जैसे जैसे चिराग के रिजल्ट घोषित होने का दिन नजदीक आ रहा था शोभा जी के पूजा पाठ का समय भी बढ़ता जा रहा था…वैसे तो वो रोज ही पूजा करती ही थीं परंतु इस समय तो मंदिर में बहुत ध्यान लगा के पूजन हवन करने लगी हैं…आखिर उनकी प्रतिष्ठा जो दांव पर लगी है इस रिजल्ट के साथ अरे उनकी ही क्यों दीप कोचिंग की भी…!!
…अरे शोभा जी आप भी अपने बेटे चिराग को दीप कोचिंग में क्यों नहीं भेजती हैं मेरा बेटा तो पिछले एक महीने से रोज जा रहा है….एक दिन राकेश जी ने मॉर्निंग वॉक के समय कहा तो शोभा जी भी सोच में पड़ गईं थीं
पर भाईसाहब बच्चों को सेल्फ स्टडी का टाइम भी तो देना चाहिए… सुबह से स्कूल जाते हैं वहां इतनी पढ़ाई करते हैं एक्स्ट्रा क्लास भी लगती है फिर हर विषय के इतने असाइनमेंट मिलते हैं बच्चे के पास कोचिंग जाने का टाइम ही नहीं है …फिर चिराग के पापा ही बहुत अच्छे से उसको पढ़ा देते हैं किसी भी सब्जेक्ट को….शोभा जी ने निश्चिंत होते हुए पर किंचित व्यग्रता से कहा
अरे आप भी कैसे बातें कर रही हैं आज कल की पढ़ाई लिखाई हम पुराने समय के पढ़े लिखे लोगो की क्या समझ में आ पाएगी …मेरा बेटा शानू तो कोचिंग करने से बहुत निश्चिंत है..कोर्स को समझने में बहुत मदद मिलती है…..अरे शोभा जी आज जमाना बदल रहा है आज के बच्चों के पास अपार क्षमता होती है वो सब कुछ कर सकते हैं….और आजकल कोचिंग तो बहुत जरूरी है…
…हां हां शोभा कोचिंग तो बहुत जरूरी है आश्चर्य है अभी तक तुम आंख बंद करके बैठी हो मेरा बेटा तो एक महीने से कोचिंग जा रहा है आखिर इस साल बोर्ड परीक्षा होनी है …पड़ोसन बबली ने भी बड़ी चिंता से कहा तो राकेश जी की बातें शोभा जी के मन में बैठ सी गईं।…सही तो कह रहे हैं राकेश जी चिराग के पापा भला आज कल की पढ़ाई क्या जानें!!
आखिर बोर्ड कक्षा के रिजल्ट का सवाल है स्कूल में टॉपर बच्चे का एडमिशन शहर के सर्वाधिक प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज में तुरंत ले लिया जाएगा आगे की पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप की पात्रता भी होगी…..वो चिराग की पढ़ाई में कोई कमी नहीं रखना चाहती थी ..फिर इसी कॉलोनी में ही सुधा जी ,बबली,शारदा जी किशन और कमला के भी बच्चे चिराग के साथ कंपटीशन में हैं…शोभाजी को अब ये कंप्टीशन चिराग का कम अपनी खुद की मान प्रतिष्ठा का ज्यादा लगने लग गया था।
क्यों बेटा चिराग ये दीप कोचिंग कैसी है बच्चे वहां जाते हैं सुना है मैंने बोर्ड परीक्षा की विशेष तैयारी करवाते हैं ये लोग!!!घर आते ही उन्होंने चिराग से पूछा तो चिराग को तो मानो मन की मुराद ही मिल गई थी… हां मां ठीक सुना है आपने ..कैसी क्या बहुत अच्छी कोचिंग है …मेरे तो सारे दोस्त वहीं जाते हैं पापा से कितनी बार कह चुका हूं मैं… पर पापा को तो मेरी बात सुनना ही नहीं रहता …कहते है कोचिंग जाने की कोई आवश्यकता नहीं है ..अपने आप पढ़ो घर पर और मुझसे समझ लो..मुझे नहीं पढ़ना पापा से मम्मी….आप ही कुछ करो…. मेरी तो हर बात गलत ही लगती है उन्हें…इतनी इंसल्ट लगती है अपने दोस्तों के सामने मुझे मम्मी….दिल का पूरा गुबार फट गया था चिराग का।
ओफ्फो तूने मुझे क्यों नहीं बताया था बेटा इस बारे में..! बिचारा मेरा बच्चा अनावश्यक दुखी हो रहा है इतनी सी बात को लेकर हीन भावना आ गई है तो पढ़ाई कैसे कर पाएगा …! शोभा जी ये सोच कर ही दुखी और चिंतित हो गई।
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सबक (भाग 2) – लतिका श्रीवास्तव : hindi story
लतिका श्रीवास्तव