सच्चाई – प्राची_अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

कपिल जी ने अपनी बेटी का विवाह बड़े धूमधाम से किया। लेकिन विवाह के दो महीने पश्चात ही बेटी ससुराल छोड़कर मायके आ धमकी। दोनों पक्षों के बीच में वाद विवाद भी खूब हुए। कानूनी कार्रवाई कर कर फैसला कर लिया गया।

अब कपिल जी अपनी बेटी के लिए किसी दूसरे अच्छे रिश्ते की तलाश में थे। अबकी बार #गिन_गिन_कर_पैर रख रहे थे। इसलिए दोनों मियां बीवी अपनी बेटी काव्या की जन्म पत्री लेकर पंडित जी से सलाह मशविरा करने गए। पंडित जी जन्मपत्री देखने के बाद बोले ऐसी कोई कमी तो नहीं है बिटिया की जन्मपत्री में। फिर ऐसी क्या बात हो गई जो तलाक तक की नौबत आ गई है।

कपिल जी बोले,”हमने अपनी बेटी को बड़े नाजों से पाला है। वहां पर इसकी कद्र ही नहीं थी।”

काव्या की मम्मी रितु तपाक से बोली,” मैंने रसोई में पैर भी ना रखने दिया अपनी बेटी को। हमेशा पढ़ाई-लिखाई में लगी रही। वहां जाते ही काम में लगा दिया।”

जब हमने दामाद जी से कहा मेरी बेटी आपके साथ दूसरे शहर में अलग रहेगी तो उन्होंने तुरंत मना कर दिया। ऐसे कैसे अकेला छोड़ देते अपनी बेटी को।”

लड़का अपने मां-बाप से चुपका ही रहता था। अपने मां-बाप को छोड़ने को राजी ही ना हुआ। इसलिए हमने तलाक करवा लिया।”

पंडित जी की बात को गंभीरता से सुनते रहे। फिर बोले, “भाई साहब आपकी तलाश अनाथालय में जाकर ही पूरी होगी क्योंकि वही आपको बिन परिवार का लड़का मिल सकता है। और आप भी भविष्य के लिए वृद्ध आश्रम में अपना स्थान सुनिश्चित कर लीजिए क्योंकि कल को आपके यहां भी बहू आएगी तो उसे भी तो आप नहीं चाहिए होंगे। इसलिए आपका बेटा बहु सुकून से रहे, आप वृद्धाश्रम में ही सही रहेंगे।

पंडित जी की बात सुनकर दोनों पति-पत्नी को तिलमिले लग जाते हैं। पंडित जी से झगड़ कर दोनों पति-पत्नी तेजी से बाहर निकल जाते हैं। क्योंकि पंडित जी ने सच्चाई बताकर उन्हें आईना जो दिखा दिया था। जिसे वह देखना नहीं चाहते थे।

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