरे से गौरव की तरफ देखा और बोली उनका accident हो गया था और वो on the spot मर गए 

गौरव ने कहा…. जब मुझे पता चला कि बर्मन ने ये सब किया तब तक बहुत देर हो चुकी थी…… बर्मन को मैं तब कुछ नही कह सकता था उसके खिलाफ कुछ था ही नही….. जिस bike की वजह  से पापा की गाड़ी का accident हुआ था वो खाई में गिर गयी थी उसका पता लाख कोशीशों के बाद भी नही लगा 

पुलिस ने बताया कि वो  bike चोरी की थी.. बाबा ने और मैंने पूरी जान लगा दी तब जाकर बर्मन के बारे मे पता चला…. लेकिन उस समय वो इस देश में नहीं था 

जब उसके आने की खबर मिली तो पता चला आते वक़्त उनका बहुत बड़ा एक्सीडेंट हुआ लेकिन वो मरे नहीं

गौरव कि इस बात पर स्मिता ने उसे देखा… 

गौरव फिर बोला उनकी body accident के बाद दूर जाकर गिरी उसका driver मर गया था और उनका एक आदमी जो कि उनके साथ था ….जब तक पुलिस पहुँची वो बेहोश थे उनकी body काफी जल चुकी थी…. उनके खिलाफ बहुत सारी complaints दर्ज थी ….पुलिस ऐसे तो उनको गिरफ्तार नही कर सकती थी… इसलिए उनका इलाज शुरू हुआ और फिर हमें कमिशनर साहब ने सब बताया …. बहुत सोचने के बाद मैंने और बाबा ने उनका इलाज कराने के लिए कमिशनर साहब को बोला ….उन्होंने भी अपने depatment में बात की और वो राज़ी हो गए…..लेकिन बिना ज़्यादा लोगो को पता चले और उनकी file बंद कर दी 

 मैं इतनी आसानी से उनको कैसे मरने देता .. बेस्ट डॉक्टर से उनका इलाज करवाया और वो ठीक होने लगे …. लेकिन वो कहते हैं ना कि बुरे कामों का फल मिलता है चाहे देर से ही सही…… उनको लकवा मार गया एक side पूरी तरह से  बेकार हो गयी…. वो सिर्फ़ जिंदा है…. देखना चाहोगी उनको ? 

गौरव ने अपने फोन से  video call की.. 

दूसरी तरफ से एक वार्डबॉय ने फोन उठाया 

हैलो सर …उसने बोला 

कैसे हो शिव ? 

अच्छा हूँ सर आप बताईये 

ज़रा दिखाओ बर्मन को 

शिव ने वीडियो बर्मन की तरफ कर दिया 

स्मिता ने देखा बर्मन बेड पर लेटा हुआ है और हिल –  डुल भी नहीं पा रहा है.. शिव ने वीडियो उसके चेहरे के सामने किया… स्मिता को देख कर बर्मन ने अपना एक हाथ माफ़ी मांगने की मुद्रा में उठाया वो कुछ बोलने की कोशिश कर रहा था.. 

शिव ने बर्मन को हाथ में पेन दिया और एक letter pad  जो उसने पकड़ा हुआ था 

बड़ी मुश्किल से बर्मन ने लिखा… माफ कर दो और पेन उसके हाथ से छूट गया…. 

स्मिता रो पड़ी थी इस बार मीरा ने उसे गले से लगा लिया और उसको रोने दिया बहुत देर तक स्मिता  रोती रही.. जब वो शांत हुयी तो मीरा ने उसे पानी दिया और बोली… 

कभी – कभी किसी की कोई गलती नही होती हालात ऐसे हो जाते है कि कुछ किया नही जाता….

स्मिता अब शांत थी….. गौरव उठ कर अनुराधा के पास आया  वो अभी भी सो रही थी वो प्यार से उसका सिर सेहलता है और चेयर पर बैठ जाता है

उधर रस्तोगी जी,राहुल, डेविड दीनदयाल जी और बाक़ी सबको सुरेंद्र जी सारी बात बताते है और अपनी टीम के साथ स्मिता के घर के लिए निकाल जाते है |

रस्तोगी जी दीनदयाल जी से हाथ जोड़ कर माफ़ी मांगते है…. दीनदयाल जी उनको बैठाते हुए कहते है… कोई गलती नही है आपकी.. आपकी जगह कोई भी होता तो यही करता …. बल्कि कणिका के लिए हमें आपसे माफ़ी मांगनी चाहिए…. 

नहीं ये आप क्या कह रहे है…. बस वो सही सलामत वापस आ जाए… 

आ जायेगी कुछ नही होगा उसको…. दीनदयाल जी ने कहा 

राहुल ने  मीरा को फोन किया 

मीरा…. 

हाँ बोलो राहुल 

सब ठीक है वहाँ? गौरव को कुछ हुआ तो नही और अनुराधा जी ठीक है 

हाँ सब ठीक है…. गज़ब की बहादुर है अनुराधा आज उसने फिर से गौरव को बचा लिया .. उसके हाथ में लगी थी… डॉक्टर ने उसे नींद की और दर्द कम होने की दवा दी है… अभी वो सो रही है 

हाँ.. सही कहा तुमने …. गौरव ये बात समझे तब ना? 

मीरा हँसी और बोली…. समझ भी गया है और शायद वो बदल गया है 

मतलब? 

अनुराधा शायद उसको पसंद है… 

क्या?? अरे बताओ तो ऐसा कब हुआ 

कब का तो मुझे पता नहीं लेकिन कुछ है तो

अरे जल्दी बताओ…. यार मैं क्यों नहीं हूँ वहाँ ये सब देखने के लिए …. 

मीरा हँसी और बोली क्योकि तुम्हारे नसीब मे ये नहीं है…ऑफिस के कामों में ध्यान दो  

हाँ वहीं दे रहा हूँ…… बाक़ी मैं सारी बात मिलकर सुनूँगा चलो बाय मेरी मीटिंग है अभी 

बाय…..  कह कर मीरा ने फोन cut कर दिया…. 

स्मिता गौरव के पास जाकर कहती है sorry तो मुझे भी बोलना चाहिए…. मेरी वजह से 

कुछ नहीं हुआ…. अगर होता तो मैं तुम्हें मार डालता गौरव मुस्कुराते हुए कहता है 

चलो अब सब clear हो गया अब भी कुछ है तो स्मिता तुम कह सकती हो…. स्मिता अनुराधा के पास जाती है उसके हाथ पर अपना हाथ रखती है और बोलती है….. Sorry 

तभी दरवाज़े पर कोई knock करता है….गार्ड्स दरवाज़ा खोलते है…. बाहर पुलिस खड़ी थी एक लेडी कॉस्टेबल के साथ सबने उस तरफ देखा तो पुलिस इंस्पेक्टर ने कहा…… हमें कमिशनर साहब ने  स्मिता सिन्हा की गिरफ्तारी के लिए भेजा है ये रहा वारेंट ….. 

जी मैं तैयार हूँ….. स्मिता ने कहा 

गौरव उठ कर खड़ा हुआ और बोला लेकिन मैंने तो कोई complaint नही की ना ही FIR तो आप कैसे इनको ले जा सकते है.. 

सर हम इनको ले कर तो जायेंगे ही आपको जो बात करनी है वो थाने मे आ कर कीजिये…. ऐसा कह कर लेडी कांस्टेबल  स्मिता को अपने साथ ले गयी |

आशा करती हूँ कहानी का ये भाग आपको पसंद आया होगा फिर मिलूँगी जल्दी ही

भाग – 16 का लिंक

सफ़र मुहब्बत का (भाग -16) : Moral Stories in Hindi

भाग – 14 का लिंक

सफ़र मुहब्बत का (भाग -14) : Moral Stories in Hindi

धन्यवाद

स्वरचित

कल्पनिक कहानी

अनु माथुर

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