सफ़र मुहब्बत का (भाग -13) : Moral Stories in Hindi

अब तक आपने पढ़ा…

अनुराधा को ले कर राहुल हॉस्पिटल पहुँच जाता है….. डॉक्टर उसे देखते है और उसे होश आने तक obzervation में रखने के लिए बोलते है

अब आगे….

दीनदयाल जी और बाक़ी सब ब्लड का इंतज़ाम करने के लिए   सब को पूछना शुरू करते हैं कमिशनर साहब अपनी एक टीम को हॉस्पिटल जाने के लिए बोलते है… ये रात किसी के लिए भी आसान नही थी….. शांति जी अपने घर में बने हुए मन्दिर में जाकर अनुराधा के ठीक होने की प्रार्थना करती है …. सभी हॉस्पिटल से अच्छी खबर आने की उम्मीद में बैठे हुए थे….

डॉक्टर महेश्वरी हॉस्पिटल पहुँच जाते है

गौरव उनको सब बात बताता है…

वो उस डॉक्टर से मिलते है जिन्होंने अनुराधा का treatment किया था  और गौरव के पास वापस आ जाते है .

गौरव डॉक्टर ने अपनी तरफ से बेस्ट treatment दिया है…. अब अनुराधा को होश आयेगा तभी पता चलेगा…. तुम फिक्र मत करो… बहुत बहादुर लड़की है ये देखना ये लडाई ये जीत कर आयेगी …मैं यही पर हूँ…… वो उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहते है

गौरव हाँ में सिर हिलता है …..डेविड सबके लिए चाय ले कर आता है….. गौरव लेने से मना कर देता है… मीरा उस से कहती…. गौरव अनुराधा को होश अपने समय से ही आयेगा……. तुम्हारे ये सब करने से वो ठीक नही होगी बल्कि तुम बीमार हो जाओगे.. गौरव उसके कहने पर चाय ले लेता है

राहुल डॉक्टर महेश्वरी से कहता है …कोई रूम मिल सकता है यहाँ ?

मैं बात करता हूँ…. डॉक्टर महेश्वरी थोड़ी देर में वापस आते है और कहते है एक Vip रूम खाली है… लेकिन कोई इमर्जेंसी हुयी तो जाना पड़ेगा…..

ठीक है  कोई बात नही राहुल ने कहा

चलो गौरव थोड़ा रेस्ट करो तुम भी..

नहीं मुझे कहीं नही जाना मैं यहीं हूँ….

गौरव तुम्हारे यहाँ बैठे रहने से उनको होश नही आने वाला… तुम्हरी तबियत और खराब होगी

राहुल ठीक कह रहा है गौरव..ज़िद मत करो..मीरा ने कहा

डेविड कुछ देखो खाने के लिए मिले तो

यहाँ कैंटीन है …डेविड ने रेसेप्शनिस्ट से पूछा

जी है …. उस तरफ

चलो गौरव कुछ खाओ पहले…. मीरा ने कहा

लेकिन अनुराधा को अकेला कैसे छोड़ कर जाए.. ? गौरव ने कहा

तभी कमिशनर साहब ने जो टीम भेजी थी वो वहाँ पहुँच गयी

उनमें से एक ने अनुराधा के बारे में रेसेप्शनिस्ट से पूछा तो उसने गौरव की तरफ इशारा कर के बताया कि वो है

उन्होंने वहाँ पहुँच कर बताया कि उनको कमिशनर साहब ने भेजा है …मीरा ने फोन करके दीनदयाल जी से जो लोग आए थे उनके बारे में पूछा…. दीनदयाल जी ने कहा कि उनको कमिशनर साहब ने ही भेजा है

ये सुनकर राहुल ने कहा अब चलो ये लोग है यहाँ और हम जल्दी आ जायेंगे

गौरव बेमन से राहुल के साथ कैंटीन मे जाता हैं…. और सबके कहने पर थोड़ा कुछ खा लेता है….. सब वापस रूम के पास आ जाते है जहाँ अनुराधा थी….. अब पुलिस थी तो डरने की कोई बात नहीं थी

राहुल,गौरव , मीरा, और डेविड vip रूम में आ जाते है…. सब लोग बस अनुराधा को  होश आए इसी बात का इंतज़ार कर रहे थे

मीरा और डेविड दोनों ही वहाँ रखे हुए सोफे पर बैठ जाते है….. राहुल भी chair पर बैठ जाता है  गौरव रूम की खिड़की के पास जा कर खड़ा हो जाता है…… और बाहर देखने लगता है….. राहुल उसे ऐसे देखता है तो उठ कर उसके पास जाता है..

क्या हुआ?

कुछ नही

कुछ तो……

गौरव  दीवार से टिक कर खड़ा हो गया उसने अपनी आँखें बंद की और बोला..

कहते है कभी – कभी सोचा हुआ सच हो जाता हैं…..मैंने तो नकली हमला करवाने के लिए बोला था…..कितना बोला तुम लोगो ने लेकिन मैंने माना ही नही….. ये सब मेरा गलत सोचने से हुआ…. ना मैं सोचता ना ये सब होता…… मैं अब बस ये ही प्रार्थना करता हूँ कि उन्हें कुछ ना हो….. मेरी जान बचाने के लिए उन्होंने अपनी ज़रा भी परवाह नही की…. सही कहा था कमिशनर साहब ने…..ये वाकयी में बहुत काबिल ऑफिसर है…..

गौरव फिर से खड़की से बाहर देखने लगा…

राहुल ने कहा चलो जो हो गया उसको रहने दो….. तुम बैठो

मीरा अपने फोन में देखते हुए कहा…. ये हमला करवाया किसने…. हम कहाँ थे ये किसी को पता नही था…. राहुल को घर छोड़ने के बाद ऐसे कैसे कोई गाड़ी का पीछा कर सकता है….. गौरव किसी का फोन आया था या तुमने किसी को कुछ बताया था…..

गौरव ने कुछ सोचते हुए कहा…. जब हम चाय की दुकान पर थे तब रस्तोगी जी का फोन आया था…. वो पूछ रहे थे कि सब ठीक से हो गया और अभी तुम घर पहुँचे या नही …… तो मैंने उन्हें बताया कि हम कहाँ है?

क्या?? रस्तोगी जी कणिका के पापा.. मीरा ने पूछा

हाँ…

गौरव कितनी बार मना किया तुम्हें मत बताया करो कि तुम कहाँ हो….. क्या पता उन्होंने ही ये सब करवाया हो

नहीं वो क्यों करवाएंगे वो तो बाबा के अच्छे जानने वालो में से है….

बिजनेस में कोई यारी दोस्ती नहीं होती.. और तुमसे से पूरे रियल एस्टेट वाले जलते है….. खैर अब जो होना था हो गया मैं फोन करके पापा को बता देती हूँ…. कि ये खबर बाहर ना

जाए |

हैलो पापा…. आपसे ज़रूरी बात करनी थी आप अगर सबके साथ बैठे है तो थोड़ा दूर आ जाइये…

ठीक है….. हाँ बोलो

पापा गौरव पर हमला हुआ है इसकी बात बाहर नहीं जानी चाहिए… बाबा को और बाक़ी सबको भी मना कीजिए…. और सबसे ज़रूरी बात मुझे लगता है रस्तोगी जी ने उस पर हमला करवाया है….. ऐसा कह कर मीरा गौरव से हुयी सारी बात उनको बताती है..

लेकिन रस्तोगी जी तो हमसे आने से पहले यहीं थे…. दीनदयाल ने बताया कि उनकी गौरव से बात हुयी और उसने वही बात बतायी जो तुम बता रही हो..

पापा आप किशन, गुलाबो और बाक़ी सब को अलर्ट कीजिए……और अपनी टीम को बुलाइये….. वैसे तो ये हमला गौरव पर हुआ है जिसमे बेचारी अनुराधा को लग गयी और थोड़ी सेक्योरिटी की व्यवस्था मैं करती हूँ |

ठीक है यहाँ मैं देख लेता हूँ

Ok मैं बाद में बात करती हूँ

Ok

क्या हुआ वर्मा साहब सब ठीक तो है… क्या देखने की बात कर रहे थे आप रस्तोगी जी ने पूछा

आप..?

हाँ वो मैंने देखा आप बात करते करते कुछ परेशान लग रहे थे… इसलिए  हॉस्पिटल में सब ठीक है?

हाँ सब ठीक है

भगवान् का शुक्र है कि गौरव सही है  ..

जी… चले

हाँ

उधर हॉस्पिटल  में मीरा ने सारी बात डेविड को बतायी और उसे भारद्वाज मेंशन जाने के लिए बोला… डेविड तुरंत जाने के लिए रेडी हो गया….. डेविड घर के आस – पास ध्यान देना कोई भी दीखे जिस पर doubt तो पापा बताना …और पहुँच कर फोन करना

डेविड ने हाँ में सिर हिलाया और चला गया

पूरी रात इसी तरह बीत गयी…. गौरव थोड़ी – थोड़ी देर में अनुराधा के रूम के बाहर जाता और निराश हो कर वापस आए जाता… मीरा ने कुछ लोगो को बुला लिया था…. राहुल और मीरा पूरी तरह हर बात पर नज़र रखे हुए थे…

हल्का सा उजाला सुबह की पहली किरन के साथ होने लगा था… अनुराधा के कमरे जो नर्स थी उसने देखा तो अनुराधा की पलकें हिल रही थी..उसने धीरे से अपनी पलकों को खोला नर्स ने उसे देखा तो बेल बजा दी….

आप ठीक हैं मैम? उसने अनुराधा के पास जा कर पूछा तो अनुराधा ने हल्का सा हाथ हिलाया

तब तक डॉक्टर के साथ डॉक्टर महेश्वरी  भी अंदर आ गए…. एक वार्ड बॉय ने गौरव को भी जाकर बता दिया वो तीनों तेज़ कदमों से चलते हुए रूम के बाहर खड़े हो गए…. गौरव ने दरवाज़े में लगे हुए शीशे में से देखने की कोशिश की तो उसे अनुराधा दिखायी नही दी…. डॉक्टर और नर्स उसे घेरे हुए खड़े थे..

कुछ देर बाद डॉक्टर बाहर आए उन्होंने कहा…… अनुराधा अब खतरे से बाहर है लेकिन इसका मतलब ये नही है कि ये ठीक है….. इनका बहुत खून बह गया है अभी बस वो ठीक है पूरी तरह recover होने में इनको बहुत समय लगेगा चोट सिर की है हमे देखना होगा

वो वैसे तो ठीक है ना? कोई और परेशानी तो नही है ना ? गौरव ने पूछा

नहीं वैसे वो ठीक है बस उनको पूरी तरह से रेस्ट करना होगा मतलब हिलने भी नही देना है फिल्हाल

ठीक है डॉक्टर….क्या हम मिल सकते है? गौरव ने कहा…

नही अभी आप सिर्फ यहीं से देख सकते है उनको

उनकी इस बात पर गौरव थोड़ा निराश हो गया….

आप आज भर का wait कीजिए वैसे भी वो दवाइयों के असर से वो सो रही है…..

ठीक है… गौरव ने कहा

राहुल  ने गौरव के कंधे पर हाथ रखा और बोला ….वो ठीक है हमारे लिए खुश होने के लिए  इतना ही बहुत है….मीरा ने भी गौरव से यही कहा ….गौरव ने फिर से एक बार दरवाज़े के शीशे में से देखा तो अनुराधा उसे पहले की तरह करवट ले कर लेटी

थी |

मीरा ने call करके अपने पापा को सब बता दिया…. सब इस बात से खुश थे कि अनुराधा को होश आ गया है…. दीनदयाल जी ने सबसे उनका इस मुश्किल वक़्त में साथ देने के लिए धन्यवाद कहा…..

शांति जी ने सबके लिए गुलाबो से कह कर  चाय नाश्ता लगवाने को बोला और उन सबको फ्रेश होने के लिए बोला

सुरेंद्र जी रस्तोगी जी पर कड़ी नज़र रखे हुए थे…. लेकिन उन्हें कुछ भी गलत लगा नही उन्होंने मीरा से बात ना करके उसको msg से ये बात बतायी…. डेविड ने किशन के साथ मिलकर  सेक्योरिटी और बढ़ा दी थी..

मीरा कोजब सुरेंद्र जी का msg मिला तो उसने वो बात राहुल और गौरव को भी बता दी

राहुल ने गौरव से कहा ….तुम घर चलोगे या यही रहना है ऑफिस में रीना को बोल दें सब  देखने के लिए…..

नहीं तुम जाओ ऑफिस… …मैं हूँ यहाँ रीना सब कुछ नहीं संभाल सकती और हम अनुराधा को यहाँ नहीं रखेंगे…. मैं घर ले जाने की बात करता हूँ…. यहाँ कुछ भी सेफ नहीं लग रहा मुझे…

डॉक्टर आ जाए तो बात करते है….

तभी डॉक्टर महेश्वरी उनके पास आए

गौरव ने उनसे कहा….हम अनुराधा को घर ले जाना चाहते है क्या लेजा सकते हैं?

अभी एक दिन और उनको यहीं रहने दीजिए…देख लेते है फिर मैं खुद उनका treatment देख लूँगा

ठीक है… गौरव ने कहा

शांति जी ने  अनुराधा का हाल जानने के लिए गौरव को फोन किया

हाँ बोलिए ….

कैसी है अनुराधा? तुम बात करो यहाँ ले आओ अगर डॉक्टर कहें

आज तो डॉक्टर मना कर रहे है..

तुम ठीक हो..

ह्म्म ठीक हूँ…

सब ठीक हो जायेगा गौरव.. कुछ बात हा तो फोन करना और अपना ध्यान रखो

जी…. कह कर गौरव ने फोन cut किया

अनुराधा को इमर्जेंसी रूम से vip रूम में शिफ्ट कर दिया था…मीरा और गौरव हॉस्पिटल में ही थे मीरा ने गौरव को रूम में से बाहर निकालने को मना कर दिया था..

गौरव अनुराधा के बेड के सामने वाले सोफे पर बैठा हुआ उसे ही देखे जा रहा था…अचानक वो उठा और अनुराधा के बेड के पास chair ले कर बैठ गया उसने अनुराधा के गाल पर आ रहे बालों को हल्के से उसके कान के पीछे किया और बोला….

I am sorry उसने उसका हाथ अपने हाथ में ले लिया…..आप का गुनहगार हूँ मैं…..मैंने क्यों सोचा ऐसा कुछ

Please मुझे माफ कर दो मैं इतना बुरा नहीं हूँ…. होश में आओ ….मुझे वापस से वही अनुराधा दे दो जिसके पास मेरी हर बात जवाब होता है….. गौरव की आँखों से आँसू बह कर अनुराधा के हाथ पर गिर रहे थे……

आशा करती हूँ कहानी का ये भाग आपको पसंद आया होगा जल्दी ही फिर मिलूँगी….

भाग – 14 का लिंक

सफ़र मुहब्बत का (भाग -14) : Moral Stories in Hindi

भाग – 12 का लिंक

सफ़र मुहब्बत का (भाग -12) : Moral Stories in Hindi

 

धन्यवाद

स्वरचित

कल्पनिक कहानी

अनु माथुर

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